Gumla

जारी प्रखंड की चारों पाल्लियों में नयाखानी पर्व आस्था और उल्लास के साथ सम्पन्न

Join News देखो WhatsApp Channel
#गुमला #नयाखानी : नई फसल को ईश्वर को समर्पित कर ख्रीस्तीय विश्वासियों ने परंपरा निभाई
  • गुमला जिले के जारी प्रखंड की चारों पाल्लियों में नयाखानी पर्व सम्पन्न।
  • जरमाना पल्ली में फादर लौरेन्स टोप्पो, बारडीह पारिश में फादर ललित जोन एक्का।
  • भिखमपुर पारिश में फादर जोन टोप्पो और पारसा पारिश में फादर अमित डाँग मुख्य अधिष्ठाता रहे।
  • बलिदान में श्रद्धालुओं ने धान, चावल और चूड़ा ईश्वर को अर्पित किया।
  • कार्यक्रम में सैकड़ों ख्रीस्तीय विश्वासी रहे शामिल, भक्ति और परंपरा का परिचय।

गुमला जिले के जारी प्रखंड की चारों पाल्लियों में रविवार को नयाखानी पर्व पूरे हर्षोल्लास और आस्था के साथ मनाया गया। यह पर्व खेती-किसानी से प्राप्त नई फसल को सर्वप्रथम ईश्वर को समर्पित करने और आभार प्रकट करने की परंपरा का प्रतीक है।

अलग-अलग पाल्लियों में मुख्य अधिष्ठाता

नयाखानी पर्व के अवसर पर जरमाना पल्ली में फादर लौरेन्स टोप्पो ने मुख्य अधिष्ठाता के रूप में मिस्सा सम्पन्न कराया। वहीं बारडीह पारिश में फादर ललित जोन एक्का, भिखमपुर पारिश में फादर जोन टोप्पो और पारसा पारिश में फादर अमित डाँग मुख्य अधिष्ठाता रहे। इस दौरान फादर निरंजन एक्का, पात्रिक मिंज, ग्रेगोरी कुल्लू, प्रदीप और अमृत सहयोगी रूप में उपस्थित थे।

फादर लौरेन्स टोप्पो का संदेश

फादर लौरेन्स टोप्पो ने कहा: “ईश्वर सभी का जीवन दाता है, इसलिए हमें उसके बताए मार्ग पर चलना चाहिए। नई फसल को ईश्वर को अर्पित करने की परंपरा हमारे पूर्वजों से चली आ रही है। उन्होंने हमें घर, जमीन और जीवन-यापन के साधन दिए हैं, इसलिए हमें सदैव उनका आभारी रहना चाहिए।”

उन्होंने विश्वासियों से आह्वान किया कि वे अपने खेत-खलिहानों और जीवन की हर उपलब्धि को ईश्वर का दान मानकर धन्यवाद अर्पित करें।

आस्था और परंपरा का संगम

नयाखानी पर्व में बलिदान के समय श्रद्धालुओं ने धान, चावल और चूड़ा को भक्ति भाव से ईश्वर के चरणों में अर्पित किया। यह आयोजन आस्था और परंपरा के अनुपम संगम का प्रतीक बना। सैकड़ों की संख्या में ख्रीस्तीय विश्वासी इस अवसर पर उपस्थित रहे और सामूहिक प्रार्थना में शामिल होकर अपनी श्रद्धा प्रकट की।

न्यूज़ देखो: परंपरा और आस्था का पर्व

नयाखानी पर्व यह बताता है कि खेती-किसानी से जुड़ी परंपराएं केवल आर्थिक जीवन का आधार नहीं बल्कि आध्यात्मिक जुड़ाव का भी प्रतीक हैं। यह पर्व पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही उस संस्कृति की गवाही देता है, जहां पहले ईश्वर को धन्यवाद अर्पित कर जीवन का उत्सव मनाया जाता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

आस्था से जुड़े रहना ही असली जीवन

नयाखानी पर्व हमें सिखाता है कि जीवन का हर सुख-दुख, हर उपलब्धि और हर फसल ईश्वर का ही आशीर्वाद है। इस अवसर पर हमें भी अपने जीवन में कृतज्ञता और सहयोग का भाव बढ़ाना चाहिए। आइए, परंपरा और संस्कृति से जुड़े रहें और अपने अनुभवों को साझा करें। अपनी राय कमेंट करें, खबर को दोस्तों तक पहुंचाएं और इस खूबसूरत परंपरा के संदेश को आगे बढ़ाएं।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

1000264265
20250923_002035
IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
Engineer & Doctor Academy
IMG-20250610-WA0011
Radhika Netralay Garhwa
IMG-20250925-WA0154
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

ये खबर आपको कैसी लगी, अपनी प्रतिक्रिया दें

Back to top button
error: