
#डुमरी #संगठन_विस्तार : किसान मजदूर हितों को लेकर यूनियन से जुड़ने का बढ़ता विश्वास।
गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड अंतर्गत निमियाघाट क्षेत्र में झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन के संगठनात्मक विस्तार को लेकर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष गंगाधर महतो की उपस्थिति में कई स्थानीय ग्रामीणों ने औपचारिक रूप से यूनियन की सदस्यता ग्रहण की। कार्यक्रम का उद्देश्य किसान, मजदूर और वंचित वर्गों को संगठित कर उनके अधिकारों के लिए एकजुट आवाज बुलंद करना रहा। क्षेत्र में यूनियन को मिल रहा यह समर्थन संगठन की बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाता है।
- निमियाघाट शंकरडीह पंचायत में आयोजित हुआ सदस्यता कार्यक्रम।
- रुपलाल तुरी, गोविंद महतो और अखिलेश कुमार ने ली यूनियन की सदस्यता।
- कार्यक्रम में केंद्रीय अध्यक्ष गंगाधर महतो की रही उपस्थिति।
- नवसदस्यों ने यूनियन की नीति और सिद्धांतों पर चलने का संकल्प लिया।
- कई केंद्रीय पदाधिकारी कार्यक्रम में रहे मौजूद।
डुमरी प्रखंड के निमियाघाट क्षेत्र में झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन द्वारा आयोजित सदस्यता कार्यक्रम में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली। कार्यक्रम का आयोजन शंकरडीह पंचायत क्षेत्र में किया गया, जहां स्थानीय लोगों ने यूनियन की विचारधारा से प्रभावित होकर संगठन से जुड़ने का निर्णय लिया।
इस अवसर पर शंकरडीह पंचायत निवासी रुपलाल तुरी, गोविंद महतो और अखिलेश कुमार ने औपचारिक रूप से झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन की सदस्यता ग्रहण की। नवसदस्यों का स्वागत यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा संगठन का प्रतीक गमछा और सदस्यता पत्र देकर किया गया।
संगठन विस्तार की दिशा में अहम कदम
यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष गंगाधर महतो ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन का मूल उद्देश्य राज्य के किसानों, मजदूरों और वंचित तबकों को संगठित कर उनके हक और अधिकार के लिए संघर्ष करना है। उन्होंने कहा कि जब तक समाज का अंतिम व्यक्ति संगठित नहीं होगा, तब तक सामाजिक और आर्थिक न्याय अधूरा रहेगा।
गंगाधर महतो ने कहा: “किसान और मजदूर देश की रीढ़ हैं, लेकिन आज भी उन्हें उनका पूरा अधिकार नहीं मिल पा रहा है। संगठन के माध्यम से हम सब मिलकर इस लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ाएंगे।”
नवसदस्यों का संकल्प
सदस्यता ग्रहण करने वाले ग्रामीणों ने यूनियन के मंच से यह संकल्प लिया कि वे संगठन की नीति, सिद्धांत और संघर्षशील विचारधारा पर चलते हुए किसान और मजदूर हितों की रक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में मजदूरी, रोजगार, भूमि अधिकार और सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में कई समस्याएं हैं, जिनके समाधान के लिए संगठित प्रयास जरूरी है।
नवसदस्यों ने यह भी कहा कि यूनियन से जुड़कर उन्हें अपनी बात सामूहिक रूप से रखने का मंच मिलेगा, जिससे प्रशासन तक समस्याएं पहुंचाने में मदद मिलेगी।
पदाधिकारियों की मौजूदगी
कार्यक्रम में यूनियन के कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें केंद्रीय महासचिव मदन मोहली, केंद्रीय महासचिव रविंद्र कुमार, सोशल मीडिया प्रभारी सुजीत कुमार सहित अन्य कार्यकर्ता शामिल थे। सभी पदाधिकारियों ने नवसदस्यों का स्वागत करते हुए संगठन को और मजबूत करने की अपील की।
केंद्रीय महासचिव मदन मोहली ने कहा कि झारखंड में किसान और मजदूर लगातार आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। यूनियन का प्रयास है कि गांव-गांव जाकर लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए।
मदन मोहली ने कहा: “जब तक किसान और मजदूर संगठित नहीं होंगे, तब तक उनकी आवाज कमजोर रहेगी। यूनियन का विस्तार इसी सोच का परिणाम है।”
क्षेत्रीय समस्याओं पर चर्चा
कार्यक्रम के दौरान निमियाघाट और आसपास के क्षेत्रों की समस्याओं पर भी चर्चा हुई। ग्रामीणों ने मजदूरी भुगतान में देरी, मनरेगा कार्यों की कमी, कृषि संसाधनों की अनुपलब्धता और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अभाव जैसे मुद्दे उठाए। यूनियन पदाधिकारियों ने इन समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर संबंधित विभागों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।
यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि आने वाले दिनों में क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक किसान और मजदूर संगठन से जुड़ सकें।
यूनियन को मिल रहा बढ़ता समर्थन
निमियाघाट में हुए इस सदस्यता कार्यक्रम को संगठन के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। स्थानीय स्तर पर यूनियन को मिल रहा समर्थन यह दर्शाता है कि किसान और मजदूर अपने अधिकारों को लेकर अब संगठित होने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने संगठन को मजबूत बनाने और सामाजिक न्याय के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया।
न्यूज़ देखो: संगठित समाज की ओर बढ़ता कदम
निमियाघाट में झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन का विस्तार यह दर्शाता है कि ग्रामीण समाज अब अपने अधिकारों को लेकर जागरूक हो रहा है। संगठित प्रयासों से ही किसान और मजदूर अपनी समस्याओं को प्रभावी ढंग से उठा सकते हैं। अब यह देखना अहम होगा कि यूनियन इन मुद्दों को कितनी मजबूती से आगे ले जाती है। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संगठन से ही सशक्तिकरण संभव
किसान और मजदूरों की ताकत उनकी एकता में है। यदि आप भी अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाना चाहते हैं, तो संगठित होने का रास्ता चुनें। इस खबर को साझा करें, अपनी राय कमेंट में रखें और समाज में जागरूकता फैलाने में भागीदार बनें।





