Garhwa

कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम में पुस्तक विक्रेताओं ने रखी अपनी व्यथा, विद्यालयों की मोनोपॉली पर उठे गंभीर सवाल

Join News देखो WhatsApp Channel
#गढ़वा #शिक्षा_व्यवस्था : कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम में स्थानीय पुस्तक विक्रेताओं ने विद्यालयों द्वारा किताबें व स्टेशनरी बेचने की समस्या रखी, एसडीएम ने पुस्तकों के महत्व पर जोर दिया।
  • सदर गढ़वा में कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम में पहली बार बड़ी संख्या में स्थानीय पुस्तक विक्रेता हुए शामिल।
  • निजी विद्यालयों द्वारा किताब–कॉपियाँ–स्टेशनरी बेचने से आजीविका प्रभावित होने की बात बुकसेलर्स ने रखी।
  • एसडीएम संजय कुमार ने कहा—किताबों का महत्व सर्वोच्च, इंटरनेट कभी किताब की जगह नहीं ले सकता।
  • विक्रेताओं ने बताया—विद्यालय मोनोपॉली वाले प्रकाशकों की पुस्तकें ऊँचे दाम पर बेचने को बाध्य करते हैं।
  • जाम की समस्या, विद्यालय प्रबंधन से समन्वय सहित कई मुद्दे भी उठाए गए।
  • आइये खुशियां बांटें” अभियान में पुस्तक विक्रेताओं का सहयोग—कॉपी, किताबें, लेखन सामग्री देने की पेशकश।

गढ़वा सदर अनुमंडल में आयोजित कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम आज उस समय खास बन गया जब पहली बार शहर के पुस्तक विक्रेता प्रशासन के साथ एक ही मंच पर बैठे। कार्यक्रम की मेजबानी सदर एसडीएम संजय कुमार ने की। पुस्तक व्यवसायियों ने बताया कि वर्षों से विद्यालयों द्वारा किताबों और स्टेशनरी की बिक्री से उनके व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। विक्रेताओं के अनुसार, निजी स्कूल अब किताबें, कॉपियाँ, स्टिकर, प्रैक्टिकल नोटबुक से लेकर लगभग सभी स्टेशनरी आइटम स्वयं बेचने लगे हैं। इससे बाजार के दुकानदारों की बिक्री लगातार गिर रही है।

विद्यालयों की मोनोपॉली से परेशान पुस्तक विक्रेता

बैठक में उपस्थित पुस्तक विक्रेताओं ने बताया कि विद्यालयों द्वारा बेची जाने वाली किताबें अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) पर उपलब्ध कराई जाती हैं, जबकि दुकानदार वही पुस्तकें छूट देकर देते हैं। इसके बावजूद अभिभावकों को विद्यालय से ही खरीदने के लिए मजबूर किया जाता है। कई विद्यालय ऐसे प्रकाशकों की पुस्तकें मंगाते हैं जिनकी बाजार में उपलब्धता नहीं होती, जिससे मोनोपॉली की स्थिति बन जाती है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर पहली बार बुलाए जाने से उन्हें उम्मीद जगी है कि उनके मुद्दों का समाधान निकल सकता है।

“किताबों का स्थान सर्वोच्च”—एसडीएम संजय कुमार

एसडीएम संजय कुमार ने कहा कि पुस्तक दुकानें सिर्फ व्यापार का स्थान नहीं, बल्कि युवाओं के भविष्य का आधार हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल दौर में किताबों के सामने नई चुनौतियाँ जरूर खड़ी हुई हैं, लेकिन किताब का स्थान कभी इंटरनेट या ई-बुक्स नहीं ले सकतीं
उन्होंने पुस्तक विक्रेताओं को सम्मान देते हुए कहा कि प्रशासन उनके मुद्दों को गंभीरता से सुनेगा और समाधान के लिए ठोस कदम उठाएगा।

जाम से लेकर व्यक्तिगत समस्याएँ भी सामने आईं

बैठक में कुछ विक्रेताओं ने व्यक्तिगत व व्यावसायिक समस्याएँ भी रखीं। अधिकांश ने बताया कि विद्यालयों की छुट्टी के समय गढ़वा शहर में भारी जाम लग जाता है। इस पर एसडीएम ने कहा कि स्थिति की जानकारी है और वे प्रशासन एवं विद्यालय प्रबंधन के साथ बैठक कर समाधान निकालने की दिशा में काम करेंगे।

“आइये खुशियां बांटें” अभियान में बढ़ा सहयोग

पुस्तक विक्रेताओं ने एसडीएम के आइये खुशियां बांटें अभियान की सराहना की और इसमें शैक्षिक सामग्री के साथ जुड़ने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा कि वे जरूरतमंद बच्चों तक किताबें, कॉपियाँ और लेखन सामग्री पहुंचाने में प्रशासन का सहयोग करेंगे।
एसडीएम ने इस पेशकश की सराहना करते हुए कहा कि सामाजिक सहभागिता से ही अभियान अधिक प्रभावी बनेगा।

कौन–कौन थे मौजूद

बैठक में सहारा स्टेशनरी, न्यू बिहार बुक डिपो, गुप्ता बुक सेंटर, तिवारी बुक डिपो, श्री स्टेशनरी, आर्या स्टेशनरी सहित शहर के कई प्रतिष्ठित पुस्तक विक्रेताओं ने हिस्सा लिया। प्रमुख रूप से गिरिजेश मिश्रा, हर्ष कश्यप, अनिकेत राज, देवानंद गुप्ता, विवेक कश्यप, अरविंद कुमार दुबे, शैलेंद्र कुमार सहित अन्य विक्रेताओं ने अपने विचार रखे।

न्यूज़ देखो: शिक्षा और बाजार दोनों का संतुलन जरूरी

विद्यालयों द्वारा किताबें बेचने के प्रचलन से खुदरा व्यापारियों पर असर पड़ना स्वाभाविक है। प्रशासन द्वारा इस विषय पर संवाद शुरू करना सकारात्मक कदम है। यदि विद्यालय, प्रशासन और स्थानीय व्यवसायी मिलकर समाधान निकालते हैं, तो शिक्षा व्यवस्था भी मजबूत होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था भी।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

शिक्षा का प्रकाश सब तक पहुँचे

किताब सिर्फ ज्ञान नहीं, समाज की दिशा है। प्रशासन और पुस्तक विक्रेताओं का यह संवाद बच्चों के भविष्य को सुरक्षित और समाज को बेहतर बनाने की दिशा में अहम कदम है।
आप भी अपनी राय साझा करें, खबर को आगे बढ़ाएँ और शिक्षा–सहयोग के इस अभियान से जुड़ने का संदेश दूसरों तक पहुँचाएँ।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250610-WA0011
IMG-20250925-WA0154
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250604-WA0023 (1)
20251209_155512
1000264265
IMG-20250723-WA0070
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Sonu Kumar

गढ़वा

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: