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डुमरी प्रखंड में झारखंड राज्य स्थापना रजत जयंती पर मनरेगा जागरूकता रैली आयोजित

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#गुमला #मनरेगा_जागरूकता : डुमरी प्रखंड में झारखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर मनरेगा के तहत रैली, जॉब कार्ड वितरण और जनजागरूकता सत्र आयोजित
  • झारखंड राज्य स्थापना की 25वीं रजत जयंती पर डुमरी प्रखंड में मनरेगा के तहत भव्य रैली का आयोजन।
  • “हर हाथ को काम, गांव में खुशहाली का नाम” का नारा बना कार्यक्रम का मुख्य संदेश।
  • पंचायत प्रतिनिधियों, मनरेगा कर्मियों और ग्रामीणों की बड़ी भागीदारी रही।
  • जॉब कार्ड वितरण और योजना की जानकारी सत्र भी आयोजित किया गया।
  • 15 नवंबर तक जागरूकता अभियान चलाने की घोषणा, सभी पंचायतों में कार्यक्रम होंगे।

डुमरी प्रखंड के ग्रामीण इलाकों में मंगलवार को झारखंड राज्य स्थापना की 25वीं रजत जयंती के अवसर पर मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) के तहत जागरूकता रैली और जनजागरूकता सत्र का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार की गारंटी देने वाली इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रति जागरूक करना और “हर हाथ को काम, गांव में खुशहाली का नाम” का संदेश जन-जन तक पहुंचाना था।
कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों ग्रामीणों ने हिस्सा लिया और विकास के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा।

उत्साह और जोश से भरी रही मनरेगा रैली

यह रैली डुमरी प्रखंड के विभिन्न पंचायत परिसरों से प्रारंभ होकर मुख्य सड़कों और मोहल्लों से गुजरते हुए सामुदायिक भवन तक पहुंची। ग्रामीणों ने बैनर, पोस्टर और तख्तियां लेकर उत्साहपूर्वक नारे लगाए — “मनरेगा का इरादा, ग्रामीण विकास का वादा”।
रैली में पंचायत प्रतिनिधि, मनरेगा कर्मी, श्रमिक, महिलाएं और स्थानीय जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए।
रैली का मुख्य आकर्षण रहा — ग्रामीण महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी, जिन्होंने स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता के नारे लगाए।

योजना की जानकारी और लाभार्थियों को मार्गदर्शन

रैली के उपरांत आयोजित जनसभा में मनरेगा अधिकारियों ने ग्रामीणों को योजना से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि मनरेगा का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को प्रतिवर्ष 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराना है, ताकि श्रम आधारित विकास को बढ़ावा मिले और ग्रामीण पलायन रोका जा सके।
अधिकारियों ने यह भी समझाया कि मनरेगा के माध्यम से जल संरक्षण, पौधरोपण, सड़क निर्माण और सामुदायिक परिसंपत्तियों के सृजन में महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं।

मनरेगा BPO संदीप उरांव ने कहा: “मनरेगा केवल रोजगार नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम है। इसके माध्यम से हर ग्रामीण परिवार को विकास प्रक्रिया से जोड़ा जा सकता है।”

सभा में ग्रामीणों को यह भी बताया गया कि जॉब कार्ड के माध्यम से रोजगार के अवसर कैसे प्राप्त किए जा सकते हैं और भुगतान प्रणाली अब पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी हो चुकी है।
कार्यस्थल पर सुरक्षा, महिलाओं की भागीदारी और मजदूरी भुगतान से संबंधित दिशा-निर्देश भी विस्तार से समझाए गए।

जॉब कार्ड वितरण से बढ़ी उम्मीदें

कार्यक्रम के दौरान नए श्रमिकों को जॉब कार्ड वितरित किए गए। अधिकारियों ने बताया कि जिन परिवारों के पास अभी जॉब कार्ड नहीं है, उन्हें शीघ्र ही यह सुविधा प्रदान की जाएगी।
जॉब कार्ड प्राप्त करने वाले श्रमिकों ने खुशी जताई और कहा कि इससे उन्हें स्थानीय स्तर पर काम मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
कई श्रमिकों ने बताया कि इससे गांव में ही रोजगार मिलने से पलायन की मजबूरी कम होगी और परिवारिक स्थिरता आएगी।

15 नवंबर तक चलेगा विशेष अभियान

इस अवसर पर प्रशासन की ओर से बताया गया कि झारखंड स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में यह विशेष जागरूकता अभियान 15 नवंबर तक चलेगा।
इसके अंतर्गत डुमरी प्रखंड के सभी पंचायतों में जनसंवाद, रैली और जानकारी सत्र आयोजित किए जाएंगे।
इन कार्यक्रमों के माध्यम से मनरेगा के लाभुकों को न केवल योजना के अधिकारों और प्रक्रियाओं से अवगत कराया जाएगा, बल्कि उन्हें सशक्तिकरण की दिशा में प्रेरित भी किया जाएगा।

ग्रामीणों में दिखा आत्मविश्वास और उत्साह

कार्यक्रम में शामिल ग्रामीणों ने इस पहल का स्वागत किया और कहा कि यदि मनरेगा योजनाओं का सही क्रियान्वयन हो, तो गांवों में बेरोजगारी की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है।
महिलाओं ने विशेष रूप से मनरेगा के तहत हुए स्वयं सहायता समूह कार्यों की सराहना की और इसे ग्रामीण महिलाओं के लिए आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बताया।
अभियान के समापन अवसर पर अधिकारियों ने ग्रामीणों को योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सहयोग देने की अपील की।

न्यूज़ देखो: मनरेगा के माध्यम से आत्मनिर्भर झारखंड की दिशा में कदम

यह पहल न केवल ग्रामीण रोजगार की दिशा में ठोस कदम है, बल्कि यह दिखाती है कि झारखंड सरकार गांव-गांव तक विकास की रोशनी पहुंचाने के लिए गंभीर है।
मनरेगा की पारदर्शिता, तकनीकी सुधार और सामाजिक भागीदारी इस योजना को और मजबूत बना सकते हैं।
जरूरत है कि इस तरह के जागरूकता अभियान हर प्रखंड में निरंतर रूप से चलाए जाएं, ताकि हर हाथ को काम और हर गांव को खुशहाली मिल सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आत्मनिर्भरता की ओर ग्रामीण कदम

झारखंड की रजत जयंती सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि यह अवसर है आत्मनिर्भरता के नए युग में प्रवेश करने का।
मनरेगा जैसी योजनाएं तभी सफल होंगी जब हम सब मिलकर इनके लाभों को ईमानदारी से लागू करें।
आइए, हम सब मिलकर अपने गांवों को स्वावलंबी बनाएं, रोजगार सृजन में योगदान दें और विकास की इस श्रृंखला को मजबूत करें।
अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को शेयर करें और मनरेगा की जानकारी गांव-गांव तक पहुंचाने में भागीदार बनें।

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Aditya Kumar

डुमरी, गुमला

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