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महुआडांड़ और बरदौनी लैंपस में धान खरीदी ठप, मजबूरी में मंडी में औने-पौने दाम पर धान बेच रहे किसान

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#महुआडांड़ #कृषि_संकट : लैंपस में सरकारी खरीद शुरू न होने से किसान MSP से वंचित, बिचौलिये गांव-गांव पहुंचकर कम दाम पर खरीद रहे धान।
  • महुआडांड़ और बरदौनी लैंपस में सरकारी धान खरीदी अब तक शुरू नहीं हुई।
  • दिसंबर से शुरू होने वाली प्रक्रिया में देरी से किसान MSP का लाभ नहीं ले पा रहे
  • बिचौलिये सक्रिय, गांव-गांव जाकर कम कीमत पर खरीद रहे धान।
  • किसानों की मजबूरी—कर्ज चुकाना, रबी फसल की तैयारी और तत्काल नकदी की जरूरत।
  • लैंपस प्रबंधक मनोज कुमार महली का बयान—कागजी प्रक्रिया जारी, तिथि तय नहीं।

महुआडांड़ : प्रखंड क्षेत्र के महुआडांड़ और बरदौनी लैंपस में इस बार सरकारी धान खरीदी तय समय पर शुरू न होने से किसानों की परेशानी गंभीर रूप ले चुकी है। हर वर्ष दिसंबर के पहले सप्ताह में खरीद प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है, लेकिन इस वर्ष आज तक एक भी किसान का धान सरकारी केंद्रों पर नहीं लिया गया है। इस देरी का सीधा असर किसानों की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है।

किसानों ने बताया कि खरीदी में देरी के कारण गांव-गांव बिचौलियों का दल सक्रिय हो गया है। रोजाना लगभग हर गांव से एक ट्रक धान औने-पौने दाम में खरीदा जा रहा है। बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर धान उठा रहे हैं। किसानों का कहना है कि यदि सरकारी मूल्य पर खरीदी शुरू हो जाती, तो उनकी लागत आसानी से निकल आती।

किसानों की आर्थिक मजबूरी बढ़ी

कई किसान इस वर्ष भी कर्ज लेकर खेती किए हैं। कटाई के बाद उन्हें तुरंत कुछ नकदी की जरूरत होती है—कर्ज चुकाने के लिए, मजदूरी देने के लिए और रबी फसल की तैयारी हेतु बीज-खाद खरीदने के लिए। वहीं, बड़ी संख्या में किसान मजदूरी के लिए बाहर जाते हैं और धान बेचकर गांव छोड़ना चाहते हैं, लेकिन देरी उनकी आर्थिक स्थिति को और दयनीय बना रही है।

ग्रामीणों ने कहा कि यदि जल्द धान खरीदी शुरू नहीं हुई, तो वे पूरी तरह से बाजार के भरोसे रह जाएंगे, जहां उन्हें MSP से काफी कम दाम मिलते हैं। इससे न केवल उनका नुकसान बढ़ेगा बल्कि खेती करने का उत्साह भी घटेगा।

लैंपस में प्रक्रिया में देरी, किसानों में रोष

महुआडांड़ लैंपस प्रबंधक मनोज कुमार महली ने बताया कि धान खरीदी शुरू करने से संबंधित कागजी औपचारिकताएँ जारी हैं और जल्द प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि खरीद शुरू होने की कोई निश्चित तिथि तय नहीं है।
यह स्थिति किसानों में और अधिक असमंजस पैदा कर रही है।

MSP का लाभ न मिलने का डर

किसानों का कहना है कि यदि सरकारी खरीद में और देरी हुई तो वे न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का लाभ नहीं ले पाएंगे और इससे उनकी लागत भी नहीं निकल पाएगी। कई किसानों ने यह भी कहा कि सरकार हर वर्ष समय पर खरीदी शुरू करने का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है।

न्यूज़ देखो : किसानों की आर्थिक सुरक्षा समय पर खरीदी से ही सुनिश्चित

सरकारी धान खरीदी में देरी आज भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी चुनौती है। जब लैंपस केंद्र समय पर नहीं खुलते, तो किसान मजबूरी में बिचौलियों के सहारे रह जाते हैं। जरूरत है कि प्रशासन त्वरित निर्णय लेकर खरीदी प्रक्रिया शुरू करे, ताकि किसानों की मेहनत का उचित मूल्य मिल सके।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

किसान हित सर्वोपरि—समय पर खरीदी हो, तभी खेती टिकाऊ बने

खेती तभी मजबूत होगी जब किसान अपनी उपज का सही मूल्य पाएं। आप भी इस मुद्दे को किसानों तक पहुँचाएं, जागरूकता बढ़ाएं और प्रशासन तक उनकी आवाज पहुँचाने में सहयोग करें। कृपया इस खबर को साझा करें और अपनी राय कमेंट में ज़रूर लिखें।

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