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लातेहार में जेजेएमपी के जोनल कमांडर समेत नौ उग्रवादियों का सामूहिक आत्मसमर्पण: झारखंड पुलिस की ऐतिहासिक उपलब्धि

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#लातेहार #उग्रवाद : जोनल कमांडर समेत नौ उग्रवादियों ने हथियार डाले, पुलिस ने कहा झारखंड उग्रवाद मुक्त होने के करीब
  • जेजेएमपी के 9 उग्रवादियों ने एक साथ किया आत्मसमर्पण
  • जोनल कमांडर रविन्द्र गंझू समेत कई बड़े चेहरे शामिल।
  • पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ सरेंडर।
  • आत्मसमर्पण करने वालों ने भारी संख्या में हथियार सौंपे
  • 2025 तक उग्रवाद मुक्त झारखंड का लक्ष्य करीब बताया गया।

लातेहार में एक सितंबर का दिन झारखंड पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए ऐतिहासिक रहा। झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) के जोनल कमांडर रविन्द्र गंझू समेत नौ उग्रवादियों ने समाहरणालय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सामूहिक आत्मसमर्पण किया। इस मौके पर सीआरपीएफ और पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे और इसे राज्य में शांति बहाली की बड़ी उपलब्धि करार दिया।

सामूहिक आत्मसमर्पण का ऐतिहासिक क्षण

कार्यक्रम में सीआरपीएफ के पुलिस महानिरीक्षक साकेत कुमार, पुलिस महानिरीक्षक अभियान माइकल एस राज, आईजी सुनील भास्कर, डीआईजी नौशाद आलम, डीआईजी एसएसबी मानवेंद्र, पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव और डीडीसी सैयद रियाज अहमद विशेष रूप से मौजूद थे। अधिकारियों ने इसे झारखंड पुलिस के इतिहास की सबसे बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि पहली बार किसी उग्रवादी संगठन के इतने बड़े समूह ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है।

पुलिस की बड़ी सफलता

सीआरपीएफ के पुलिस महानिरीक्षक साकेत कुमार ने कहा—

साकेत कुमार (आईजी, सीआरपीएफ):
“यह पुलिस की बहुत बड़ी उपलब्धि है। लातेहार में अब जेजेएमपी का सफाया हो गया है। साल 2025 तक झारखंड को पूरी तरह उग्रवाद और नक्सलवाद मुक्त करने का लक्ष्य है और हम अब इसके बेहद करीब हैं।”

आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादी

आत्मसमर्पण करने वालों में जोनल कमांडर रविन्द्र यादव, सब जोनल कमांडर अखिलेश यादव, सब जोनल कमांडर बलदेव गांझू, मुकेश राम उर्फ रवि उर्फ आजाद, पवन उर्फ राम प्रसाद, एरिया कमांडर ध्रुव जी उर्फ गार्जियन, विजय यादव, बिगन यादव, श्रावण सिंह पारस और मुकेश गांझू शामिल हैं। इन्होंने आत्मसमर्पण के दौरान बड़ी संख्या में हथियार भी पुलिस को सौंपे।

शांति और विकास की ओर कदम

इन उग्रवादियों का सरेंडर झारखंड में बढ़ती शांति और विकास की प्रक्रिया को और मजबूती देगा। लंबे समय से नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस और प्रशासन के प्रयासों के चलते अब हालात तेजी से बदल रहे हैं। सामूहिक आत्मसमर्पण का यह कदम आने वाले समय में अन्य उग्रवादियों को भी मुख्यधारा से जुड़ने के लिए प्रेरित करेगा।

न्यूज़ देखो: झारखंड में उग्रवाद के अंत की ओर बड़ा कदम

लातेहार का यह सरेंडर सिर्फ पुलिस की सफलता नहीं बल्कि झारखंड की जनता के लिए शांति और विकास की नई उम्मीद है। अगर यही रफ्तार कायम रही तो आने वाले वर्षों में राज्य उग्रवाद मुक्त होकर विकास की राह पर और तेज़ी से बढ़ सकेगा।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

उग्रवाद से शांति की ओर

यह घटना हम सबको यह सिखाती है कि हिंसा का कोई भविष्य नहीं, समाधान सिर्फ संवाद और शांति में है। अब समय है कि समाज के हर वर्ग के लोग इस बदलाव में योगदान दें। अपनी राय कॉमेंट करें और इस खबर को दोस्तों तक शेयर करें ताकि जागरूकता फैले और झारखंड शांति की ओर और तेजी से बढ़े।

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