Gumla

श्रावण की प्रथम सोमवारी पर लवाबार से निकली भव्य कांवड़ यात्रा, गूंजा हर-हर महादेव

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#डुमरी #कांवड़_यात्रा : खेतली पंचायत से टांगीनाथ धाम तक शिवमय हुआ माहौल
  • डुमरी के खेतली पंचायत अंतर्गत लवाबार गांव से निकली भव्य कांवड़ यात्रा
  • विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के संयुक्त नेतृत्व में हुआ आयोजन
  • कमलेश इंदवार के नेतृत्व में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने लिया भाग
  • नगाड़ों, डीजे की भक्ति धुनों और भगवा झंडों से शिवमय हुआ क्षेत्र
  • श्रद्धालुओं ने बाबा टांगीनाथ धाम पहुंचकर किया जलाभिषेक

खेतली पंचायत से निकली भक्ति और एकता की अद्भुत यात्रा

डुमरी प्रखंड (गुमला) के खेतली पंचायत अंतर्गत लवाबार गांव से श्रावण मास की प्रथम सोमवारी को एक भव्य कांवड़ यात्रा निकाली गई। इस आयोजन में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की संयुक्त भूमिका रही, जिसमें श्रद्धालुओं का उत्साह और भक्ति भावना देखते ही बन रही थी

यह यात्रा बजरंग दल के मंडल संयोजक कमलेश इंदवार के नेतृत्व में प्रारंभ हुई, जिन्होंने सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ “हर हर महादेव” और “बोल बम” के जयकारों के बीच टांगीनाथ धाम की ओर प्रस्थान किया।

हर आयु वर्ग के श्रद्धालुओं ने दिखाई भागीदारी

यात्रा में महिलाएं, युवतियां, बच्चे, युवक और बुजुर्ग सभी बड़ी संख्या में शामिल हुए। भक्ति गीतों पर झूमते कांवड़िए, भगवा ध्वज लहराते और नगाड़ों की गूंज के बीच पूरे मार्ग को धार्मिक आस्था के रंग में रंग दिया गया।

बजरंग दल मंडल संयोजक कमलेश इंदवार ने कहा: “यह यात्रा केवल भक्ति नहीं, बल्कि समाज को एक सूत्र में पिरोने वाली परंपरा है।”

बाबा टांगीनाथ को अर्पित किया गया पवित्र जल

कांवड़ यात्रा के सहभागी श्रद्धालुओं ने बाना नदी से पवित्र जल भरकर टांगीनाथ धाम पहुंचकर बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक अर्पित किया। बाबा टांगीनाथ की नगरी “हर हर महादेव” और “बम बम भोले” के घोष से गूंज उठी।

प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही, जिससे यात्रा शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से पूरी हो सकी।

लोक परंपरा और संस्कृति की झलक

श्रावण मास के इस पहले सोमवार को निकली यह यात्रा न केवल धार्मिक उत्सव का प्रतीक रही, बल्कि सामाजिक एकता, लोक संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रदर्शन भी किया। भक्ति और संस्कृति के संगम ने डुमरी क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।

न्यूज़ देखो: आस्था, एकता और संस्कृति का संगम

खेतली पंचायत की यह कांवड़ यात्रा बताती है कि धार्मिक आयोजन केवल पूजन नहीं, सामाजिक समरसता और लोक परंपरा का जीवंत मंच भी होते हैंन्यूज़ देखो इस प्रयास को एक प्रेरणास्रोत मानता है, जो श्रद्धा और सामाजिक चेतना को एक साथ जोड़ता है
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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Aditya Kumar

डुमरी, गुमला

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