
#गुमला #किशोर_न्याय : तिर्रा सिलम स्थित संप्रेक्षण गृह परिसर में परिवार परामर्श केंद्र का उद्घाटन, बच्चों और परिवारों को मिलेगा समग्र मार्गदर्शन।
गुमला जिले में किशोर न्याय व्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। किशोर नया बोर्ड गुमला में परिवार परामर्श केंद्र का विधिवत उद्घाटन तिर्रा सिलम स्थित संप्रेक्षण गृह परिसर में किया गया। इस केंद्र का उद्देश्य विधि का उल्लंघन करने वाले बच्चों के साथ-साथ उनके परिवारों को परामर्श, संरक्षण और पुनर्वास की सुविधा प्रदान करना है। यह पहल बच्चों को पुनः मुख्यधारा से जोड़ने और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
- किशोर नया बोर्ड गुमला में परिवार परामर्श केंद्र का उद्घाटन।
- प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ध्रुव चंद्र मिश्र ने दीप प्रज्वलन कर किया शुभारंभ।
- विधि का उल्लंघन करने वाले बच्चों और उनके परिवारों को मिलेगा समग्र परामर्श।
- शिक्षा, स्वास्थ्य, पुनर्वास और सरकारी योजनाओं से जोड़ने पर रहेगा विशेष फोकस।
- जिला विधिक सेवा प्राधिकार, मनोचिकित्सक और नशा मुक्ति केंद्र का सहयोग।
गुमला जिले में किशोर न्याय बोर्ड के अंतर्गत परिवार परामर्श केंद्र का उद्घाटन बुधवार को तिर्रा सिलम स्थित संप्रेक्षण गृह परिसर में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा फीता काटकर एवं दीप प्रज्वलन के साथ की गई। यह केंद्र विधि का उल्लंघन करने वाले बच्चों के अधिकारों के संरक्षण, उनके समुचित विकास और परिवार में पुनर्मिलन की दिशा में कार्य करेगा।
उद्घाटन समारोह में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुमला श्री ध्रुव चंद्र मिश्र, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्री रामलाल कुमार गुप्ता, किशोर न्याय बोर्ड की प्रधान दंडाधिकारी पूनम कुमारी, बोर्ड सदस्य त्रिभुवन शर्मा एवं कृपा खेस, न्यायिक अधिकारी प्रतीक राज, बार एसोसिएशन अध्यक्ष श्रवण साहू, अमर कुमार, रवि प्रकाश तथा अधीक्षक अविनाश कुमार गिरी सहित कई न्यायिक एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
बच्चों के अधिकार और पुनर्वास पर केंद्रित पहल
कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए किशोर न्याय बोर्ड सदस्य त्रिभुवन शर्मा ने बताया कि जो बच्चे विधि का उल्लंघन कर बोर्ड के समक्ष आते हैं, उनके अधिकारों का संरक्षण, विकास और परिवार में पुनर्मिलन सुनिश्चित करना बोर्ड की प्रमुख जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में बच्चों के साथ-साथ परिवार की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
उन्होंने बताया कि कई बच्चे गरीबी, जानकारी के अभाव, पढ़ाई छूटने, नशे की लत और गलत संगत के कारण अपराध की ओर बढ़ जाते हैं। ऐसे परिवारों को सरकारी योजनाओं की जानकारी नहीं होती, जिससे स्थिति और जटिल हो जाती है। परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से परिवार केंद्रित देखभाल प्रदान कर बच्चों को दोबारा समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा।
बच्चों के भविष्य निर्माण में निभाएगा अहम भूमिका
मुख्य अतिथि प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री ध्रुव चंद्र मिश्र ने अपने संबोधन में कहा कि किशोर न्याय बोर्ड का यह परिवार परामर्श केंद्र विधि का उल्लंघन करने वाले बच्चों के भविष्य निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा:
ध्रुव चंद्र मिश्र ने कहा: “बोर्ड में जिन बच्चों के मामले विचाराधीन रहते हैं, उनके परिवारों को भी परामर्श की आवश्यकता होती है। माता-पिता को सही मार्गदर्शन देकर ही बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।”
उन्होंने आगे कहा कि यह केंद्र बच्चों की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य, उचित खान-पान, देखभाल और शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए परिवारों को मार्गदर्शन देगा। जो बच्चे अपराध में शामिल होने के कारण पढ़ाई से वंचित हो जाते हैं, उन्हें पुनः शिक्षा से जोड़ने का कार्य भी किया जाएगा।
विधिक सहायता और मनोवैज्ञानिक परामर्श की सुविधा
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बताया कि इस परिवार परामर्श केंद्र में जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से विधिक सलाह भी दी जाएगी। साथ ही बच्चों और उनके परिवारों को मनोचिकित्सक एवं नशा मुक्ति केंद्र से जोड़कर समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में कार्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि परिवार को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी सुनिश्चित कराया जाएगा, ताकि आर्थिक और सामाजिक कारणों से बच्चे दोबारा अपराध की ओर न जाएं। यह केंद्र किशोर न्याय के क्षेत्र में एक उल्लेखनीय पहल साबित होगा।
न्यायिक प्रक्रिया को सशक्त बनाएगा केंद्र
कार्यक्रम के अंत में किशोर न्याय बोर्ड की प्रधान दंडाधिकारी पूनम कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए कहा कि परिवार परामर्श केंद्र के माध्यम से बच्चों के परिवारों को सशक्त किया जाएगा, जिससे विचारण के दौरान बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित हो सकेगी।
उन्होंने कहा:
पूनम कुमारी ने कहा: “समय पर बच्चों के मामलों का न्यायिक निर्णय हो सके, इसके लिए परिवार की भूमिका अहम है। यह केंद्र माता-पिता को परामर्श देकर बच्चों के सर्वांगीण विकास में सहयोग करेगा।”
उन्होंने जिला के सभी न्यायिक अधिकारियों, परिवारों और उपस्थित अभिभावकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
बड़ी संख्या में पदाधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर परिवीक्षा पदाधिकारी रवि प्रकाश, कन्हैया कुमार, गृहपति दीपक कुमार, शिक्षक सोनी प्रतिभा सहित संप्रेक्षण गृह एवं जिला बाल संरक्षण इकाई के कई पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।



न्यूज़ देखो: बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में मजबूत कदम
गुमला में परिवार परामर्श केंद्र का उद्घाटन किशोर न्याय व्यवस्था को अधिक संवेदनशील और प्रभावी बनाने की दिशा में एक मजबूत पहल है। बच्चों के साथ-साथ परिवारों को साथ लेकर चलने की यह व्यवस्था भविष्य में अपराध की पुनरावृत्ति रोकने में अहम साबित हो सकती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
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