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घाघरा प्रखंड में झारखंड स्थापना दिवस रजत जयंती पर साइकिल रेस और पारंपरिक नृत्य से गूंजा परिसर

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#घाघरा #स्थापना_दिवस : झारखंड की रजत जयंती पर आयोजित कार्यक्रमों में साइकिल रेस और लोक नृत्य ने बढ़ाया उत्साह — महिलाओं और बच्चों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा।
  • झारखंड स्थापना दिवस की रजत जयंती पर घाघरा प्रखंड में हुआ भव्य आयोजन।
  • कार्यक्रम की शुरुआत ‘रन फॉर झारखंड’ अभियान से हुई, जिसने पूरे क्षेत्र में उत्साह फैलाया।
  • महिला अधिकारियों और आंगनबाड़ी सेविकाओं ने पारंपरिक नृत्य से मोहा मन।
  • साइकिल रेस में स्कूली बच्चों के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी दिनेश कुमार और शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा टोप्पो ने भी लिया भाग।
  • झारखंड की संस्कृति, ऊर्जा और सामुदायिक भागीदारी का हुआ अद्भुत प्रदर्शन।

गुमला जिले के घाघरा प्रखंड में झारखंड स्थापना दिवस के रजत जयंती समारोह का रंगारंग आयोजन किया गया, जिसने पूरे प्रखंड को उत्सवमय बना दिया। कार्यक्रम की शुरुआत ‘रन फॉर झारखंड’ नामक दौड़ से हुई, जिसमें बड़ी संख्या में छात्रों, ग्रामीणों और कर्मचारियों ने भाग लिया। सुबह से ही प्रखंड परिसर में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी, और हर ओर झारखंडी संस्कृति की झलक दिखाई दे रही थी।

महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य से सजाया मंच

दोपहर के बाद आयोजित सामूहिक नृत्य कार्यक्रम ने पूरे माहौल को जीवंत कर दिया। झारखंड की पारंपरिक वेशभूषा में सजी आंगनबाड़ी सेविकाएं, महिला पदाधिकारी और ग्रामीण महिलाएं क्षेत्रीय गीतों और ढोल-नगाड़ों की थाप पर थिरकती नजर आईं। उनकी प्रस्तुति ने स्थानीय संस्कृति की समृद्धि और स्त्री शक्ति का सुंदर प्रदर्शन किया।

एक प्रतिभागी महिला ने कहा: “झारखंड स्थापना दिवस केवल उत्सव नहीं, यह हमारी पहचान और परंपरा का प्रतीक है।”

साइकिल रेस ने बढ़ाया जोश और सहभागिता

कार्यक्रम के तीसरे दिन प्रखंड परिसर से चांदनी चौक तक रोमांचक साइकिल रेस का आयोजन किया गया। इसमें न केवल स्कूली छात्र-छात्राओं ने बल्कि प्रखंड विकास पदाधिकारी दिनेश कुमार और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पुष्पा टोप्पो ने भी साइकिल चलाकर बच्चों का उत्साह बढ़ाया। अधिकारियों और कर्मचारियों की भागीदारी ने इस आयोजन को विशेष बना दिया और बच्चों में ‘फिट झारखंड, मजबूत झारखंड’ का संदेश दिया।

साइकिल रेस के दौरान पूरे रास्ते ग्रामीणों ने बच्चों का हौसला बढ़ाया। प्रखंड परिसर में लौटने पर विजेताओं को सम्मानित किया गया और झारखंडी नारे ‘जोहार झारखंड’ तथा ‘स्वस्थ जीवन, सशक्त झारखंड’ से पूरा परिसर गूंज उठा।

झारखंडी संस्कृति और जनभागीदारी का अद्भुत संगम

तीन दिनों तक चले इस समारोह में लोक संस्कृति, पारंपरिक वेशभूषा, और जनसहभागिता का अद्भुत संगम देखने को मिला। कार्यक्रमों की श्रृंखला में पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा पर भी जागरूकता फैलाने वाले आयोजन शामिल रहे। प्रशासन ने इस पूरे उत्सव को एक जनसरोकार आधारित अभियान के रूप में प्रस्तुत किया।

न्यूज़ देखो: रजत जयंती पर झारखंडी गौरव का संदेश

घाघरा प्रखंड में आयोजित स्थापना दिवस कार्यक्रम केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि झारखंड की जड़ों, उसकी संस्कृति और सामुदायिक एकता का सशक्त प्रतीक बना। प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी और महिलाओं के नेतृत्व ने इस आयोजन को विशेष बनाया। इस तरह के उत्सव झारखंडी पहचान को सशक्त करते हैं और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।

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युवा झारखंड की ताकत बनें

झारखंड की रजत जयंती हमें यह याद दिलाती है कि बदलाव केवल उत्सवों से नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयासों से आता है। घाघरा की इस साइकिल रेस और नृत्य उत्सव ने दिखा दिया कि जब प्रशासन, युवा और महिलाएं साथ आते हैं, तो झारखंड आगे बढ़ता है। आइए हम सब भी इस एकता और ऊर्जा को बनाए रखें — अपनी राय कमेंट करें, इस खबर को साझा करें और झारखंड की इस प्रेरक कहानी को हर कोने तक पहुंचाएं।

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