
#बोलबा #स्वास्थ्य_जागरूकता : सर्वेश्वरी समूह के सहयोग से विद्यालय में दंत परीक्षण और जागरूकता कार्यक्रम संपन्न हुआ।
सिमडेगा जिले के बोलबा प्रखंड स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर वनदुर्गा में दंत चिकित्सा सह दंत जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में छात्रों का दंत परीक्षण कर परामर्श और दवाइयां उपलब्ध कराई गईं। साथ ही मौखिक स्वच्छता और पढ़ाई के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आवश्यक सामग्री वितरित की गई। आयोजन में स्थानीय सहयोग और सामाजिक सहभागिता महत्वपूर्ण रही।
- सरस्वती शिशु विद्या मंदिर वनदुर्गा में दंत शिविर का आयोजन।
- श्री सर्वेश्वरी समूह शाखा सिमडेगा के तत्वावधान में कार्यक्रम।
- दंत चिकित्सक डॉ अविनाश ने किया दंत परीक्षण।
- ब्रश, मंजन और जीभी का वितरण।
- छात्रों को पठन सामग्री देकर किया गया प्रोत्साहन।
- स्थानीय सहयोगियों की सक्रिय भागीदारी।
सिमडेगा जिले के बोलबा प्रखंड में विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर एक सराहनीय पहल सामने आई है। सरस्वती शिशु विद्या मंदिर वनदुर्गा में आयोजित दंत चिकित्सा सह दंत जागरूकता शिविर ने बच्चों में मौखिक स्वास्थ्य के प्रति समझ विकसित करने का प्रयास किया। यह शिविर न केवल उपचार तक सीमित रहा, बल्कि जागरूकता और प्रोत्साहन के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित रहा।
आध्यात्मिक विधि से हुआ शिविर का शुभारंभ
दंत चिकित्सा शिविर का शुभारंभ अघोरेश्वर महाप्रभु एवं गुरुपद बाबा के चित्र पर पुष्पांजलि, पूजन और आरती के साथ किया गया। इस आध्यात्मिक आरंभ ने कार्यक्रम को अनुशासन और सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाने का संदेश दिया। विद्यालय परिसर में शांत और अनुशासित वातावरण में शिविर की गतिविधियां संचालित की गईं।
दंत परीक्षण और परामर्श की व्यवस्था
शिविर के दौरान दंत चिकित्सक डॉ अविनाश एवं उनके सहयोगियों द्वारा छात्र-छात्राओं का दंत परीक्षण किया गया। जांच के दौरान बच्चों के दांतों की स्थिति का आकलन कर उन्हें उचित दंत परामर्श दिया गया। जिन विद्यार्थियों को उपचार की आवश्यकता थी, उन्हें मौके पर ही आवश्यक दवाइयां उपलब्ध कराई गईं। इससे बच्चों और अभिभावकों को समय रहते दंत समस्याओं की जानकारी मिली।
मौखिक स्वच्छता पर विशेष जोर
दंत स्वास्थ्य के साथ-साथ मौखिक स्वच्छता को लेकर भी विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। सभी छात्र-छात्राओं को ब्रश, मंजन और जीभी वितरित किए गए। बच्चों को यह समझाया गया कि नियमित रूप से दांत साफ करना, जीभ की सफाई और सही तरीके से ब्रश करना क्यों जरूरी है। इस पहल का उद्देश्य बचपन से ही अच्छी आदतों का विकास करना रहा।
शिक्षा के प्रति प्रोत्साहन की पहल
स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षा में रुचि और जागरूकता बढ़ाने के लिए शिविर के दौरान सभी छात्र-छात्राओं को पेंसिल, रबर और कटर भी वितरित किए गए। यह प्रयास बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने और उन्हें यह संदेश देने के लिए किया गया कि स्वास्थ्य और शिक्षा दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। विद्यालय प्रबंधन ने इस पहल को बच्चों के मनोबल को बढ़ाने वाला बताया।
स्थानीय सहयोग से सफल हुआ आयोजन
इस दंत चिकित्सा शिविर को सफल बनाने में स्थानीय समाज के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। जहुरण सिंह, केशरी सिंह और जगन्नाथ सिंह सहित श्री सर्वेश्वरी समूह के सदस्यों ने आयोजन में सक्रिय सहयोग प्रदान किया। उनके सहयोग से शिविर की व्यवस्थाएं सुचारू रूप से संचालित हो सकीं और अधिक से अधिक बच्चों को लाभ मिल सका।
ग्रामीण क्षेत्रों में दंत जागरूकता की जरूरत
ग्रामीण इलाकों में दंत स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता की कमी एक आम समस्या मानी जाती है। नियमित जांच और सही जानकारी के अभाव में छोटी समस्याएं गंभीर रूप ले लेती हैं। ऐसे में विद्यालय स्तर पर आयोजित इस तरह के शिविर बच्चों के साथ-साथ उनके परिवारों तक भी स्वास्थ्य संबंधी संदेश पहुंचाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
विद्यालय प्रबंधन की भूमिका
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर वनदुर्गा द्वारा इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन से यह स्पष्ट होता है कि विद्यालय केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं, बल्कि बच्चों के समग्र विकास के लिए प्रयासरत है। स्वास्थ्य, स्वच्छता और शिक्षा को एक साथ जोड़कर बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में यह कदम महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
न्यूज़ देखो: स्वास्थ्य और शिक्षा का संतुलित संदेश
बोलबा में आयोजित यह दंत चिकित्सा सह जागरूकता शिविर दर्शाता है कि सामुदायिक सहयोग से ग्रामीण क्षेत्रों में भी प्रभावी स्वास्थ्य पहल संभव है। बच्चों में सही आदतों का विकास भविष्य की स्वास्थ्य समस्याओं को कम कर सकता है। अब जरूरत है कि ऐसे शिविर नियमित रूप से आयोजित हों और अधिक विद्यालयों तक पहुंचें। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
स्वस्थ मुस्कान से उज्ज्वल भविष्य
स्वस्थ दांत केवल मुस्कान नहीं, बल्कि आत्मविश्वास की पहचान होते हैं। जब बच्चे स्वस्थ और शिक्षित होते हैं, तभी समाज मजबूत बनता है।





