
#लातेहार #स्वास्थ्य_अव्यवस्था – गांव-गांव में बिना डिग्री चल रहे क्लीनिक, गंभीर बीमारियों का ‘फर्जी इलाज’ जारी
- लातेहार जिले के सभी ब्लॉकों में झोलाछाप डॉक्टर सक्रिय
- गंभीर बीमारियों का बिना संसाधन और डिग्री इलाज कर रहे हैं
- स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी से फर्जी क्लीनिकों की भरमार
- प्रेगनेंसी, टायफायड, मलेरिया जैसी बीमारियों का हो रहा गलत इलाज
- कानून में सजा तय, फिर भी प्रशासन की चुप्पी बनी सवाल
गली-गांव में पनप रही फर्जी चिकित्सा व्यवस्था
लातेहार जिले के बलुमाथ, बरियातु, बरवाडीह, चंदवा, गारू, लातेहार, महुआडांड़ और मनिका प्रखंडों में झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा चलाए जा रहे अवैध क्लीनिकों की बाढ़ आ गई है। ये लोग न तो पंजीकृत हैं, न ही इनके पास किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल डिग्री का प्रमाण है, फिर भी ये गंभीर बीमारियों जैसे मलेरिया, टायफायड, ब्लड प्रेशर और प्रेगनेंसी का इलाज खुलेआम कर रहे हैं।
इन क्लीनिकों पर जाने वाले ग्रामीण मरीजों की अज्ञानता का फायदा उठाकर झोलाछाप डॉक्टर उनका मनमाना इलाज करते हैं और उन्हें अन्य अस्पतालों में जाने तक नहीं देते। इलाज के नाम पर बिना जाँच इंजेक्शन व दवाएँ दी जा रही हैं, जिससे मरीजों की हालत और खराब हो रही है।
सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की उपेक्षा
सरकार द्वारा बनाए गए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टर, दवाएं और जाँच सुविधाएँ उपलब्ध हैं, बावजूद इसके ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाने को मजबूर हैं। इसका मुख्य कारण है स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता और मॉनिटरिंग की कमी।
“जिन डॉक्टरों को अनुमति मिली है, वे भी अब तक दस्तावेजों का सत्यापन नहीं करा पाए हैं। पंजीकरण की प्रक्रिया की अनदेखी से मरीजों की जान जोखिम में पड़ रही है।”
कानून के बावजूद लापरवाही
बिना डिग्री के इलाज कर किसी मरीज की जान जाने पर संबंधित झोलाछाप डॉक्टर को जेल की सजा का प्रावधान है। लेकिन लातेहार में ऐसे डॉक्टरों को किसी कार्रवाई का डर नहीं। इनकी लापरवाहियों से ग्रामीणों की जान खतरे में है।
“मौसमी बीमारियों के आधार पर बीमारी का अनुमान लगाकर इंजेक्शन दे देना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि खतरनाक भी है।”
अब देखने वाली बात यह होगी कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कब जागते हैं और इस गंभीर समस्या पर कार्रवाई करते हैं।
न्यूज़ देखो : हर खबर पर पैनी नजर
ग्रामीणों की सेहत से हो रहा यह खिलवाड़ न सिर्फ नैतिक अपराध है, बल्कि कानूनन सजा योग्य अपराध भी है। सरकार और विभाग को चाहिए कि ऐसे डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों को जागरूक किया जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
आप भी फर्जी डॉक्टरों से बचें और सरकारी अस्पताल की सेवाएं लें – क्योंकि आपकी सेहत अनमोल है।