
#लातेहार #भ्रष्टाचाररोधीअभियान : पलामू एसीबी टीम ने जिला परिषद कार्यालय के क्लर्क को घूस लेते किया गिरफ्तार – कार्रवाई के बाद पूरे दफ्तर में मचा हड़कंप
- भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) पलामू की टीम ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की।
- लातेहार जिला परिषद कार्यालय में कार्यरत क्लर्क को ₹65,000 की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया।
- कार्रवाई गुप्त सूचना और शिकायत की पुष्टि के बाद की गई।
- फाइल पास कराने और भुगतान जारी करने के एवज में मांगी गई थी रिश्वत।
- एसीबी टीम ने मौके से नकदी बरामद कर आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की।
लातेहार जिले में गुरुवार को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई में पलामू एसीबी की टीम ने जिला परिषद कार्यालय के एक क्लर्क को पैंसठ हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। यह कार्रवाई एसीबी पलामू इकाई द्वारा गुप्त शिकायत और जांच के बाद की गई। शिकायतकर्ता ने बताया था कि संबंधित क्लर्क ने उनके कार्य से जुड़ी फाइल पास करने और भुगतान जारी करने के लिए अवैध रूप से रिश्वत की मांग की थी।
शिकायत की पुष्टि के बाद जाल बिछाकर हुई गिरफ्तारी
एसीबी की टीम ने शिकायत की सच्चाई की पुष्टि करने के लिए पहले पूर्व-परीक्षण किया और फिर जाल बिछाकर कार्रवाई की योजना बनाई। तय राशि जैसे ही आरोपी ने स्वीकार की, टीम ने उसे रंगेहाथ पकड़ लिया। एसीबी के अधिकारियों ने मौके से पूरी राशि बरामद कर उसे जब्त कर लिया और कानूनी कार्रवाई शुरू की।
जिला परिषद कार्यालय में फैली सनसनी
इस कार्रवाई के बाद जिला परिषद कार्यालय में हड़कंप मच गया। कई कर्मचारी मौके से निकलकर इधर-उधर जाने लगे। सूत्रों के अनुसार, आरोपी क्लर्क लंबे समय से कार्यालय में तैनात था और उसके खिलाफ पहले भी अनियमितता और फाइल रोकने जैसी शिकायतें मिल चुकी थीं। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि रिश्वत की राशि को साक्ष्य के रूप में जब्त किया गया है और आरोपी को पूछताछ के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा जाएगा।
भ्रष्टाचार की शिकायत पर कार्रवाई का असर
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई जनता की शिकायत पर की गई और यह संदेश देती है कि अब किसी भी सरकारी दफ्तर में रिश्वत मांगने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अधिकारियों ने आम लोगों से अपील की कि वे ऐसे मामलों की जानकारी तुरंत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दें ताकि निष्पक्ष कार्रवाई संभव हो सके।
एसीबी अधिकारी ने कहा: “हम हर शिकायत को गंभीरता से लेते हैं। किसी भी सरकारी कर्मचारी द्वारा रिश्वत की मांग या स्वीकारना अपराध है। इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।”
न्यूज़ देखो: भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार, जनता की जीत
एसीबी की इस कार्रवाई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार और जांच एजेंसियां सख्त हैं। जनता की शिकायतें अगर प्रमाणिक रूप से दर्ज की जाएं तो भ्रष्ट अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई संभव है। यह कदम न केवल व्यवस्था में विश्वास बहाल करता है बल्कि ईमानदारी के प्रति समाज को प्रेरित भी करता है।
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जागरूक नागरिक बनें, भ्रष्टाचार के खिलाफ उठाएं आवाज
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। जब आम लोग अपनी चुप्पी तोड़ेंगे, तभी व्यवस्था बदलेगी। अगर आप किसी दफ्तर में रिश्वत की मांग का सामना करते हैं, तो उसे उजागर करें, शिकायत दर्ज कराएं।
सजग रहें, सक्रिय बनें।
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