
#रांची #भ्रष्टाचार_जांच : नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के गठजोड़ को बताया राज्य के लिए खतरनाक।
- नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता पर अवैध नियुक्ति और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।
- गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के साथ गुप्ता का गठजोड़ राज्य में काले कारोबार का नेटवर्क चलाने का आरोप।
- भारत माला प्रोजेक्ट और कोयलांचल शांति समिति के नाम पर अवैध ठेकेदारी और वसूली की बात कही।
- रिया सिन्हा की गिरफ्तारी के बाद व्हाट्सएप चैट से सामने आए चौंकाने वाले खुलासे।
- मरांडी ने कहा: मुख्यमंत्री में हिम्मत है तो पूरे कार्यकाल की NIA जांच कराएं।
रांची में गुरुवार को आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने पूर्व डीजीपी अनुराग गुप्ता पर अवैध नियुक्ति, काले कारोबार और अपराधियों से गठजोड़ के गंभीर आरोप लगाए।
मरांडी ने कहा कि अनुराग गुप्ता की डीजीपी पद पर नियुक्ति “गिव एंड टेक फार्मूले” के तहत हुई थी, जो पूरी तरह अवैध थी। उन्होंने घोषणा की कि इस मामले की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराई जानी चाहिए।
अपराध और सत्ता का गठजोड़ बताया गया राज्य के लिए खतरनाक
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अनुराग गुप्ता और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के बीच गठजोड़ ने झारखंड की प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों ने मिलकर भारत माला प्रोजेक्ट और कोयलांचल शांति समिति के नाम पर अवैध नेटवर्क खड़ा किया, जिसमें पेटी टेंडर, स्टोन चिप्स, जमीन दलाली और वसूली का खेल चलाया जा रहा था।
बाबूलाल मरांडी ने कहा: “यह गठजोड़ सिर्फ अपराध नहीं बल्कि सत्ता और भ्रष्टाचार की मिलीभगत का उदाहरण है। इसकी जांच NIA जैसी स्वतंत्र एजेंसी से ही होनी चाहिए।”
डिग्री घोटाला और वर्चस्व की लड़ाई पर भी उठे सवाल
मरांडी ने आरोप लगाया कि अनुराग गुप्ता के खिलाफ मगध यूनिवर्सिटी डिग्री घोटाला भी लंबित है, जिसमें फर्जी डिग्री के इस्तेमाल की बात सामने आई थी।
उन्होंने दावा किया कि भारत माला प्रोजेक्ट में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी सुजीत सिन्हा के माध्यम से गुप्ता को मिलती थी।
उन्होंने आगे कहा कि अमन साहू एनकाउंटर भी इस वर्चस्व की लड़ाई का हिस्सा था, ताकि क्षेत्र में दबदबा कायम रहे।
रिया सिन्हा की गिरफ्तारी के बाद खुला बड़ा नेटवर्क
मरांडी ने कहा कि सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा की गिरफ्तारी के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
जांच में सामने आया कि रिया सिन्हा के व्हाट्सएप चैट में अनुराग गुप्ता का नाम कई संदिग्ध वित्तीय लेनदेन में मिला है।
यह भी पता चला कि सुजीत सिन्हा जेल से ही कारोबारियों से रंगदारी वसूलता था, जबकि प्रिंस खान धमकाने का काम करता था।
13 अक्टूबर 2025 को हुई रिया सिन्हा की गिरफ्तारी के दौरान तीन पिस्तौल, सात मैगजीन, 13 गोलियां, एक कार और मोबाइल बरामद किए गए थे।
जांच एजेंसियों के अनुसार, इस नेटवर्क ने पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से 21 विदेशी हथियार झारखंड में मंगवाए थे।
प्रशासनिक मिलीभगत पर भी उठे गंभीर प्रश्न
मरांडी ने आरोप लगाया कि अनुराग गुप्ता ने अपने प्रभाव का उपयोग करते हुए सीआईडी और एसीबी दोनों विभागों में डीजी के रूप में कार्य करते समय अवैध उगाही के नेटवर्क को संरक्षण दिया।
उन्होंने कहा कि इस नेटवर्क में एसएसपी दीपक कुमार और डीएसपी अमर पांडे की भूमिका भी संदिग्ध रही है।
मरांडी के अनुसार, इन अधिकारियों ने “जांच के नाम पर लूट” का तंत्र खड़ा किया था।
मरांडी ने कहा: “सरकार ने जब मामला सार्वजनिक हुआ, तब आनन-फानन में अमर पांडे पर कार्रवाई और दीपक कुमार का तबादला कर मामला दबाने की कोशिश की। बाद में अनुराग गुप्ता को भी पद से हटाया गया, लेकिन यह सिर्फ दिखावा था।”
NIA जांच की औपचारिक मांग
मरांडी ने साफ कहा कि यह मामला एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि सत्ता, अपराध और भ्रष्टाचार के गठजोड़ का है।
उन्होंने कहा कि भाजपा इस मामले की NIA से विस्तृत जांच के लिए औपचारिक पत्र लिखेगी और केंद्र सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग करेगी।
बाबूलाल मरांडी ने कहा: “मुख्यमंत्री में अगर हिम्मत है, तो वे अनुराग गुप्ता के पूरे कार्यकाल की जांच कराएं। जनता सच्चाई जानना चाहती है।”
न्यूज़ देखो: सत्ता और अपराध का गठजोड़ तोड़ना जरूरी
झारखंड की राजनीति में यह मामला एक बड़ा सवाल खड़ा करता है – क्या सत्ता, प्रशासन और अपराध का यह गठजोड़ अब तक सक्रिय है?
यदि नेता प्रतिपक्ष के आरोप सच हैं, तो यह मामला केवल भ्रष्टाचार का नहीं बल्कि राज्य की सुरक्षा और शासन प्रणाली की नींव पर हमला है।
राज्य सरकार को चाहिए कि वह इस प्रकरण में पारदर्शी जांच कर जनता का विश्वास बहाल करे, ताकि जनता यह महसूस कर सके कि कानून सबके लिए समान है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
न्याय की मांग अब जनता की आवाज
अब वक्त आ गया है कि झारखंड के लोग पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग को आवाज दें।
भ्रष्टाचार, अपराध और सत्ता के गठजोड़ के खिलाफ आवाज उठाना सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि जनहित का सवाल है।
आइए, हम सब मिलकर सच के पक्ष में खड़े हों — अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और इस मुद्दे को आगे बढ़ाएं ताकि न्याय की गूंज पूरे राज्य में सुनाई दे।





