
#बरवाडीह #मनरेगा_जनसुनवाई : प्रखण्ड स्तरीय सोशल ऑडिट में जॉब कार्ड और मजदूरों को काम न देने पर कर्मियों पर फाइन
- बरवाडीह प्रखंड कार्यालय के सभागार में मनरेगा योजनाओं की प्रखण्ड स्तरीय जनसुनवाई आयोजित हुई।
- ऑडिटर ने 150 जॉब कार्ड लाभार्थियों को नहीं देने और 60 मजदूरों को काम न देने की रिपोर्ट पेश की।
- दोषी कर्मियों पर जुर्माना लगाया गया, जिससे जनसुनवाई में कड़ा संदेश गया।
- जिप सदस्य संतोषी कुमारी, कन्हाई सिंह, लोकपाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
- जनसुनवाई में बीडीओ रेशमा रेखा मिंज, बीपीओ दिलशाद आलम, मुखिया, रोजगार सेवक, जेई सहित अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
बरवाडीह प्रखंड कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित प्रखण्ड स्तरीय जनसुनवाई में मनरेगा योजनाओं की सोशल ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। ऑडिटर टीम ने पंचायत स्तर पर हुई पिछली ऑडिट रिपोर्टों का संकलन करते हुए बताया कि कुल 150 जॉब कार्ड मजदूरों को लाभ नहीं मिला, जबकि लगभग 60 मजदूरों ने काम की मांग करने के बावजूद रोजगार प्राप्त नहीं किया।
जनसुनवाई में ज्यूरी सदस्यों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए दोषी कर्मियों पर आर्थिक जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। ऑडिटर ने अन्य योजनाओं की स्थिति की भी जानकारी दी और सभी रिपोर्टों को प्रखण्ड स्तरीय सभा में पेश किया।
कार्यक्रम की शुरुआत और प्रतिभागी
तीन घंटे की देरी के बाद जनसुनवाई शुरू हुई। शुरुआत में जिप सदस्य संतोषी कुमारी, कन्हाई सिंह, लोकपाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इसके बाद ऑडिटर टीम ने विभिन्न पंचायतों में हुई समस्याओं और अनियमितताओं को विस्तार से प्रस्तुत किया।
जिप सदस्य संतोषी कुमारी ने कहा: “जनसुनवाई का उद्देश्य केवल रिपोर्ट पढ़ना नहीं, बल्कि योजनाओं का सही लाभ लाभार्थियों तक पहुँचाना है। दोषियों पर जुर्माना इसका कड़ा संदेश है।”
जनसुनवाई में प्रखंड स्तरीय बीडीओ रेशमा रेखा मिंज, बीपीओ दिलशाद आलम, मुखिया, रोजगार सेवक और जेई उपस्थित रहे। उनका उद्देश्य सभी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करना और मजदूरों के हित में निर्णय लेना था।
दोषियों पर जुर्माने से संदेश
ऑडिटर टीम ने स्पष्ट किया कि समय पर मजदूरों को रोजगार उपलब्ध नहीं कराना और जॉब कार्ड लाभ न देना केवल नियमों का उल्लंघन नहीं, बल्कि गरीब और मजदूर वर्ग के अधिकारों का हनन है। इस बार लगाए गए जुर्माने से कर्मचारियों को जिम्मेदारी निभाने का संदेश गया।
बीडीओ रेशमा रेखा मिंज ने कहा: “हम सुनिश्चित करेंगे कि आने वाले समय में मजदूरों को उनके अधिकार समय पर मिलें और ऐसी अनियमितताएँ न हों।”
जनसुनवाई तीन घंटे से विलम्ब से शुरू हुई और समाचार लिखे जाने तक कार्यक्रम जारी था। इस दौरान सभी कर्मचारियों और अधिकारीगण ने लाभार्थियों की समस्याओं को नोट किया और सुधारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया।
न्यूज़ देखो: पारदर्शिता और जवाबदेही की मिसाल
बरवाडीह प्रखंड की यह जनसुनवाई दिखाती है कि योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता और जवाबदेही कितनी महत्वपूर्ण है। दोषियों पर जुर्माना और सभी समस्याओं की रिपोर्टिंग प्रशासन की तत्परता को दर्शाती है।
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योजना का लाभ समय पर मिलने से ही ग्रामीणों का जीवन सुधर सकता है। प्रत्येक नागरिक को अपनी समस्याओं के प्रति सजग रहना चाहिए। अपनी राय साझा करें, खबर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं और जिम्मेदारी साझा करें।




