
#डंडई #छठ_महापर्व : समाजसेवी प्रमोद यादव ने करके गांव के छठ घाट पर व्रतियों के लिए शुद्ध दूध वितरण की सेवा की
- करके गांव, डंडई में छठ महापर्व के अवसर पर छठ घाट पोखरा पर समाजसेवी प्रमोद यादव ने निःशुल्क दूध वितरण की परंपरा को जारी रखा।
- इस वर्ष भी 26 अक्टूबर 2025 को खरना के पावन अवसर पर व्रत करने वाली माताओं और बहनों को खीर बनाने हेतु शुद्ध दूध प्रदान किया जाएगा।
- यह सेवा पिछले कई वर्षों से लगातार की जा रही है और करके छठ घाट की स्थापित परंपरा बन चुकी है।
- प्रमोद यादव, मां कंस्ट्रक्शन (MAA CONSTRUCTION) के चेयरमैन, ने कहा कि छठव्रतियों की सेवा करना उनका परम सौभाग्य है और यह सेवा छठ मैया और सूर्य देव की कृपा से संभव हो रही है।
- इस पहल से व्रतियों को उनके कठिन साधना में मदद मिलती है और यह छठ महापर्व की आस्था और भक्ति का केंद्र बन चुका है।
डंडई के करके गांव में लोक आस्था के महापर्व छठ के दौरान हर साल की तरह इस बार भी छठव्रतियों के लिए छठ घाट पोखरा पर शुद्ध दूध का वितरण किया जाएगा। समाजसेवी प्रमोद यादव ने यह सेवा कई वर्षों से लगातार निभाई है, जिससे यह छठ घाट की एक पूजनीय और स्थापित परंपरा बन गई है। इस पहल के माध्यम से व्रतियों को खरना का महाप्रसाद बनाने में सहयोग मिलता है और उनकी कठिन साधना में राहत पहुंचती है।
वर्षों से निरंतर सेवा
प्रमोद यादव ने बताया कि छठव्रती महिलाएं साक्षात देवी के रूप में पूजनीय हैं और उनकी सेवा करना उनका सौभाग्य है। उन्होंने कहा:
प्रमोद यादव ने कहा: “छठ मैया और सूर्य देव की कृपा से यह सेवा लगातार जारी है। छठव्रती महिलाएं साक्षात देवी का रूप हैं, और उनकी सेवा करना मेरा परम सौभाग्य है। यह हमारी पुरानी परंपरा है, जिसे हम हर साल पूरी श्रद्धा के साथ निभाते हैं।”
इस सेवा के माध्यम से स्थानीय समुदाय में आस्था और विश्वास का माहौल बनता है। व्रतियों को न केवल महाप्रसाद बनाने में मदद मिलती है, बल्कि उनकी साधना में सहूलियत भी बढ़ती है।
छठव्रतियों और स्थानीय समुदाय के लिए महत्व
छठ महापर्व के दौरान व्रतियों की सेवा करना समाजिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। प्रमोद यादव के प्रयास ने छठ घाट पर न केवल सुविधा प्रदान की है, बल्कि आस्था और भक्ति को भी सुदृढ़ किया है। यह पहल अन्य समाजसेवियों के लिए भी उदाहरण है कि कैसे निरंतर सेवा से लोक आस्था को मजबूत किया जा सकता है।
न्यूज़ देखो: छठव्रतियों के लिए सेवा और आस्था का संगम
प्रमोद यादव का यह कदम दर्शाता है कि लोक आस्था और समाजसेवा एक साथ चलते हैं। उनकी सेवा से छठव्रतियों को सीधे लाभ मिलता है और समुदाय में निःस्वार्थ भाव से मदद करने की प्रेरणा मिलती है।
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प्रेरक संदेश और सामाजिक जिम्मेदारी
समाज में लोक आस्था और धार्मिक परंपराओं की सेवा करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। स्थानीय स्तर पर सहयोग और सेवा का काम बढ़ाएँ और अपने आसपास के लोगों को भी प्रेरित करें। अपनी राय साझा करें, इस खबर को दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें और आस्था के इस महापर्व में सभी को मदद पहुँचाने का संदेश फैलाएँ।




