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सावन के अंतिम दिन छत्तर बाबा मंदिर में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़, भव्य मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

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#लातेहार #सांस्कृतिकमेला : डोंकी पंचायत में हजारों श्रद्धालुओं ने छत्तर बाबा के दर्शन कर लिया आशीर्वाद
  • सावन माह के अंतिम दिन छत्तर बाबा मंदिर में विशाल मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
  • मुख्य अतिथि बलवंत सिंह सहित कई जनप्रतिनिधियों ने फीता काटकर किया उद्घाटन।
  • दूर-दराज से आए हजारों श्रद्धालु भक्ति में हुए भाव-विभोर।
  • भक्ति गीतों पर दर्शक झूमे, कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी।
  • मिठाई, खिलौने, कपड़े जैसी वस्तुओं से मेला में बढ़ी रौनक।

सावन माह के अंतिम दिन लातेहार जिले के मनिका प्रखंड के डोंकी पंचायत स्थित छत्तर बाबा मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। यहां छत्तर बाबा पूजा समिति की ओर से एक भव्य मेला और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे।

भव्य उद्घाटन और अतिथि सम्मान

कार्यक्रम का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि मनिका पश्चिमी जिला परिषद सदस्य बलवंत सिंह, डोंकी पंचायत मुखिया भजेन्द्र उरांव, पंचायत समिति सदस्य सुषमा देवी, महेंद्र सिंह, संदीप उरांव और रामनंदन उरांव ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। सभी अतिथियों का स्वागत पारंपरिक सम्मान के रूप में अंग वस्त्र देकर किया गया।

भक्तिरस में डूबा सांस्कृतिक मंच

उद्घाटन के बाद मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। कलाकारों ने भक्ति गीतों और नृत्य से वातावरण को भक्ति और उत्साह से भर दिया। दर्शक भजन और लोकगीतों की धुनों पर झूमते नजर आए। श्रद्धालु मंदिर परिसर में छत्तर बाबा के दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़े रहे और पूजा-अर्चना कर आशीर्वाद लिया।

मेले की रौनक

मेला परिसर में मिठाई, खिलौने, कपड़े और विभिन्न घरेलू सामानों के स्टॉल लगे थे, जिससे मेले में आए लोग खरीदारी का आनंद लेते रहे। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक हर कोई मेले की रौनक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ उठाता दिखा।

आयोजन में सक्रिय समिति सदस्य

पूरे आयोजन की व्यवस्था अध्यक्ष सरवन सिंह के नेतृत्व में की गई। मौके पर सचिव उपेंद्र उरांव, कोषाध्यक्ष आदित्य सिंह, सी पी ठाकुर, ओमप्रकाश, रंजीत, धनंजय, राजेश, वीरेंद्र, पवन, अंकित सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

न्यूज़ देखो: आस्था और संस्कृति का संगम

छत्तर बाबा मंदिर में सावन के अंतिम दिन का आयोजन सिर्फ पूजा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने आस्था, संस्कृति और सामाजिक एकता का सुंदर उदाहरण पेश किया। ऐसे आयोजन स्थानीय परंपराओं को जीवित रखते हैं और नई पीढ़ी को अपनी सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ते हैं। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

संस्कृति से जुड़े रहना ही हमारी ताकत

छत्तर बाबा मंदिर का यह भव्य आयोजन हमें याद दिलाता है कि त्योहार और मेले न सिर्फ धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि समाज में प्रेम और एकता का संदेश भी देते हैं। इस खबर को अपने मित्रों और परिवार के साथ साझा करें और अपनी राय अवश्य दें।

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