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सिमडेगा में आदि सेवा केंद्र का शुभारंभ: ग्रामीण विकास की दिशा में ऐतिहासिक कदम

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#सिमडेगा #ग्रामविकास : बीरू पंचायत भवन में आदि कर्मयोगी अभियान के तहत सचिव महोदय ने ग्रामीणों संग विकास योजना पर की विस्तृत चर्चा
  • बृज नन्दन प्रसाद, संयुक्त सचिव जनजातीय कार्य मंत्रालय ने दीप प्रज्ज्वलित कर आदि सेवा केंद्र का शुभारंभ किया।
  • उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी, आईटीडीए निदेशक सरोज तिर्की सहित प्रशासनिक अधिकारी व बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित।
  • ग्रामवासियों ने नक्शे के माध्यम से पंचायत क्षेत्र की आवश्यकताओं और सुविधाओं का विस्तृत प्रस्तुतीकरण किया।
  • पांच वर्षीय विकास खाका पेश, जिसमें सड़क, बिजली, पानी, आजीविका, शिक्षा और स्वास्थ्य प्रमुख बिंदु रहे।
  • सचिव महोदय ने कहा – “ग्रामीण अपनी आवश्यकताएं बेझिझक लिखें, प्राथमिकता और क्रियान्वयन आगे तय होगा।”।
  • महिलाओं के लिए स्वयं सहायता समूह, आजीविका और कौशल प्रशिक्षण योजनाओं पर विशेष जोर दिया गया।

बीरू पंचायत भवन में आयोजित इस कार्यक्रम ने सिमडेगा के ग्रामीण विकास को नई दिशा दी। जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव की मौजूदगी में ग्रामवासियों ने अपने गांव के लिए आने वाले पांच वर्षों का खाका रखा। इसमें न सिर्फ आधारभूत ढांचा बल्कि आजीविका, शिक्षा और सामाजिक प्रशासन से जुड़े मुद्दों को भी शामिल किया गया। सचिव महोदय ने ग्रामवासियों की योजनाओं को सराहते हुए उन्हें आगे बढ़ाने का आश्वासन दिया।

शुभारंभ का औपचारिक आयोजन

कार्यक्रम की शुरुआत जेएसएलपीएस की दीदियों द्वारा स्वागत से हुई, जहां बृज नन्दन प्रसाद सहित सभी अतिथियों को पुष्पगुच्छ और माला पहनाई गई। इसके बाद दीप प्रज्ज्वलित कर आदि सेवा केंद्र का शुभारंभ किया गया। उपस्थित अधिकारियों और ग्रामीणों ने जमीन पर बैठकर सीधी भागीदारी के साथ चर्चा की, जिससे कार्यक्रम को व्यावहारिक और सहभागी स्वरूप मिला।

ग्राम विकास योजना की प्रस्तुति

ग्रामवासियों ने पंचायत क्षेत्र का नक्शा तैयार कर दिखाया, जिसमें आंगनवाड़ी केंद्र, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, जल टंकी, पंचायत भवन, मंदिर, तालाब, सड़कें और कृषि भूमि जैसे संसाधनों को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया। साथ ही, वर्तमान समस्याओं और उनकी प्राथमिकताओं को चिह्नित किया गया।

आधारभूत संरचना

विकास योजना में ग्रामीणों ने पक्की सड़क, 24×7 बिजली, जल निकासी नालियां, सामुदायिक भवन, पेयजल आपूर्ति और शौचालय निर्माण को प्रमुख मांग के रूप में रखा।

आजीविका और आर्थिक सशक्तिकरण

महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़ने, हर परिवार द्वारा तीन प्रकार की खेती को प्रोत्साहित करने, ड्रिप और लिफ्ट इरिगेशन की सुविधा देने और कौशल प्रशिक्षण के जरिए रोजगार बढ़ाने जैसे बिंदु शामिल किए गए। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया कि इन योजनाओं से पलायन की समस्या को समाप्त किया जा सकता है।

सामुदायिक प्रशासन और सामाजिक सरोकार

योजना में सामुदायिक भागीदारी से योजनाओं का क्रियान्वयन, नशामुक्ति अभियान, खुले में शौच मुक्त ग्राम, शून्य ड्रॉपआउट गांव और मानव तस्करी पर रोक जैसे लक्ष्य शामिल किए गए। यह ग्राम विकास को केवल आर्थिक ही नहीं बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी मजबूत करने की सोच को दर्शाता है।

सचिव महोदय का संबोधन

बृज नन्दन प्रसाद ने कहा: “गांव के विकास हेतु जिन सुविधाओं की जरूरत है, उन्हें साफ-साफ योजना में दर्ज करें। अगर मन में आसमान से तारे तोड़ने जैसी सोच भी है, तो उसे भी लिख डालिए। प्राथमिकताएं और क्रियान्वयन बाद में तय होंगे।”

उन्होंने आगे कहा कि ग्रामवासियों को ईमानदारी से अपनी आवश्यकताओं को सूचीबद्ध करना चाहिए – चाहे वह सड़क हो, बिजली हो, दवा हो या बच्चों की शिक्षा। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनकी योजनाओं को विभाग स्तर पर स्वीकृति दिलाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा।

उपस्थित अधिकारी और ग्रामीणों की भूमिका

इस मौके पर उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी, आईटीडीए परियोजना निदेशक सरोज तिर्की, नजारा उप समाहर्ता-सह-प्रखंड विकास पदाधिकारी समीर रेनियर खलखो, डीपीएम जेएसएलपीएस शांति मार्डी, पंचायत मुखिया गंगाधर लोहरा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी ने इस आयोजन को विशेष बना दिया।

भविष्य की राह

सचिव महोदय ने ग्रामीणों को यह भी कहा कि वे अपनी योजना को और विस्तार से तैयार कर विभाग को भेजें। इसके आधार पर ही विकास कार्यों को तेजी से लागू किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य उत्तरदायी शासन को जमीनी स्तर पर लाना है, जिसमें जनता की भागीदारी ही सफलता की कुंजी है।

न्यूज़ देखो: जिम्मेदारी और भागीदारी से बदलेगा गांव

इस आयोजन ने साफ कर दिया कि विकास योजनाएं केवल सरकार पर निर्भर नहीं, बल्कि ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी से ही सफल होंगी। गांव की समस्याओं को स्वयं ग्रामीणों ने पहचाना और उनके समाधान का मार्ग सुझाया। अब प्रशासन की जिम्मेदारी है कि इन्हें अमल में लाए।

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ग्रामीण विकास में सबकी भागीदारी

यह कार्यक्रम इस बात का उदाहरण है कि जब जनता और प्रशासन साथ आते हैं, तो विकास की राह आसान हो जाती है। अब समय है कि हम सब अपने गांवों की समस्याओं और जरूरतों को सामने लाकर समाधान का हिस्सा बनें। अपनी राय साझा करें, खबर को आगे बढ़ाएं और जागरूकता का हिस्सा बनें।

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