
#गुमला #पर्यावरण_न्याय : ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण और निःशुल्क कानूनी सहायता की दी गई विस्तृत जानकारी।
गुमला जिले के पालकोट प्रखंड अंतर्गत बाघिमा पंचायत में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में पर्यावरण न्याय जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व, बढ़ते प्रदूषण के खतरों और समाधान उपायों की जानकारी दी गई। साथ ही नालसा और झालसा के दिशा-निर्देशन में निःशुल्क कानूनी सहायता से जुड़े अधिकारों पर भी प्रकाश डाला गया। यह कार्यक्रम जनहित में पर्यावरण और न्याय के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण रहा।
- बाघिमा पंचायत, पालकोट प्रखंड में पर्यावरण न्याय जागरूकता शिविर का आयोजन।
- नालसा, नई दिल्ली एवं झालसा, रांची के दिशा-निर्देशन में हुआ कार्यक्रम।
- जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गुमला के तत्वावधान में शिविर संपन्न।
- पीएलवी राजू साहू ने पर्यावरण संरक्षण पर दी विस्तृत जानकारी।
- निःशुल्क कानूनी सहायता से संबंधित अधिकारों की जानकारी ग्रामीणों को दी गई।
गुमला जिले के पालकोट प्रखंड अंतर्गत बाघिमा पंचायत में सोमवार को पर्यावरण संरक्षण और कानूनी जागरूकता को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल की गई। जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गुमला के तत्वावधान में आयोजित इस पर्यावरण न्याय जागरूकता शिविर का उद्देश्य ग्रामीणों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाना और उनके कानूनी अधिकारों की जानकारी देना रहा। शिविर में बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भागीदारी देखने को मिली।
नालसा और झालसा के मार्गदर्शन में आयोजन
यह जागरूकता शिविर नालसा, नई दिल्ली एवं झालसा, रांची के दिशा-निर्देशन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गुमला के अध्यक्ष श्री ध्रुव चंद्र मिश्रा एवं सचिव श्री रामकुमार लाल गुप्ता के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। उनके नेतृत्व में जिला स्तर पर पर्यावरण न्याय और विधिक जागरूकता को लेकर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
पर्यावरण क्या है और क्यों जरूरी है
शिविर में पीएलवी राजू साहू ने ग्रामीणों को सरल भाषा में पर्यावरण के महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि पर्यावरण हमारे चारों ओर विद्यमान है, जिसमें हवा, पानी, पेड़-पौधे, मिट्टी, जानवर और मनुष्य सभी शामिल हैं। पर्यावरण हमें जीवन के लिए आवश्यक संसाधन प्रदान करता है, जैसे—
- शुद्ध हवा
- स्वच्छ पानी
- भोजन और प्राकृतिक संसाधन
उन्होंने कहा कि स्वस्थ पर्यावरण के बिना मानव जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है। पर्यावरण न केवल हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है, बल्कि यह पृथ्वी की सुंदरता और जैव विविधता को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
पर्यावरण को होने वाले प्रमुख खतरे
शिविर के दौरान पर्यावरण को होने वाले विभिन्न खतरों पर विस्तार से चर्चा की गई। इनमें प्रमुख रूप से—
- वायु प्रदूषण
- जल प्रदूषण
- मिट्टी प्रदूषण
- जलवायु परिवर्तन
- वनों की कटाई
- अनियंत्रित मानवीय गतिविधियाँ
जैसी समस्याओं को गंभीर बताया गया। पीएलवी राजू साहू ने बताया कि यदि समय रहते इन समस्याओं पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो आने वाली पीढ़ियों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
राजू साहू ने कहा:
“पर्यावरण का संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक का नैतिक कर्तव्य है। छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।”
पर्यावरण संरक्षण के उपायों पर जोर
ग्रामीणों को पर्यावरण संरक्षण के लिए व्यावहारिक और सरल उपाय भी बताए गए। इनमें—
- ऊर्जा का कम उपयोग
- पानी का संरक्षण
- रीसाइक्लिंग को बढ़ावा
- जैविक खाद का प्रयोग
- प्लास्टिक का न्यूनतम उपयोग
- अधिक से अधिक पेड़ लगाना
जैसे उपाय शामिल रहे। ग्रामीणों से अपील की गई कि वे अपने दैनिक जीवन में इन आदतों को अपनाएं, ताकि पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके।
निःशुल्क कानूनी सहायता की जानकारी
शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, गुमला (डालसा) द्वारा उपलब्ध निःशुल्क कानूनी सहायता के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि—
- गरीब और जरूरतमंद लोग
- महिलाएं
- वृद्धजन
- अनुसूचित जाति एवं जनजाति
- श्रमिक और असहाय व्यक्ति
अपने अधिकारों की रक्षा के लिए निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते हैं। ग्रामीणों को यह भी बताया गया कि वे किस प्रकार जिला विधिक सेवा प्राधिकार से संपर्क कर सकते हैं और किन मामलों में उन्हें कानूनी मदद मिल सकती है।
ग्रामीणों की सकारात्मक प्रतिक्रिया
शिविर में उपस्थित ग्रामीणों ने पर्यावरण संरक्षण और कानूनी जागरूकता से जुड़ी जानकारी को बेहद उपयोगी बताया। ग्रामीणों का कहना था कि ऐसे कार्यक्रमों से उन्हें अपने अधिकारों और कर्तव्यों की सही समझ मिलती है। उन्होंने इसे जनहित में एक महत्वपूर्ण पहल बताया और भविष्य में भी ऐसे शिविर आयोजित करने की मांग की।

न्यूज़ देखो: पर्यावरण और न्याय की जागरूकता समय की मांग
बाघिमा पंचायत में आयोजित यह शिविर यह स्पष्ट करता है कि पर्यावरण संरक्षण और कानूनी जागरूकता आज के समय की सबसे बड़ी जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे कार्यक्रम न केवल लोगों को जागरूक बनाते हैं, बल्कि उन्हें अपने अधिकारों के प्रति भी सशक्त करते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकार की यह पहल सराहनीय है और इसे अन्य पंचायतों में भी विस्तार देने की आवश्यकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
प्रकृति की रक्षा, भविष्य की सुरक्षा
स्वस्थ पर्यावरण के बिना सुरक्षित भविष्य संभव नहीं है। जागरूक नागरिक बनकर हम सभी प्रकृति और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकते हैं।
इस महत्वपूर्ण पहल पर आपकी राय क्या है? अपनी प्रतिक्रिया कमेंट में दें, खबर को साझा करें और पर्यावरण संरक्षण के संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं।




