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पलामू न्यूज़ : हुसैनाबाद में शराब दुकानों पर खुलेआम लूट, ₹100 की बियर ₹150 में, विरोध पर जवाब – “जहां जाना है जाओ”

#हुसैनाबाद #पलामू_एमआरपी_घोटाला #LiquorRateScam | प्रशासन की चेतावनी हवा में, दुकानदारों की मनमानी जारी

  • हुसैनाबाद के शराब दुकानों में एमआरपी से ₹50-₹70 अधिक वसूली का आरोप
  • ग्राहक विरोध करें तो मिलती है धमकी और बेशर्मी भरा जवाब
  • कई बार हो चुकी शिकायतें, अब तक नहीं हुई ठोस कार्रवाई
  • एसडीओ की चेतावनी भी बेअसर, उत्पाद विभाग की भूमिका पर उठे सवाल
  • स्थानीय जनता ने की सख्त कार्रवाई और लाइसेंस रद्द करने की मांग

शराब दुकानों में खुलेआम एमआरपी से अधिक वसूली, प्रशासन बना मूक दर्शक

पलामू जिले के हुसैनाबाद अनुमंडल क्षेत्र में संचालित शराब दुकानों में एमआरपी से अधिक पैसे वसूलने का खेल खुलेआम चल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्वार्टर साइज पर ₹10-₹20, हाफ पर ₹30-₹40 और फुल पर ₹50-₹70 ज्यादा वसूला जाता है। यहां तक कि बियर के केन पर भी ₹50 तक की अवैध वसूली हो रही है।

₹100 की बियर ₹150 में, ग्राहक को सुनाया गया ‘जहां जाना है जाओ’

ताजा मामला हुसैनाबाद शहर के जेपी चौक के पास स्थित अंग्रेजी शराब दुकान का है, जहां एक ग्राहक से ₹100 एमआरपी वाले बियर के ₹150 वसूल लिए गए। विरोध करने पर दुकानदार ने कहा – “जहां सस्ती मिलती है, वहां से ले लो, यहां ₹150 में ही मिलेगी।”

“चाहो तो ₹140 एमआरपी लिखा हुआ भी मिल जाएगा, लेकिन रेट ₹150 ही रहेगा। लेना है तो लो वरना निकलो।” — शराब दुकानदार का जवाब ग्राहक को

बियर की केन पर साफ तौर पर 02 अप्रैल 2025 की मैन्युफैक्चरिंग डेट और ₹100 का मूल्य अंकित है, जो यह साबित करता है कि यह नया स्टॉक है और एमआरपी सही दर्ज है।

बार-बार शिकायतें, फिर भी नहीं होती कार्रवाई

स्थानीय लोग बताते हैं कि ऐसी शिकायतें पहले भी कई बार उठ चुकी हैं, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में भी उजागर हुई हैं, लेकिन अब तक न उत्पाद विभाग और न प्रशासन ने कोई ठोस कार्रवाई की है।

हुसैनाबाद एसडीओ गौरांग महतो ने कुछ समय पहले दुकानदारों को चेतावनी जरूर दी थी, लेकिन उसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है। लोगों का कहना है कि शराब दुकानदारों के सिर पर किसी न किसी रसूखदार का हाथ है, तभी ये इतनी बेखौफ वसूली कर रहे हैं।

विभाग की मिलीभगत पर भी उठे सवाल

उत्पाद विभाग द्वारा औचक निरीक्षण और चेतावनी के बावजूद दुकानदारों की मनमानी बंद नहीं हो रही है। सवाल उठता है कि,

“आखिर विभाग की निष्क्रियता के पीछे क्या कारण है? बार-बार शिकायतों के बावजूद कार्रवाई क्यों नहीं होती? क्या यह सब विभाग की मिलीभगत के बिना संभव है?”

जनता ने उठाई कार्रवाई की मांग

स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि:

  • एमआरपी से अधिक दर पर शराब बेचने वालों पर कड़ी कार्रवाई हो
  • ऐसे दुकानों पर भारी जुर्माना लगाया जाए
  • जरूरत पड़ने पर दुकानों का लाइसेंस भी रद्द किया जाए
  • प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए

ग्राहकों ने अनुमंडल पदाधिकारी गौरांग महतो से दूरभाष पर शिकायत भी की है, और अब जनता प्रशासन की कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रही है।

न्यूज़ देखो : जनता की जेब पर डाका बर्दाश्त नहीं

सरकार की नीतियां भले शराब नियंत्रण के लिए सख्त हों, लेकिन जब जमीनी स्तर पर खुलेआम लूट हो रही हो और प्रशासन चुप बैठा हो, तो यह और भी खतरनाक है।

‘न्यूज़ देखो’ अपील करता है कि जनता की आवाज को गंभीरता से लिया जाए और ऐसे दुकानदारों पर त्वरित कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई आम आदमी ठगा न जाए।

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