
#पलामू #शिक्षा_पहल : मुरमा खुर्द विद्यालय में विद्यार्थियों को किट वितरण से पढ़ाई के प्रति बढ़ा उत्साह।
पलामू जिले के उंटारी रोड प्रखंड अंतर्गत मुरमा खुर्द पंचायत स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में रविवार को शिक्षा को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से अध्ययन सामग्री किट का वितरण किया गया। कार्यक्रम का नेतृत्व विद्यालय प्रबंधक समिति अध्यक्ष चंदन कुमार रजक ने किया। विद्यार्थियों को आवश्यक शैक्षणिक सामग्री उपलब्ध कराकर उनकी पढ़ाई में आ रही संसाधन संबंधी बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया गया। इस पहल से बच्चों और ग्रामीणों में सकारात्मक संदेश गया।
- उंटारी रोड प्रखंड के मुरमा खुर्द स्थित विद्यालय में किट वितरण कार्यक्रम।
- प्रबंधक समिति अध्यक्ष चंदन कुमार रजक के नेतृत्व में आयोजन।
- विद्यार्थियों को कॉपी, कलम, पेंसिल, बॉक्स सहित सामग्री प्रदान।
- प्रधानाध्यापक मनोज कुमार सहित शिक्षक और ग्रामीण रहे मौजूद।
- शिक्षा के प्रति बच्चों में उत्साह और रुचि बढ़ाने का प्रयास।
पलामू जिले के उंटारी रोड प्रखंड क्षेत्र के ग्राम पंचायत मुरमा खुर्द में शिक्षा को मजबूती देने की दिशा में एक सराहनीय पहल सामने आई। मुरमा खुर्द स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में रविवार को विद्यार्थियों के बीच अध्ययन सामग्री किट का वितरण किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को आवश्यक शैक्षणिक संसाधन उपलब्ध कराना और उन्हें पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करना रहा।
विद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों के चेहरे पर उत्साह और खुशी साफ दिखाई दी। लंबे समय से संसाधनों की कमी से जूझ रहे कई विद्यार्थियों के लिए यह पहल राहत लेकर आई, जिससे वे बिना किसी बाधा के अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
प्रबंधक समिति अध्यक्ष के नेतृत्व में आयोजन
कार्यक्रम का नेतृत्व विद्यालय प्रबंधक समिति के अध्यक्ष चंदन कुमार रजक ने किया। उनके प्रयास से विद्यार्थियों के बीच कॉपी, कलम, पेंसिल, कटर, स्टोन और बॉक्स जैसी आवश्यक शैक्षणिक सामग्री का वितरण किया गया। चंदन कुमार रजक ने कहा:
“शिक्षा समाज के विकास की सबसे मजबूत नींव है। हमारा प्रयास है कि संसाधनों के अभाव में किसी भी बच्चे की पढ़ाई बाधित न हो।”
उन्होंने बताया कि मुरमा खुर्द जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में कई परिवार आर्थिक रूप से कमजोर हैं, जहां बच्चों को पढ़ाई के लिए आवश्यक सामग्री जुटा पाना मुश्किल होता है। ऐसे में विद्यालय प्रबंधक समिति की जिम्मेदारी बनती है कि बच्चों को सहयोग प्रदान किया जाए।
शिक्षकों ने पहल की सराहना की
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक मनोज कुमार, शिक्षक उमेश सोनी और बालम नाथ भी उपस्थित रहे। शिक्षकों ने इस पहल की खुले शब्दों में सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करते हैं और विद्यालय से उनका जुड़ाव मजबूत बनाते हैं।
शिक्षकों का मानना है कि जब बच्चों को बुनियादी शैक्षणिक सामग्री समय पर मिलती है, तो उनकी उपस्थिति और प्रदर्शन दोनों में सुधार देखने को मिलता है। इससे विद्यालय का शैक्षणिक माहौल भी सकारात्मक होता है।
ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण भी मौजूद रहे। ग्रामीणों ने चंदन कुमार रजक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि वे हमेशा शिक्षा, सामाजिक समरसता और जनहित से जुड़े कार्यों में सक्रिय रहते हैं। ग्रामीणों का कहना था कि विद्यालय प्रबंधक समिति अध्यक्ष के रूप में वे नियमित रूप से विद्यालय की समस्याओं को लेकर सजग रहते हैं और समाधान के लिए पहल करते हैं।
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि ऐसे सामाजिक कार्यों से गांव में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ती है और अभिभावक भी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित होते हैं।
बच्चों के चेहरे पर दिखी खुशी
किट वितरण कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों के चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी। बच्चों ने नई कॉपी, पेंसिल और अन्य सामग्री पाकर उत्साह व्यक्त किया। कई बच्चों ने कहा कि अब उन्हें पढ़ाई के लिए जरूरी चीजें मिल गई हैं, जिससे वे नियमित रूप से स्कूल आकर मन लगाकर पढ़ाई कर सकेंगे।
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय परिवार और ग्रामीणों ने चंदन कुमार रजक के इस सामाजिक और शैक्षणिक प्रयास के लिए आभार व्यक्त किया और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की अपेक्षा जताई।
न्यूज़ देखो: ग्रामीण शिक्षा को मजबूत करने की पहल
मुरमा खुर्द विद्यालय में अध्ययन सामग्री किट का वितरण ग्रामीण शिक्षा को सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल दिखाती है कि स्थानीय स्तर पर छोटे प्रयास भी बच्चों के भविष्य में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। अब आवश्यकता है कि ऐसी पहलों को निरंतर और व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाया जाए। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
शिक्षा से सशक्त होगा गांव का भविष्य
जब बच्चों को समय पर संसाधन और सहयोग मिलता है, तो उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और सीखने की राह आसान होती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को मजबूत करने के लिए समाज की सामूहिक भागीदारी जरूरी है।
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