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नेतरहाट घाटी में विकास की नई तस्वीर, पर्यटन बढ़ने से बदली ग्रामीण जीवनशैली

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#महुआडांड़ #पर्यटन_विकास : स्थानीय रोजगार, व्यवसाय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव।
  • नेतरहाट घाटी में पथ प्रमंडल गुमला द्वारा सौंदर्यीकरण और विकास कार्य तेज।
  • सड़क मरम्मत, रंग-रोगन और साफ-सफाई अभियान से घाटी की छवि निखरी।
  • सूर्यास्त स्थल, कोयल व्यू और मैग्नोलिया पॉइंट पर बढ़ी पर्यटकों की भीड़।
  • पर्यटन बढ़ने से होम-स्टे, दुकानें, भोजनालय और वाहन सेवाओं को मिला बढ़ावा।
  • स्थानीय युवाओं को रोजगार और महिलाओं को स्वरोजगार के नए अवसर।
  • वीकेंड पर होटल और लॉजों में बुकिंग में उल्लेखनीय वृद्धि।

झारखंड के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में शामिल नेतरहाट घाटी इन दिनों विकास और सौंदर्यीकरण की नई कहानी लिख रही है। महुआडांड़ क्षेत्र में स्थित इस प्रसिद्ध घाटी में पथ प्रमंडल गुमला द्वारा चलाए जा रहे व्यापक विकास कार्यों ने प्राकृतिक सुंदरता को और अधिक आकर्षक बना दिया है। सड़क मरम्मत, रंग-रोगन, साफ-सफाई और पर्यटन स्थलों के सुव्यवस्थित रखरखाव से नेतरहाट की छवि पूरी तरह बदलती नजर आ रही है। इन प्रयासों का सीधा असर पर्यटन गतिविधियों पर पड़ा है और घाटी में रौनक पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

सौंदर्यीकरण से निखरी नेतरहाट घाटी

नेतरहाट को लंबे समय से झारखंड की ‘क्वीन ऑफ छोटानागपुर’ कहा जाता रहा है। अब सौंदर्यीकरण और बुनियादी सुविधाओं में सुधार के बाद यह पहचान और मजबूत हो रही है। पथ प्रमंडल गुमला द्वारा सड़क मरम्मत के कार्य से घाटी तक पहुंचना पहले से आसान और सुरक्षित हो गया है। वहीं, रंग-रोगन और नियमित साफ-सफाई से पर्यटन स्थल स्वच्छ और व्यवस्थित दिख रहे हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले जहां पर्यटक सुविधाओं की कमी की शिकायत करते थे, वहीं अब घाटी का बदला हुआ स्वरूप उन्हें आकर्षित कर रहा है। प्राकृतिक हरियाली, पहाड़ियों की सुंदरता और सुव्यवस्थित ढांचा मिलकर नेतरहाट को एक आदर्श पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।

पर्यटन बढ़ने से ग्रामीणों की बढ़ती खुशहाली

पर्यटन में आई तेजी का सबसे बड़ा लाभ स्थानीय ग्रामीणों को मिल रहा है। घाटी में पर्यटकों की संख्या बढ़ने से होम-स्टे, छोटी दुकानों, भोजनालयों और वाहन सेवाओं की मांग में उल्लेखनीय इजाफा हुआ है। इससे ग्रामीणों की आय में सीधा सुधार देखने को मिल रहा है।

स्थानीय युवाओं को गाइड, ड्राइवर और होटल स्टाफ जैसे क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। वहीं महिलाएं पारंपरिक हस्तशिल्प, स्थानीय उत्पाद और घरेलू खाद्य सामग्री बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं। इससे न केवल परिवारों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है, बल्कि गांवों में आत्मनिर्भरता की भावना भी बढ़ी है।

प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बढ़ी आवाजाही

सौंदर्यीकरण के बाद नेतरहाट के प्रमुख पर्यटन स्थल एक बार फिर पर्यटकों की पसंद बनते जा रहे हैं। सूर्यास्त स्थल, कोयल व्यू और मैग्नोलिया पॉइंट पर सुबह से लेकर शाम तक पर्यटकों की आवाजाही देखी जा रही है। खासकर वीकेंड पर इन स्थलों पर भीड़ बढ़ जाती है।

होटल और लॉज संचालकों के अनुसार, अब वीकेंड और छुट्टियों के दिनों में बुकिंग पहले से ही फुल हो जाती है। पर्यटक स्वच्छ वातावरण, बेहतर सड़कों और व्यवस्थित सुविधाओं से संतुष्ट नजर आते हैं, जिससे वे दोबारा आने की योजना भी बना रहे हैं।

विकास और प्रकृति का संतुलन बना आकर्षण

नेतरहाट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां विकास कार्यों के साथ प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने पर भी ध्यान दिया गया है। बिना पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए किए जा रहे सुधार कार्य इस घाटी को अन्य पर्यटन स्थलों से अलग पहचान दे रहे हैं। यही कारण है कि पर्यटक यहां सुकून और प्रकृति दोनों का अनुभव कर पा रहे हैं।

स्थानीय प्रशासन और विभागीय अधिकारियों का मानना है कि यदि इसी तरह योजनाबद्ध तरीके से विकास कार्य होते रहे, तो आने वाले समय में नेतरहाट झारखंड ही नहीं बल्कि देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शुमार हो सकता है।

न्यूज़ देखो: विकास से संवरता पर्यटन और ग्रामीण जीवन

नेतरहाट घाटी में चल रहे सौंदर्यीकरण और विकास कार्य यह दिखाते हैं कि सही योजना और क्रियान्वयन से पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था दोनों को मजबूती मिल सकती है। सड़क, स्वच्छता और सुविधाओं में सुधार ने पर्यटकों का भरोसा बढ़ाया है और ग्रामीणों की आजीविका को नई दिशा दी है। यह मॉडल झारखंड के अन्य पर्यटन स्थलों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन सकता है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

पर्यटन से आत्मनिर्भर गांवों की ओर बढ़ता झारखंड

जब पर्यटन विकास सीधे ग्रामीण जीवन से जुड़ता है, तब उसका असर केवल सौंदर्य तक सीमित नहीं रहता, बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था दोनों मजबूत होती हैं। नेतरहाट की बदलती तस्वीर इस बात का प्रमाण है कि स्थानीय भागीदारी से विकास टिकाऊ बन सकता है।
अब जरूरत है कि ऐसे प्रयासों को निरंतर समर्थन मिले और प्रकृति के साथ तालमेल बनाए रखा जाए।
इस सकारात्मक बदलाव पर अपनी राय साझा करें, खबर को आगे बढ़ाएं और झारखंड के पर्यटन को नई पहचान दिलाने की इस पहल का हिस्सा बनें।

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Ramprawesh Gupta

महुवाडांड, लातेहार

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