
#बरवाडीह #वंदे_मातरम् : डॉ. भीमराव अंबेडकर चौक पर आयोजित भव्य गायन कार्यक्रम में अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और छात्रों की रही उत्साहपूर्ण भागीदारी
- बरवाडीह बस स्टैंड स्थित अंबेडकर चौक पर वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने पर गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
- कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् के सामूहिक गान से हुई।
- प्रखंड विकास पदाधिकारी रेशमा रेखा मिंज, एसडीपीओ भरत राम, अंचलाधिकारी लवकेश सिंह सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
- विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं और स्थानीय नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
- वक्ताओं ने कहा कि ‘वंदे मातरम्’ केवल गीत नहीं, बल्कि भारत माता के प्रति समर्पण और एकता का प्रतीक है।
बरवाडीह में शुक्रवार को देशभक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिला, जब “वंदे मातरम्” के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में डॉ. भीमराव अंबेडकर चौक पर एक भव्य गायन कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के दौरान पूरा परिसर देशप्रेम की भावना से गूंज उठा। उपस्थित नागरिकों, अधिकारियों और विद्यार्थियों ने एक स्वर में “वंदे मातरम्” का गायन कर राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा और गौरव का प्रदर्शन किया।
देशभक्ति से सराबोर हुआ बरवाडीह का माहौल
सुबह से ही बरवाडीह बस स्टैंड स्थित अंबेडकर चौक पर लोगों की भीड़ उमड़ने लगी थी। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम्” के सामूहिक गायन से हुई। जैसे ही गीत के स्वर गूंजे, पूरा माहौल देशभक्ति के रंग में डूब गया। बच्चों और नागरिकों ने तिरंगे झंडे लहराते हुए भारत माता की जय के नारे लगाए।
इस अवसर पर प्रखंड विकास पदाधिकारी रेशमा रेखा मिंज, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी भरत राम, अंचलाधिकारी लवकेश सिंह, थाना प्रभारी अनूप कुमार, सब इंस्पेक्टर राजन अधिकारी अनुराग कुमार, सांसद प्रतिनिधि भीमानंद गिरी, दीपक राज, दीपक तिवारी, ओमप्रकाश प्रसाद गुप्ता, भाजपा महामंत्री मनोज प्रसाद सहित अंचल और प्रखंड के कई कर्मी उपस्थित रहे।
विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में परियोजना बालिका उच्च विद्यालय, कन्या विद्यालय, राजकीय प्लस टू हाई स्कूल, और कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने देशभक्ति गीतों और नारों के माध्यम से भारत माता के प्रति अपने प्रेम को अभिव्यक्त किया। शिक्षकों और अभिभावकों ने छात्रों का मनोबल बढ़ाया, जिससे वातावरण और भी भावनात्मक बन गया।
मनोज प्रसाद ने कहा: “‘वंदे मातरम्’ सिर्फ शब्दों का समूह नहीं, बल्कि यह भारत माता के प्रति समर्पण, बलिदान और एकता का जीवंत प्रतीक है, जिसने स्वतंत्रता संग्राम में नई चेतना जगाई थी।”
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदेश
वक्ताओं ने अपने संबोधन में “वंदे मातरम्” गीत के ऐतिहासिक महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बंकिमचंद्र चटर्जी द्वारा रचित यह गीत भारत की आत्मा का प्रतीक है। यह गीत उन असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों की प्रेरणा बना, जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपना सर्वस्व समर्पित किया।
कार्यक्रम के अंत में “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम्” के गगनभेदी नारों से पूरा अंबेडकर चौक गूंज उठा। नागरिकों ने देश की अखंडता और एकता की रक्षा का संकल्प लिया।
सामुदायिक एकता का संदेश
इस आयोजन ने यह साबित किया कि जब प्रशासन, जनप्रतिनिधि और नागरिक एक साथ आते हैं, तो समाज में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। बरवाडीह में आयोजित यह कार्यक्रम न केवल राष्ट्रीय गीत के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि एकता और सामाजिक समरसता का संदेश भी लेकर आया।
न्यूज़ देखो: एकता और देशभक्ति का जीवंत उदाहरण
बरवाडीह में आयोजित यह आयोजन यह दर्शाता है कि देशभक्ति केवल शब्दों में नहीं, बल्कि सामूहिक भावना में निहित होती है। प्रशासन, स्कूलों और नागरिकों की संयुक्त भागीदारी ने यह साबित किया कि भारत की आत्मा आज भी “वंदे मातरम्” के स्वर में जीवित है।
ऐसे आयोजन समाज में राष्ट्रप्रेम, एकता और सांस्कृतिक गर्व की भावना को सशक्त करते हैं।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
देशभक्ति की भावना को जन-जन तक पहुंचाने का समय
आज आवश्यकता है कि हम “वंदे मातरम्” के अर्थ और भावना को अपने जीवन में उतारें।
देश के प्रति समर्पण केवल तिरंगे में नहीं, बल्कि हमारे कार्यों और सोच में झलकना चाहिए।
आइए, हम सब मिलकर इस प्रेरणादायी परंपरा को आगे बढ़ाएं और युवाओं में देशप्रेम की नई ऊर्जा जगाएं।
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