
#मेदिनीनगर #लाह_खेती : एशिया के सबसे बड़े कुन्दरी लाह बागान को पुनर्जीवित करने की दिशा में सरकार ने उठाया ठोस कदम।
- वर्ष 2026 में कुन्दरी लाह बागान में लाख की खेती प्रारंभ करने का आश्वासन।
- माननीय संसदीय कार्य सह वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर की पहल से हुई उच्चस्तरीय बैठक।
- प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार एवं आरसीसीएफ पलामू रहे उपस्थित।
- 10 जनवरी 2025 से पहले कुन्दरी लाह बागान क्षेत्र में संयुक्त बैठक प्रस्तावित।
- लाखों किसानों और ग्रामीण परिवारों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद।
एशिया महादेश के सबसे बड़े कुन्दरी लाह बागान के पुनर्जीवन की दिशा में एक बड़ी और ऐतिहासिक पहल सामने आई है। माननीय संसदीय कार्य सह वित्त मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर ने स्पष्ट किया है कि वर्ष 2026 में कुन्दरी लाह बागान में लाख की खेती प्रारंभ की जाएगी। यह निर्णय न केवल पलामू क्षेत्र के लिए बल्कि पूरे झारखंड में लाख उत्पादन को बढ़ावा देने की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।
ग्रामीणों की मांग पर मिली ठोस पहल
गौरतलब है कि 2 दिसंबर 2025 को कुन्दरी लाह बागान के संपूर्ण विकास एवं लाह खेती को पुनर्जीवित करने में सक्रिय उद्घोष फाउंडेशन के अध्यक्ष कमलेश सिंह के विशेष आग्रह पर माननीय मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर का कुन्दरी लाह बागान आगमन हुआ था। इस दौरान स्थानीय ग्रामीणों ने उनसे मुलाकात कर बागान को पुनर्जीवित करने और रोजगार सृजन की पुरजोर मांग रखी थी।
ग्रामीणों की इस मांग को गंभीरता से लेते हुए मंत्री ने उसी समय आश्वासन दिया था कि सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाएगी और वर्ष 2026 से लाह की खेती शुरू कराई जाएगी।
रांची में हुई उच्चस्तरीय संयुक्त बैठक
इसी आश्वासन के अनुरूप आज रांची स्थित झारखंड सरकार के प्रोजेक्ट भवन में माननीय संसदीय कार्य मंत्री श्री राधा कृष्ण किशोर के कार्यालय कक्ष में एक महत्वपूर्ण संयुक्त बैठक आयोजित की गई।
इस बैठक में प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री संजीव कुमार, एस. आर. नकेशा (आरसीसीएफ, पलामू क्षेत्र) सहित वन विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में पलामू क्षेत्र में लाख की खेती को बढ़ावा देने, कुन्दरी लाह बागान के समग्र विकास, बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण और किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने जैसे कई अहम बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
सभी अधिकारियों ने एकमत से इस बात पर सहमति जताई कि कुन्दरी लाह बागान को फिर से उसकी पुरानी पहचान दिलाई जाएगी।
वर्ष 2026 से लाख की खेती, तैयारियां शुरू
बैठक में यह भी तय किया गया कि वर्ष 2026 में लाख की खेती प्रारंभ करने के लिए सभी आवश्यक प्रशासनिक, तकनीकी और व्यावहारिक कदम समय पर उठाए जाएंगे।
इसके साथ ही यह निर्णय लिया गया कि 10 जनवरी 2025 से पहले कुन्दरी लाह बागान क्षेत्र में एक संयुक्त स्थल निरीक्षण एवं समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी।
इस प्रस्तावित बैठक में:
- माननीय संसदीय कार्य सह वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर
- प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजीव कुमार
- वन विभाग के सभी जिम्मेदार पदाधिकारी
- झारखंड स्टेट कोऑपरेटिव लाह मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (झास्कोलम्पफ), रांची के प्रबंध निदेशक
- राष्ट्रीय द्वितीयक कृषि संस्थान – भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के निदेशक
- अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी
की उपस्थिति सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है।
हजारों किसान परिवारों को मिलेगा रोजगार
उद्घोष फाउंडेशन के अध्यक्ष कमलेश सिंह ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह सभी के सहयोग, निरंतर प्रयास और सकारात्मक सोच का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि एशिया का सबसे बड़ा कुन्दरी लाह बागान आज फिर से पुनर्जीवित होने के कगार पर खड़ा है। यदि यह योजना धरातल पर पूरी तरह लागू होती है, तो इससे पलामू क्षेत्र के हजारों किसान परिवारों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
लाख की खेती न केवल किसानों की आय बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्र में स्थानीय उद्योग, कुटीर व्यवसाय और महिला स्वावलंबन को भी मजबूती प्रदान करेगी।
क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई गति
विशेषज्ञों का मानना है कि कुन्दरी लाह बागान का पुनर्विकास पलामू की अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। इससे:
- पलायन पर रोक लगेगी
- स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा
- पारंपरिक कृषि के साथ वैकल्पिक आजीविका को बढ़ावा मिलेगा
न्यूज़ देखो: पलामू के लिए नई उम्मीद
कुन्दरी लाह बागान में लाख की खेती की वापसी पलामू के किसानों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है। यदि यह योजना सफल होती है तो यह क्षेत्र आत्मनिर्भरता की ओर मजबूत कदम बढ़ाएगा। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
खेती, रोजगार और विकास की ओर एक कदम
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