
#दुमका #सड़क_हादसा : बड़ा प्लासी के पास हाईवा की चपेट में आकर युवक की मौके पर मौत।
दुमका जिले के बड़ा प्लासी क्षेत्र में एक भीषण सड़क हादसे में रामपुर गांव निवासी युवक अनूप यादव की दर्दनाक मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब बोलेरो वाहन का टायर पंचर होने पर वे सड़क किनारे जैक लगाकर टायर बदल रहे थे। इसी दौरान तेज रफ्तार हाईवा ने उन्हें चपेट में ले लिया। घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा और भारी वाहनों की बेलगाम रफ्तार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- बड़ा प्लासी, दुमका के पास हुआ भीषण सड़क हादसा।
- रामपुर गांव निवासी अनूप यादव की मौके पर मौत।
- सफेद बोलेरो का टायर पंचर होने पर बदलते समय हादसा।
- तेज रफ्तार हाईवा की चपेट में आने से गई जान।
- घटना के बाद क्षेत्र में शोक और आक्रोश का माहौल।
- पुलिस और प्रशासन जांच में जुटे।
दुमका जिले में बुधवार को एक दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। बड़ा प्लासी के पास हुई इस घटना में युवा अनूप यादव की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय लोग घटनास्थल पर जुट गए और माहौल गमगीन हो गया। सड़क पर बिखरे सामान और क्षतिग्रस्त वाहन को देखकर हादसे की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता था।
अनूप यादव, दुमका जिला अंतर्गत रामपुर गांव के निवासी थे। बताया जा रहा है कि वे सफेद बोलेरो वाहन में अन्य तीन लोगों के साथ यात्रा कर रहे थे। रास्ते में अचानक वाहन का टायर पंचर हो गया, जिसके बाद सभी लोग सड़क किनारे रुक गए।
टायर बदलते समय हुआ हादसा
प्रत्यक्ष जानकारी के अनुसार, बोलेरो का टायर पंचर होने के बाद अनूप यादव वाहन के पास जैक लगाकर टायर बदलने लगे। इसी दौरान सड़क पर तेज रफ्तार से आ रही एक हाईवा ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि अनूप यादव ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
हादसे के बाद हाईवा चालक वाहन लेकर भागने की कोशिश में बताया जा रहा है, हालांकि पुलिस इस बिंदु की भी जांच कर रही है। दुर्घटना के तुरंत बाद आसपास के ग्रामीण और राहगीर घटनास्थल पर पहुंचे, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
परिवार और गांव में मातम
अनूप यादव की मौत की खबर जैसे ही रामपुर गांव पहुंची, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों के अनुसार, अनूप यादव मिलनसार और मेहनती युवक थे। उनकी असमय मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।
ग्रामीणों ने बताया कि अनूप परिवार की जिम्मेदारियों का अहम सहारा थे। अचानक हुए इस हादसे ने न सिर्फ एक परिवार का भविष्य अंधकारमय कर दिया, बल्कि गांव को भी गहरे दुख में डुबो दिया।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शुरू की। पुलिस द्वारा दुर्घटनास्थल का मुआयना किया गया और हाईवा वाहन से संबंधित जानकारी जुटाई जा रही है।
प्रशासन ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषी वाहन चालक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
सड़क सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
यह हादसा एक बार फिर झारखंड की सड़कों पर तेज रफ्तार भारी वाहनों और सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर करता है। हाईवे और मुख्य सड़कों पर बिना पर्याप्त चेतावनी संकेतों के वाहन खड़े करना और तेज गति से दौड़ते भारी वाहन आए दिन जानलेवा साबित हो रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क किनारे वाहन मरम्मत के दौरान सुरक्षा संकेत, रिफ्लेक्टर और बैरिकेड का उपयोग अनिवार्य किया जाना चाहिए। इसके साथ ही भारी वाहनों की गति पर सख्त निगरानी जरूरी है।
स्थानीय लोगों की मांग
घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश भी देखा गया। ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग पर अक्सर तेज रफ्तार से भारी वाहन चलते हैं, जिससे पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सड़क पर गति नियंत्रण के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और नियमित जांच अभियान चलाया जाए।
एक परिवार का उजड़ा सहारा
अनूप यादव की मौत केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि एक परिवार के लिए जीवन भर का दर्द बन गई है। सड़क हादसों में जान गंवाने वाले अधिकांश लोग ऐसे ही होते हैं, जो रोजमर्रा की जिंदगी में साधारण सावधानी के दौरान असाधारण हादसे का शिकार हो जाते हैं। यह घटना हर वाहन चालक को सतर्क रहने और मानवीय जिम्मेदारी समझने की चेतावनी देती है।
न्यूज़ देखो: सड़क सुरक्षा की कड़वी सच्चाई
दुमका का यह हादसा बताता है कि सड़क सुरक्षा केवल नियमों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। तेज रफ्तार, लापरवाही और भारी वाहनों पर नियंत्रण की कमी लगातार जान ले रही है। प्रशासन की जांच जरूरी है, लेकिन उससे भी जरूरी है ठोस रोकथाम। क्या ऐसे हादसों से सबक लेकर स्थायी समाधान निकाले जाएंगे? हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
एक जान, कई सवाल
हर सड़क हादसा हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम पर्याप्त सतर्क हैं। वाहन चालकों, प्रशासन और समाज—तीनों की जिम्मेदारी है कि ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं।
आइए, हम सड़क पर खुद भी सावधानी बरतें और दूसरों को भी जागरूक करें। तेज रफ्तार और लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाएं। अपनी राय साझा करें, खबर को आगे बढ़ाएं और सड़क सुरक्षा के लिए जागरूकता फैलाने में योगदान दें।





