
#लातेहार #मनिका_संघर्ष : सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हटाने और सीमांकन कराने की मांग को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने सीओ से की मुलाकात।
- भूमि अतिक्रमण मनिका संघर्ष समिति के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने अंचलाधिकारी अमन कुमार को सौंपा ज्ञापन।
- सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हटाने और सीमांकन कार्य शुरू करने की मांग रखी गई।
- सुरेंद्र पासवान और लव कुमार दुबे के नेतृत्व में ग्राम प्रधान, राजनीतिक प्रतिनिधि व जनप्रतिनिधि शामिल रहे।
- समिति ने चेतावनी दी कि 15 दिनों में कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
- सीओ अमन कुमार ने कहा कि जांच कर गलत पाए जाने पर अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
मनिका प्रखंड मुख्यालय स्थित सरकारी जमीन पर हो रहे कथित अवैध कब्जे के विरोध में गुरुवार को भूमि अतिक्रमण मनिका संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल अंचलाधिकारी अमन कुमार से मिला। समिति के सदस्यों ने ज्ञापन सौंपकर भूमि सीमांकन और अतिक्रमण हटाने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र पासवान और सचिव लव कुमार दुबे ने किया। उनके साथ मनिका ग्राम प्रधान रजत कुमार, सांसद प्रतिनिधि छोटू राजा, पूर्व जिप सदस्य महेश सिंह, भाजपा मंडल अध्यक्ष मनदीप कुमार, युवा विधानसभा अध्यक्ष मिथिलेश पासवान, झामुमो प्रखंड अध्यक्ष सकेंदर बड़ा उरांव, तथा समाजसेवी मोहन राम उपस्थित थे। सभी ने मिलकर अंचलाधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि सरकारी भूमि पर कुछ लोगों द्वारा लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है, जिससे प्रशासनिक व्यवस्था और आम जनता दोनों प्रभावित हो रहे हैं।
अवैध कब्जे पर जताई कड़ी आपत्ति
समिति के सदस्यों ने बताया कि मनिका प्रखंड मुख्यालय में कई सरकारी भूखंडों पर अवैध रूप से निर्माण और कब्जा किया गया है। उन्होंने कहा कि यह अतिक्रमण न केवल सरकारी संपत्ति के लिए खतरा है, बल्कि विकास कार्यों में भी बाधा उत्पन्न कर रहा है। समिति ने प्रशासन से 15 दिनों के भीतर सीमांकन कर जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की।
सुरेंद्र पासवान ने कहा: “हमारी मांग है कि प्रशासन तत्काल सीमांकन कर सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करे, वरना समिति आंदोलन करने को मजबूर होगी।”
प्रशासन ने दी जांच और कार्रवाई की आश्वासन
अंचलाधिकारी अमन कुमार ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और जांच कराने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग की टीम से मामले की जांच कराई जाएगी और अगर कब्जा अवैध पाया गया, तो अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी पक्षों से प्रशासनिक प्रक्रिया में सहयोग करने की अपील भी की।
न्यूज़ देखो: जनता की आवाज़ बनती संघर्ष समिति
यह घटना दिखाती है कि जब नागरिक संगठन संगठित होकर प्रशासन तक अपनी बात पहुंचाते हैं, तो जनहित के मुद्दे गंभीरता से उठाए जा सकते हैं। भूमि संरक्षण और पारदर्शी सीमांकन शासन-प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए, ताकि विकास कार्य बिना विवाद के आगे बढ़ सकें।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
जनहित की रक्षा का संकल्प
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण न केवल प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम है, बल्कि यह जनसंपत्ति के दुरुपयोग का उदाहरण भी है। अब समय है कि नागरिक भी अपनी जिम्मेदारी निभाएं, और पारदर्शी प्रशासन की दिशा में कदम बढ़ाएं। अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और जनहित के लिए जागरूकता फैलाएं।




