Gumla

गुमला: गर्भवती महिला के सिजेरियन में चिकित्सकों ने छोड़ा कॉटन

Join News देखो WhatsApp Channel
  • गर्भवती महिला के सिजेरियन ऑपरेशन में चिकित्सकों द्वारा कॉटन और बैंडेज छोड़े जाने का मामला।
  • मरीज की हालत नाजुक, नवजात बच्चा मां के प्यार और स्तनपान से वंचित।
  • पति द्वारा सदर थाना में शिकायत के बाद कोई कार्रवाई नहीं।
  • निजी अस्पताल में जांच के दौरान चिकित्सकीय लापरवाही का खुलासा।
  • महिला चिकित्सक ने आरोपों को खारिज किया।

लापरवाही का आरोप: ऑपरेशन में छोड़ा गया कॉटन

गुमला के सदर अस्पताल में एक गर्भवती महिला के इलाज में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। करौंदी निवासी नीलू कुमारी के सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने कॉटन और बैंडेज अंदर ही छोड़ दिया। इस घटना के चलते महिला की स्थिति बेहद नाजुक हो गई और नवजात बच्चा मां के प्यार और स्तनपान से वंचित रहा।

पति ने बताई आपबीती

महिला के पति दिलीप साहू ने बताया कि 7 मई 2024 को नीलू को प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 9 मई को सिजेरियन ऑपरेशन के बाद महिला को डिस्चार्ज कर दिया गया। लेकिन घर लौटने के बाद उसे गंभीर दर्द और रक्तस्राव की शिकायत हुई। अस्पताल से मिली दवाओं के बावजूद उसकी हालत बिगड़ती चली गई।

निजी अस्पताल में हुआ लापरवाही का खुलासा

हालत गंभीर होने पर महिला को बोकारो के मुस्कान अस्पताल में भर्ती कराया गया। अल्ट्रासाउंड जांच में पता चला कि ऑपरेशन के दौरान कॉटन और अन्य सामग्री महिला के शरीर में छोड़ी गई थी। डॉक्टरों ने तुरंत ऑपरेशन कर इन सामग्रियों को निकाला और आंतों को हुए नुकसान को ठीक किया।

“मुस्कान अस्पताल के डॉक्टरों ने भी अपनी रिपोर्ट में सदर अस्पताल की लापरवाही की पुष्टि की।”

सदर थाना ने नहीं की कोई कार्रवाई

दिलीप साहू ने बताया कि इस लापरवाही के खिलाफ उन्होंने सदर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने सीजेएम कोर्ट में शिकायत की, जहां डॉक्टरों और अस्पताल कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

चिकित्सकों ने आरोपों को किया खारिज

सदर अस्पताल की महिला डॉक्टर डॉ. निर्मला मुंडू ने सिजेरियन में लापरवाही के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के बाद महिला की स्थिति सामान्य थी, इसलिए उसे समय पर डिस्चार्ज किया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि ऑपरेशन के दौरान उपयोग की गई सामग्रियों की जांच सावधानीपूर्वक की जाती है।

“ऑपरेशन के दौरान कोई अवांछित सामग्री नहीं छोड़ी गई। यदि ऐसा होता तो लक्षण अस्पताल में ही दिखाई देते।” – डॉ. निर्मला मुंडू

न्याय और कार्रवाई की उम्मीद

इस मामले ने सदर अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था और जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मरीजों के इलाज में ऐसी लापरवाहियां गंभीर चिंता का विषय हैं। मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।

झारखंड की स्वास्थ्य सेवाओं और इससे जुड़ी हर खबर के लिए जुड़े रहें ‘न्यूज़ देखो’ के साथ।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250604-WA0023 (1)
IMG-20250610-WA0011
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250925-WA0154
IMG-20250723-WA0070
1000264265
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Related News

Back to top button
error: