
#महुआडांड़ #लातेहार_समाचार – पेंशन न मिलने से जीवन जीना हुआ मुश्किल, ‘सरकार आपके द्वार’ में दिए फॉर्म भी बने बेकार
- महुआडांड़ अनुमंडल में वृद्ध, विधवा और दिव्यांग 6 माह से पेंशन से वंचित
- भीषण गर्मी में बैंक और कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर
- ‘सरकार आपके द्वार’ में फॉर्म जमा करने के बाद भी नहीं हुई पेंशन स्वीकृत
- पूर्व पंचायत समिति सदस्य ने डीसी से अविलंब भुगतान की मांग की
- विभागीय लापरवाही पर ग्रामीणों में आक्रोश, समयबद्ध भुगतान की उठी मांग
छह माह से पेंशन की बाट जोहते वृद्ध, विधवा और दिव्यांग
लातेहार जिला के महुआडांड़ अनुमंडल मुख्यालय में सैकड़ों वृद्ध, वृद्धा, विधवा और दिव्यांगजन पिछले छह महीनों से पेंशन का इंतजार कर रहे हैं। गर्मी के इस मौसम में ये लोग बार-बार बैंक और प्रखंड कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं। पूछने पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा, जिससे ये लाभुक मानसिक और आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।
पेंशन ही था जीवन का सहारा, अब हो रहे दर-दर भटकने को मजबूर
प्रमुख पेंशन योजनाओं जैसे वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांगजन पेंशन पर आश्रित लोगों का कहना है कि पेंशन उनके जीवन का एकमात्र सहारा है। अब जब लगातार छह माह से राशि नहीं मिली, तो घर चलाना मुश्किल हो गया है। कई वृद्ध महिलाएं और दिव्यांगजन बेहद ही दयनीय स्थिति में जीने को विवश हैं।
‘सरकार आपके द्वार’ में फॉर्म भरने के बाद भी नहीं मिली पेंशन
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम में पेंशन फॉर्म भरकर जमा किया था। उन्हें उम्मीद थी कि जल्द ही पेंशन स्वीकृत होगी, लेकिन विभागीय कर्मचारियों की लापरवाही के कारण कई लोगों की फाइलें अब तक स्वीकृत भी नहीं हो सकीं।
“हर दिन हमारे पास कई असहाय वृद्ध और दिव्यांग लोग शिकायत लेकर आते हैं। प्रशासन को इस दिशा में शीघ्र पहल करनी चाहिए,”
कहा पूर्व पंचायत समिति सदस्य धर्मेंद्र सिंह ने।
डीसी से की गई अविलंब भुगतान की मांग
धर्मेंद्र सिंह ने लातेहार उपायुक्त उत्कर्ष गुप्ता से मांग की है कि सभी लंबित पेंशन लाभुकों को तत्काल भुगतान सुनिश्चित किया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक माह की एक तय तारीख को पेंशन भुगतान की स्थायी प्रणाली लागू की जाए, ताकि भविष्य में लाभुकों को परेशानी न हो।
ग्रामीणों में बढ़ता आक्रोश, चेताया गया आंदोलन
पंचायत के बुजुर्गों ने चेताया कि यदि जल्द पेंशन भुगतान और स्वीकृति प्रक्रिया में सुधार नहीं किया गया तो वे प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन और धरना देने को बाध्य होंगे। ग्रामीणों की एकजुटता से संकेत मिलता है कि विभागीय लापरवाही अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


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