
#गिरिडीह #छठ_पर्व : डुमरी प्रखंड के खुरजियो गांव में श्रद्धा और सामाजिक सेवा का संगम
- डुमरी प्रखंड के खुरजियो गांव में छठ पूजा के अवसर पर हुआ फल वितरण कार्यक्रम।
- आयोजन में झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन के पदाधिकारी रहे उपस्थित।
- केंद्रीय सदस्य वीरेंद्र प्रसाद यादव, टेकलाल यादव, कोषाध्यक्ष विनोद रविदास, विशाल यादव, और संजय यादव ने निभाई अहम भूमिका।
- श्रद्धालुओं के बीच फल वितरण कर जताई लोक आस्था और सामाजिक एकता की मिसाल।
- स्थानीय ग्रामीणों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए यूनियन के प्रयास को बताया प्रेरणादायक।
गिरिडीह। लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के अवसर पर डुमरी प्रखंड के चेगडो पंचायत अंतर्गत ग्राम खुरजियो में श्रद्धा और सेवा का अद्भुत संगम देखने को मिला।
झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन के सदस्यों ने श्रद्धालुओं के बीच फल वितरण कार्यक्रम आयोजित कर समाज सेवा और धार्मिक आस्था दोनों का उदाहरण प्रस्तुत किया।
आस्था और सेवा का संगम बना आयोजन
इस अवसर पर यूनियन के केंद्रीय सदस्य वीरेंद्र प्रसाद यादव, टेकलाल यादव, पंचायत कोषाध्यक्ष विनोद रविदास, विशाल यादव, और संजय यादव सहित कई सक्रिय सदस्य उपस्थित रहे।
सभी ने मिलकर श्रद्धालुओं और व्रतधारिणी महिलाओं के बीच फल वितरित किए और छठ मईया से सुख-समृद्धि की कामना की।
वीरेंद्र प्रसाद यादव ने कहा: “छठ पर्व लोक आस्था का प्रतीक है। इस अवसर पर समाज के जरूरतमंदों की सेवा करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।”
स्थानीय लोगों ने जताई सराहना
ग्राम खुरजियो के लोगों ने इस पहल की खुलकर प्रशंसा की। स्थानीय निवासियों का कहना था कि छठ पूजा के इस पवित्र अवसर पर इस तरह का सामाजिक योगदान समाज में आपसी प्रेम और एकता को और गहरा करता है।
पूरे आयोजन के दौरान श्रद्धा, उत्साह और सौहार्द का वातावरण बना रहा।
पंचायत कोषाध्यक्ष विनोद रविदास ने कहा: “हमारा उद्देश्य हर पर्व को समाजसेवा से जोड़ना है ताकि हर व्यक्ति इसमें भागीदार बने।”
न्यूज़ देखो: जब पूजा बनती है सेवा का माध्यम
डुमरी प्रखंड के खुरजियो गांव में हुआ यह फल वितरण केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज में सेवा और सहयोग की भावना जगाने वाला कदम है।
इस तरह की पहलें दर्शाती हैं कि जब आस्था और सेवा एक साथ चलती हैं, तो समाज में सकारात्मक परिवर्तन की राह बनती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सेवा में ही है सच्ची पूजा
छठ पूजा हमें यह सिखाती है कि दूसरों की भलाई में ही ईश्वर की सच्ची उपासना है।
आइए, इस पावन पर्व से प्रेरणा लेकर हम सब मिलकर समाज में सेवा, एकता और सद्भाव का संदेश फैलाएं।
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और लोक आस्था की इस परंपरा को जीवित रखने में अपना योगदान दें।




