
#पाण्डु #प्रशासनिक_लापरवाही : प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकारी व्यवस्था पर गंभीर आरोप, आंदोलन की चेतावनी।
पलामू जिले के पाण्डु प्रखंड में प्रशासनिक अव्यवस्था और भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर शुक्रवार को सियासी हलचल तेज हो गई। पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल चंद्रवंशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रखंड कार्यालय की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने सरकारी योजनाओं में कमीशनखोरी और अफसरशाही के हावी होने का आरोप लगाया। इस मुद्दे को उन्होंने आम जनता से सीधे जोड़ते हुए तत्काल सुधार की मांग की।
- पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल चंद्रवंशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लगाए गंभीर आरोप।
- पाण्डु प्रखंड कार्यालय में भ्रष्टाचार और दलाली का आरोप।
- वर्षों से जमे कंप्यूटर ऑपरेटरों और कर्मियों पर सवाल।
- BDO और CO की स्थायी नियुक्ति की मांग।
- प्रमाण पत्र निर्गत करने में अनावश्यक देरी का मुद्दा उठाया।
- समस्याएं नहीं सुलझीं तो जन आंदोलन की चेतावनी।
पलामू जिले के पाण्डु प्रखंड में प्रशासनिक कार्यप्रणाली को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। शुक्रवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाण्डु के पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल चंद्रवंशी ने प्रखंड कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकारी सिस्टम आम जनता के हित में काम करने के बजाय उसके खिलाफ खड़ा नजर आ रहा है।
अनिल चंद्रवंशी ने कहा कि प्रखंड कार्यालय में वर्षों से एक ही स्थान पर जमे अधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। आम लोगों के छोटे-छोटे काम भी बिना दलाली और सिफारिश के नहीं हो पा रहे हैं, जिससे जनता मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान है।
सरकारी योजनाओं में खुलेआम कमीशनखोरी का आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अनिल चंद्रवंशी ने आरोप लगाया कि सरकारी योजनाओं में खुलेआम कमीशनखोरी हो रही है। उन्होंने कहा कि योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है, क्योंकि बिचौलियों और दलालों का पूरा नेटवर्क सक्रिय है।
उन्होंने यह भी कहा कि कई योजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं, जबकि जमीनी स्तर पर स्थिति बेहद खराब है। आम ग्रामीण सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने को मजबूर हैं।
वर्षों से जमे कर्मियों पर उठाए सवाल
अनिल चंद्रवंशी ने विशेष रूप से प्रखंड कार्यालय में वर्षों से जमे कंप्यूटर ऑपरेटरों और अन्य कर्मियों की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यही लोग भ्रष्टाचार की जड़ हैं और इनके माध्यम से दलाली का पूरा सिस्टम संचालित हो रहा है।
उनका कहना था कि जब तक इन कर्मियों का तबादला नहीं किया जाएगा, तब तक व्यवस्था में सुधार की उम्मीद करना बेकार है।
प्रशासन के समक्ष रखी गईं प्रमुख मांगें
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अनिल चंद्रवंशी ने प्रशासन के समक्ष कई अहम मांगें रखीं। उन्होंने कहा कि—
- पाण्डु प्रखंड कार्यालय एवं अंचल कार्यालय में स्थायी प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) एवं अंचलाधिकारी (CO) की शीघ्र नियुक्ति की जाए।
- अंचल कार्यालय के ऑपरेटर से विधिवत और पारदर्शी तरीके से कार्य कराया जाए।
- जाति, आवासीय, मृत्यु एवं अन्य प्रमाण पत्रों को समय पर निर्गत किया जाए।
- पीएम आवास योजना और मनरेगा से जुड़े कंप्यूटर ऑपरेटरों का तत्काल तबादला कर दलाली पर रोक लगाई जाए।
उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्रों के लिए लोगों को महीनों इंतजार करना पड़ता है, जो पूरी तरह अस्वीकार्य है।
किसानों और ग्रामीण सुविधाओं से जुड़े मुद्दे
अनिल चंद्रवंशी ने किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुखता से उठाया। उन्होंने मांग की कि—
- किसानों की सुविधा के लिए कैंप लगाकर धान का आईडी बनाया जाए।
- पाण्डु पंचायत की अधूरी जल आपूर्ति योजना को अविलंब चालू किया जाए।
- पाण्डु प्रखंड से अन्य प्रखंडों में बालू ले जाकर बेचने पर रोक लगाई जाए।
- पाण्डु स्वास्थ्य केंद्र में शीघ्र एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
उन्होंने कहा कि इन बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
आंदोलन की चेतावनी
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में अनिल चंद्रवंशी ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो वे जनता के साथ मिलकर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
अनिल चंद्रवंशी ने कहा: “अगर प्रशासन अब भी नहीं जागा, तो जनता खुद सड़कों पर उतरकर अपने हक की लड़ाई लड़ेगी।”
समर्थकों की रही मौजूदगी
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में विजय मंडेला, रविरंजन गोलू, राजकुमार भारती, कुमार पियूष सहित कई स्थानीय समर्थक और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में प्रशासन से पाण्डु प्रखंड की व्यवस्था सुधारने की मांग की।
न्यूज़ देखो: प्रशासनिक जवाबदेही की मांग तेज
पाण्डु प्रखंड को लेकर उठे ये सवाल प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर चिंतन की जरूरत दिखाते हैं। पूर्व जनप्रतिनिधि द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देना अब प्रशासन की जिम्मेदारी है। अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो जनआक्रोश और बढ़ सकता है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जनता की आवाज ही बदलाव की ताकत
लोकतंत्र में सवाल उठाना और जवाब मांगना जनता का अधिकार है।
यदि व्यवस्था में खामियां हैं, तो उन्हें सामने लाना जरूरी है।
सजग नागरिक ही मजबूत प्रशासन की नींव रखते हैं।
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