
#रांची #खेती_पशुपालन – मेधा मिल्क पाउडर प्लांट का शिलान्यास, किसानों से किया आत्मनिर्भर बनने का आह्वान
- मुख्यमंत्री ने कृषि और पशुपालन को सबसे टिकाऊ और लाभकारी क्षेत्र बताया
- धान और दूध की सरकारी खरीद, पशुधन बीमा पर सरकार का विशेष फोकस
- रांची में मेधा मिल्क पाउडर प्लांट का हुआ शिलान्यास
- एमएस धोनी का उदाहरण देकर युवाओं को खेती अपनाने का संदेश
- पशुधन में गिरावट पर चिंता, पुनर्वास की बात कही गई
खेती में नहीं होता घाटा : मुख्यमंत्री
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज झारखंड मिल्क फेडरेशन के अंतर्गत बनने वाले मेधा मिल्क पाउडर प्लांट का शिलान्यास किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि खेती और पशुपालन जैसे कार्यों में कोई घाटा नहीं होता, केवल लाभ होता है।
उन्होंने स्पष्ट कहा –
“दुनिया के तमाम उद्योगों में घाटा हो सकता है, लेकिन खेती एक ऐसा क्षेत्र है जो सदा उपज देता है।”
पशुधन पुनर्वास की जरूरत
सीएम ने कहा कि पहले गांवों में बड़ी संख्या में पशु होते थे, जिससे उनकी वापसी के समय रास्ते भर जाम हो जाता था। लेकिन अब पशुधन घटता जा रहा है।
उन्होंने इसके पुनर्वास पर जोर देते हुए कहा कि इससे पर्यावरण और बच्चों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
किसानों की आय बढ़ाने की सरकार की योजनाएं
सीएम ने कहा कि किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है।
इनमें धान और दूध की सरकारी खरीद, पशुधन बीमा, और सहकारी समितियों के सशक्तिकरण की योजनाएं शामिल हैं ताकि किसानों को जोखिम से सुरक्षा मिले।
युवाओं को खेती अपनाने का आह्वान
मुख्यमंत्री ने युवाओं को खेती को व्यवसाय के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित किया और महेंद्र सिंह धोनी का उदाहरण देते हुए कहा –
“जब एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर खेती करके अपने उत्पाद विदेशों में निर्यात कर सकता है, तो हम क्यों नहीं?”
उन्होंने कहा कि खेती हमारे संस्कारों का हिस्सा है, और यदि इसे सम्मानपूर्वक अपनाया जाए, तो यह आर्थिक उन्नति का मजबूत जरिया बन सकता है।

न्यूज़ देखो : किसानों के लिए नया संकल्प, नई दिशा
खेती सिर्फ परंपरा नहीं, अब झारखंड की प्रगति का नया आधार बन रही है।
न्यूज़ देखो झारखंड सरकार की हर पहल की निगरानी कर रहा है जो किसानों को आत्मनिर्भरता की ओर ले जाती है।
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