JharkhandLatehar

संत जेवियर्स कॉलेज महुआडांड़ में हिन्दी दिवस पर प्रायश्चित नाटक मंचन

Join News देखो WhatsApp Channel
#महुआडांड़ #हिन्दीदिवस : विद्यार्थियों ने साहित्यिक नाटक के माध्यम से हिन्दी भाषा और मानव जीवन मूल्यों का संदेश दिया
  • संत जेवियर्स कॉलेज महुआडांड़ में हिन्दी दिवस बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया।
  • कार्यक्रम में भगवती चरण वर्मा की प्रसिद्ध कहानी प्रायश्चित पर आधारित नाटक का मंचन हुआ।
  • नाटक ने गलतियों को स्वीकार करने और प्रायश्चित के महत्व पर प्रेरक संदेश दिया।
  • मुख्य अतिथि फादर समीर टोप्पो ने हिन्दी को सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता की प्रतीक बताया।
  • प्रो. अंकिता एक्का ने “हिन्दी का महत्व” विषय पर प्रभावशाली कविता पाठ किया।
  • कार्यक्रम में सभी प्रोफेसर, शिक्षकेतर कर्मचारी और विद्यार्थियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

साहित्यिक नाटक से सजीव हुआ हिन्दी दिवस

संत जेवियर्स कॉलेज महुआडांड़ में आयोजित हिन्दी दिवस समारोह में विद्यार्थियों ने साहित्य और समाज के गहरे रिश्तों को उजागर किया। इस अवसर पर भगवती चरण वर्मा की कहानी “प्रायश्चित” पर आधारित नाटक का मंचन किया गया। नाटक ने दर्शकों को यह संदेश दिया कि जीवन में गलतियाँ होना स्वाभाविक है, लेकिन उन्हें स्वीकार करना और उनके लिए प्रायश्चित करना ही मानवीयता का वास्तविक स्वरूप है।

नाटक का मुख्य संदेश: “सच्चे प्रायश्चित से ही आत्मशुद्धि और नैतिक महानता प्राप्त की जा सकती है।”

अतिथियों के विचार और प्रेरणा

समारोह के मुख्य अतिथि फादर समीर टोप्पो ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा:

फादर समीर टोप्पो ने कहा: “हिन्दी केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर और राष्ट्रीय एकता की प्रतीक है। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और सृजनशीलता में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएँ।”

इस अवसर पर प्रो. अंकिता एक्का ने अपनी कविता “हिन्दी का महत्व” प्रस्तुत की। उनकी पंक्तियों ने हिन्दी की समृद्ध परंपरा और साहित्यिक महिमा को जीवंत कर दिया।

विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी

पूरे आयोजन में छात्र-छात्राओं की सक्रिय भागीदारी रही। फा राजीप, फा लियो, प्रो. स्वाति, प्रो. अंजलि, प्रो. बंसति, अदिति, प्रो. मोनिका, प्रो. विक्रम, प्रो. कैलाश सहित सभी शिक्षकेतर कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

समारोह का उद्देश्य था विद्यार्थियों के भीतर हिन्दी भाषा के प्रति प्रेम, सम्मान और जागरूकता को बढ़ावा देना। आयोजन की सफलता से यह स्पष्ट हुआ कि युवाओं में हिन्दी के प्रति गहरी भावनाएँ मौजूद हैं।

न्यूज़ देखो: हिन्दी दिवस पर नाटक से गूंजा संदेश

महुआडांड़ के इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि हिन्दी केवल भाषा नहीं, बल्कि संस्कार, संस्कृति और एकता का आधार है। नाटक और कविता-पाठ जैसे प्रयास विद्यार्थियों को भाषा से जोड़ने का सशक्त माध्यम बन सकते हैं। अब ज़रूरत है कि ऐसे आयोजनों को निरंतर जारी रखा जाए।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

भाषा हमारी पहचान है, इसे संवारना हमारी जिम्मेदारी

हिन्दी दिवस पर दिया गया यह संदेश हमें आत्मसम्मान और सांस्कृतिक गौरव का एहसास कराता है। आइए, हम सब मिलकर हिन्दी भाषा की समृद्धि और प्रसार में अपना योगदान दें। अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को ज्यादा से ज्यादा साझा करें।

📥 Download E-Paper

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 0 / 5. कुल वोट: 0

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250604-WA0023 (1)
1000264265
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250925-WA0154
IMG-20251017-WA0018
IMG-20250723-WA0070
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें


Ramprawesh Gupta

महुवाडांड, लातेहार

Related News

Back to top button
error: