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पहली सोमवारी पर रांची के पहाड़ी मंदिर में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब : शिवमय हुआ वातावरण

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#रांची #श्रावण_सोमवार : बोल बम के नारों से गूंजा पहाड़ी मंदिर — हजारों श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
  • 14 जुलाई को सावन की पहली सोमवारी पर रांची के पहाड़ी मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
  • स्वर्णरेखा नदी से पवित्र जल लाकर पैदल पहुंचे श्रद्धालु, रातभर की कठिन यात्रा
  • मंदिर परिसर “बोल बम” और “हर हर महादेव” के जयकारों से गूंजा, माहौल भक्तिमय
  • प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सुरक्षा और व्यवस्था के किए विशेष इंतजाम
  • मंदिर परिसर में नियंत्रण कक्ष स्थापित, अतिक्रमण रोकने के लिए विशेष निर्देश जारी

पहली सोमवारी पर उमड़ा जनसैलाब

सावन मास की पहली सोमवारी (14 जुलाई) को राजधानी रांची स्थित ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर में श्रद्धालुओं का अभूतपूर्व जनसैलाब उमड़ पड़ा। तड़के सुबह से ही शिवभक्त लंबी कतारों में लगकर भगवान भोलेनाथ को जल अर्पित करने मंदिर पहुंचे। श्रद्धा और भक्ति के रंग में रंगे भक्तों ने मंदिर परिसर को भक्ति रस में डुबो दिया।

जल लेकर पहुंचे स्वर्णरेखा घाट से

श्रद्धालु रांची सहित राज्यभर के विभिन्न जिलों से इस पावन दिन पर महादेव के दर्शन को पहुंचे। विशेष बात यह रही कि कई श्रद्धालु स्वर्णरेखा नदी से जल भरकर पैदल यात्रा करते हुए पहाड़ी मंदिर तक पहुंचे। रातभर की कठिन यात्रा के बाद श्रद्धालुओं ने दर्शन के लिए लंबी कतारों में शांति से अपनी बारी का इंतजार किया और महादेव का जलाभिषेक किया।

जयकारों से गूंजा मंदिर परिसर

पहाड़ी मंदिर परिसर में “बोल बम”, “हर हर महादेव”, “जय शिव शंकर” जैसे उद्घोषों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। श्रद्धालु महिला-पुरुष, युवा, बुजुर्ग सभी भक्ति में लीन नजर आए। मंदिर परिसर में मौजूद पुजारियों ने विधिवत पूजा संपन्न कराई। इसके साथ ही रांची शहर के अन्य प्रमुख शिवालयों में भी पूजा-अर्चना का दौर पूरे दिन जारी रहा।

प्रशासन की ओर से चाक-चौबंद व्यवस्था

श्रावण सोमवार के अवसर पर रांची जिला प्रशासन और पहाड़ी मंदिर विकास समिति द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं। श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए मंदिर में महिला एवं पुरुष पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती की गई। मुख्य द्वार पर विशाल स्वागत पंडाल बनाया गया था, जहां से श्रद्धालुओं की निगरानी की जा रही थी।

मंदिर के भीतर और बाहर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके। मंदिर मार्ग और आसपास के इलाकों में अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन ने सख्त निर्देश दिए, जिससे आवाजाही में कोई रुकावट न हो। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जल, प्राथमिक चिकित्सा, शौचालय और विश्राम की भी व्यवस्था की गई।

रांची उपायुक्त ने कहा: “श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा हमारी प्राथमिकता है। पूरे सावन माह के लिए मंदिर में व्यापक प्रबंधन किए गए हैं।”

भक्तों में दिखा उत्साह और श्रद्धा

श्रावणी माह में भक्तों का यह जोश और समर्पण दर्शाता है कि कैसे धार्मिक आस्था पूरे समाज को एक सूत्र में बांधती है। लोगों ने पूरे अनुशासन और नियमों के साथ भगवान शिव की पूजा की। इस दौरान कई परिवार और युवाओं की टोली दर्शन के लिए मंदिर पहुंचे, जिनमें बच्चों और महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही।

न्यूज़ देखो: श्रद्धा और व्यवस्था का अद्भुत संगम

रांची के पहाड़ी मंदिर में पहली सोमवारी के इस आयोजन ने न सिर्फ धार्मिक आस्था की शक्ति को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि प्रशासनिक तैयारी और सामाजिक सहभागिता जब साथ हो तो भीड़ भी अनुशासित रहती है। ‘न्यूज़ देखो’ ऐसी श्रद्धापूर्ण घटनाओं को उजागर करता रहेगा ताकि समाज के हर वर्ग तक इसकी सकारात्मकता पहुंचे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

श्रद्धा, व्यवस्था और सहभागिता से बनेगी समरस समाज की पहचान

श्रावणी सोमवारी का यह अनुभव बताता है कि जब श्रद्धा के साथ व्यवस्था का तालमेल हो, तो भक्ति का आनंद दोगुना हो जाता है। ऐसे आयोजनों में हिस्सा लेना और व्यवस्था को सहयोग देना हर जागरूक नागरिक का कर्तव्य है। आप भी इस खबर को अपने मित्रों और परिवारजनों के साथ साझा करें — ताकि रांची की धार्मिक गरिमा हर कोने तक पहुंचे।

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