Gumla

गुमला में प्राकृतिक आपदा से निपटने को लेकर एनडीआरएफ ने चलाया विशेष प्रशिक्षण अभियान

#गुमला #आपदा_प्रबंधन – चैनपुर प्रखंड में ग्रामीणों को सिखाया गया स्ट्रेचर और राफ्ट बनाने का तरीका

  • एनडीआरएफ ने चैनपुर प्रखंड कार्यालय में आयोजित किया जागरूकता शिविर
  • पटना से आई विशेषज्ञ टीम ने ग्रामीणों को सिखाई आपात स्थिति में बचाव की तकनीकें
  • सड़क दुर्घटना, डूबने, सांप काटने और रक्तस्राव रोकने के चार उपाय बताए गए
  • कमांडर हेमंत कुमार तिवारी ने आत्मरक्षा व परिवार की सुरक्षा को बताया सर्वोपरि
  • कार्यक्रम में बीडीओ यादव बैठा, अंचलकर्मी और एनडीआरएफ के दीपक कुमार रहे मौजूद

ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा से निपटने की तैयारी को मिली मजबूती

गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड कार्यालय सभागार में मंगलवार को राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) द्वारा एक महत्वपूर्ण जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर का उद्देश्य था — प्राकृतिक आपदा, सड़क दुर्घटना और अन्य आपात परिस्थितियों में त्वरित व प्रभावी प्रतिक्रिया के तरीकों से ग्रामीणों को अवगत कराना।

एनडीआरएफ की टीम पटना से विशेष रूप से इस कार्यक्रम हेतु गुमला पहुंची थी, जहां स्थानीय ग्रामीणों, प्रखंड कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों को स्वरक्षण, आपातकालीन स्ट्रेचर व राफ्ट निर्माण, तथा रक्तस्राव नियंत्रण के व्यावहारिक उपाय सिखाए गए।

राफ्ट व स्ट्रेचर निर्माण से लेकर सांप के काटने तक की जानकारी

शिविर में आपातकाल में स्ट्रेचर बनाना, डूबे व्यक्ति को बचाने हेतु राफ्ट तैयार करना, सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद, और रक्तस्राव रोकने के चार वैज्ञानिक तरीके बताए गए।

इसके अतिरिक्त, सांप काटने पर सही प्राथमिक उपचार देने के तकनीकी पहलुओं को भी विस्तार से समझाया गया, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल सके।

सुरक्षा तकनीकों के अभ्यास से बढ़ेगा आत्मविश्वास: एनडीआरएफ

कार्यक्रम में एनडीआरएफ टीम के कमांडर हेमंत कुमार तिवारी ने उपस्थित जनों को प्रेरित करते हुए कहा:

“इन तकनीकों को सीखकर और नियमित अभ्यास से हम न केवल अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं, बल्कि दूसरों की जान भी बचा सकते हैं।”

एनडीआरएफ कांस्टेबल दीपक कुमार ने मौके पर प्रायोगिक सत्र के जरिए तकनीकों को सिखाया, जिससे ग्रामीणों को विषय की बारीकियां समझने में आसानी हुई।

स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भागीदारी

शिविर में प्रखंड विकास पदाधिकारी यादव बैठा, प्रखंड एवं अंचल स्तर के कर्मचारी, और स्थानीय नागरिकों की सक्रिय उपस्थिति रही। सभी ने इस पहल की सराहना करते हुए एनडीआरएफ की जानकारी को जीवनरक्षक बताया

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जागरूकता ही सुरक्षा की पहली सीढ़ी है

गांवों में आपदा प्रबंधन को लेकर एनडीआरएफ द्वारा किया गया यह अभियान न केवल तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान था, बल्कि एक आत्मविश्वास बढ़ाने वाली पहल भी साबित हुआ।
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