Garhwa

गढ़वा में मंडल डैम परियोजना को लेकर विस्थापितों ने बनकर्मियों को बंधक बनाकर किया हंगामा

Join News देखो WhatsApp Channel
#गढ़वा #मंडल_डैम : बालिगढ़ जंगल में विस्थापितों ने वनकर्मियों को दो घंटे तक बंधक बनाकर विरोध जताया
  • रमकंडा प्रखंड के बालिगढ़ वन क्षेत्र में विस्थापितों ने डीएफओ एबीन बेनी अब्राहम, रेंजर रामरतन पांडेय समेत सात वनकर्मियों को बंधक बनाया
  • वन विभाग की टीम जंगल में सर्वे करने गई थी, उसी दौरान ग्रामीणों ने घेरकर विरोध जताया।
  • बंधक बनाए गए वनकर्मियों को करीब दो किलोमीटर पैदल बालिगढ़ के खेल मैदान तक ले जाया गया।
  • ग्रामीणों का कहना है कि बिना ग्रामसभा की सहमति कोई सर्वे या पुनर्वास कार्य नहीं किया जा सकता।
  • रंका, भंडरिया और रमकंडा थाना की पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर अधिकारियों को सुरक्षित निकाला।

गढ़वा जिले में मंडल डैम परियोजना को लेकर विवाद एक बार फिर गर्मा गया है। रमकंडा प्रखंड के बालिगढ़ जंगल में सर्वे करने के लिए पहुंची वन विभाग की टीम को विस्थापित ग्रामीणों ने घेर लिया। ग्रामीणों का कहना है कि परियोजना के तहत सात गांवों के 780 परिवारों का पुनर्वास किया जाना है, लेकिन पुनर्वास स्थल के रूप में चिन्हित रंका के बिश्रामपुर और रमकंडा के बालिगढ़ वन क्षेत्र की 1378 एकड़ जमीन पर बिना स्थानीय सहमति कार्य नहीं किया जा सकता।

वनकर्मियों पर हमला और बंधक बनाने की घटना

बताया जा रहा है कि सैकड़ों ग्रामीणों ने डीएफओ एबीन बेनी अब्राहम, रेंजर रामरतन पांडेय के साथ प्रभारी वनपाल ललन कुमार, वनरक्षी धीरेंद्र चौबे, विंसेंट लकड़ा, शशिकांत कुमार, रंजीत सिंह, विजय सिंह और आनंद कुमार को बंधक बनाया। अधिकारियों को जंगल में करीब दो किलोमीटर पैदल चलाकर बालिगढ़ के खेल मैदान में लाया गया। इस दौरान डीएफओ पर हमले की कोशिश की गई और वाहन को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास भी किया गया। वनकर्मी जब घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे थे, तो ग्रामीणों ने उनका मोबाइल छीनने का प्रयास किया।

पुलिस ने किया सुरक्षित निकासी

घटना की सूचना मिलने पर रंका इंस्पेक्टर अभिजीत गौतम मिश्रा, रंका थाना प्रभारी चेतन कुमार सिंह, भंडरिया थाना प्रभारी सुभाष कुमार और रमकंडा थाना प्रभारी सुरेंद्र सिंह कुंटिया अपने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। कई घंटे चली बैठक के बाद अधिकारियों को ग्रामीणों के बीच से सुरक्षित निकाला गया।

विवाद का कारण

मंडल डैम परियोजना के तहत प्रभावित सात गांवों के 780 परिवारों का पुनर्वास किया जाना है। लेकिन स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बिना ग्रामसभा की सहमति किसी भी सर्वे या पुनर्वास कार्य को अंजाम नहीं दिया जा सकता। वन विभाग की टीम सर्वे करने पहुंची थी, तभी ग्रामीणों ने विरोध जताया और हंगामा शुरू कर दिया। डीएफओ एबीन बेनी अब्राहम ने कहा कि “टीम सर्वे करने गई हुई थी, ग्रामीण हंगामा करने लगे। उनकी मांग पर सुनवाई कर वापस आ गए। आगे की कार्रवाई के लिए तीनों थानों की पुलिस मौजूद है।”

न्यूज़ देखो: गढ़वा में विस्थापितों और प्रशासन के बीच टकराव

यह घटना दिखाती है कि बड़े विकास कार्यों में स्थानीय समुदाय की सहमति और संवेदनशीलता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। प्रशासन और ग्रामीणों के बीच संवाद की कमी के कारण हिंसक परिस्थितियां उत्पन्न होती हैं। भविष्य में ऐसे विवादों को रोकने के लिए सामुदायिक भागीदारी और पारदर्शिता जरूरी है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

संवाद और समझौते से विकास सुनिश्चित करें

स्थानीय समुदायों और प्रशासन को मिलकर समाधान निकालना चाहिए। हर परियोजना में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने से विवाद और हिंसा से बचा जा सकता है। अपने विचार साझा करें, खबर को साझा करें और विकास कार्यों को सभी के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक बनाएं।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

Engineer & Doctor Academy
IMG-20250604-WA0023 (1)
20250923_002035
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250925-WA0154
1000264265
IMG-20250723-WA0070
Radhika Netralay Garhwa

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: