Latehar

बरवाडीह में दो साल से रसोईया मुनवा देवी को नहीं मिला मानदेय, विभागीय लापरवाही पर उठे सवाल

Join News देखो WhatsApp Channel
#लातेहार #मानदेय_विवाद : गरीब आदिवासी महिला रसोईया को दो साल से नहीं मिला मेहनताना
  • बरवाडीह प्रखंड के केड़ टोला रबदी गांव स्थित स्कूल की रसोईया मुनवा देवी को नहीं मिला मानदेय।
  • सितंबर 2023 से मध्यान भोजन योजना में लगातार कर रही हैं कार्य।
  • प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार पर कागजात विभाग में जमा न करने का आरोप।
  • आधार, वोटर आईडी, अकाउंट नंबर जमा करने के बावजूद वेतन भुगतान अटका।
  • मुनवा देवी ने विभाग से जल्द मानदेय भुगतान की गुहार लगाई।

बरवाडीह प्रखंड के केड़ टोला रबदी गांव स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में काम कर रही रसोईया मुनवा देवी बीते दो वर्षों से बिना मानदेय के सेवा दे रही हैं। उनकी मानदेय राशि अब तक भुगतान नहीं हुई है, जिससे वे और उनका परिवार गंभीर आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद

जानकारी के अनुसार, इस विद्यालय में पहले सोनमणिया देवी और शांति कुंवर रसोइया का काम करती थीं। लेकिन सितंबर 2023 में शांति कुंवर की मृत्यु हो गई। इसके बाद उनकी बहू मुनवा देवी ने उनका स्थान लिया और लगातार मध्यान भोजन बनाने का कार्य कर रही हैं।

मुनवा देवी का कहना है कि उन्होंने प्रधानाध्यापक अरविंद कुमार को डेढ़ साल पहले ही आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बैंक खाता नंबर सहित सभी जरूरी दस्तावेज जमा कर दिए थे। इसके बावजूद उनका नाम विभागीय रजिस्टर में दर्ज नहीं हुआ।

प्रधानाध्यापक पर लापरवाही का आरोप

मुनवा देवी ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने मानदेय की मांग की, तो प्रधानाध्यापक ने कहा कि “आपका पैसा लातेहार कार्यालय से नहीं आया है, जल्द ही कागजात भेज दूंगा।” लेकिन दो साल गुजर जाने के बावजूद उन्हें कोई राशि प्राप्त नहीं हुई।

गरीब आदिवासी परिवार की मुश्किलें

मुनवा देवी ने बताया कि वह गरीब आदिवासी समाज से आती हैं और अपने परिवार का पालन-पोषण बेहद कठिन परिस्थितियों में कर रही हैं। उन्होंने कहा कि “मानदेय न मिलने के कारण मैं कर्ज और अभाव में जीवन जी रही हूं।”

विभागीय स्तर पर कार्रवाई की मांग

मुनवा देवी ने शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन से अपील की है कि उनकी दो साल से बकाया मानदेय राशि जल्द से जल्द भुगतान की जाए और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई हो।

न्यूज़ देखो: लापरवाही से पीड़ित हो रहे मेहनतकश

मुनवा देवी का मामला इस बात को उजागर करता है कि किस तरह विभागीय लापरवाही गरीब और वंचित वर्ग के लोगों के अधिकारों पर भारी पड़ रही है। ऐसे मामलों में त्वरित संज्ञान लेकर समाधान सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

मेहनतकश का हक़ दिलाना हमारी जिम्मेदारी

रसोइयों जैसे मेहनतकश कर्मचारी बच्चों के भविष्य और पोषण के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं। अब समय है कि हम सब उनकी आवाज़ बुलंद करें। इस खबर को शेयर करें और अपनी राय कमेंट में दें ताकि मुनवा देवी जैसे लोगों को उनका हक़ दिलाया जा सके।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 1.5 / 5. कुल वोट: 2

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20251017-WA0018
1000264265
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250723-WA0070
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Akram Ansari

बरवाडीह, लातेहार

Related News

Back to top button
error: