
#बरवाडीह #तेंदूपत्ताअवैधतुड़ाई – पलामू टाइगर रिजर्व के जंगलों में खुला खेल, वन माफिया और तंत्र की मिलीभगत से सरकार को भारी नुकसान
- पलामू टाइगर रिजर्व के जंगलों से बड़े पैमाने पर अवैध तेंदूपत्ता तुड़ाई का खुलासा
- बाल श्रमिकों और महिलाओं से कराई जा रही है तुड़ाई और संग्रहण
- वन विभाग पर माफियाओं को संरक्षण देने के लगे गंभीर आरोप
- डाल्टनगंज-लातेहार की ओर भेजे जा रहे पत्तों से राजस्व को हो रहा नुकसान
- बरवाडीह-डाल्टनगंज मार्ग पर ट्रकों में खुला परिवहन, प्रशासन मौन
जंगलों में सक्रिय तेंदूपत्ता माफिया और प्रशासन की चुप्पी
बरवाडीह (लातेहार): पलामू टाइगर रिजर्व (PTR) क्षेत्र में इन दिनों अवैध तेंदूपत्ता तुड़ाई और संग्रहण का कारोबार चरम पर है। जंगलों में खुलेआम बाल श्रमिकों और ग्रामीण महिलाओं से पत्तों की तुड़ाई करवाई जा रही है, जबकि इसे वन विभाग और पुलिस प्रशासन द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह पूरा खेल विभाग की मिलीभगत से संचालित हो रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि वनकर्मी सब कुछ जानते हुए भी माफियाओं की मदद कर रहे हैं। ट्रकों में पत्तों को भरकर प्रतिदिन डाल्टनगंज, लातेहार और अन्य स्थानों तक भेजा जा रहा है। गुरुवार को भी बरवाडीह-डाल्टनगंज मुख्य मार्ग पर तेंदूपत्ता से लदा ट्रक मेदिनीनगर की ओर जाता देखा गया, जिससे पूरे इलाके में चर्चा तेज हो गई है।
तेंदूपत्ता से हो रही कमाई, लेकिन सरकार को हो रहा नुकसान
सरकारी स्तर पर तेंदूपत्ता एक संवेदनशील और राजस्व देने वाली वन उपज है, लेकिन वर्तमान में जिस तरह से इसका अवैध दोहन हो रहा है, उससे सरकार को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि बगैर किसी लाइसेंस या वन विभागीय स्वीकृति के तेंदूपत्ता तोड़ा जा रहा है, और अधिकारियों की मौन स्वीकृति से इसका संग्रहन और परिवहन भी जारी है।
बाल श्रम और सामाजिक संवेदनशीलता का हो रहा उल्लंघन
इस पूरी प्रक्रिया में बाल श्रम कानूनों और श्रमिक सुरक्षा नियमों की खुली धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। कम उम्र के बच्चों से पत्ते तुड़वाए जा रहे हैं और महिलाएं बेहद कम मजदूरी पर घंटों जंगलों में काम कर रही हैं। स्थानीय प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि अब तक किसी भी तेंदूपत्ता माफिया के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।
वन विभाग पर संरक्षण का आरोप, कोई जवाब नहीं
जब ग्रामीणों ने वन अधिकारियों से शिकायत की, तो उन्हें टालने वाले जवाब और असहायता का प्रदर्शन मिला। उनका आरोप है कि वनकर्मी खुद माफियाओं को ट्रकों के जरिए बाहर भेजने में मदद कर रहे हैं। इस पूरे मामले में उच्चस्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग उठ रही है।

न्यूज़ देखो : जंगलों की हर हरकत पर पैनी नजर
पलामू टाइगर रिजर्व जैसे संवेदनशील और जैव विविधता से भरपूर क्षेत्र में अगर तेंदूपत्ता का अवैध कारोबार इस हद तक खुल्लमखुल्ला चले, तो यह सिर्फ वन संपदा नहीं, सिस्टम की साख का भी दोहन है। ‘न्यूज़ देखो’ इसी तरह की हर विसंगति, शोषण और मिलीभगत की रिपोर्ट को साहस और सच्चाई के साथ आपके सामने लाता रहेगा —
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