
#डुमरी #गिरिडीह : पारदर्शिता और अधिकारों की रक्षा के लिए संगठित होने का आह्वान
- लक्ष्मण टुंडा पंचायत सचिवालय में आयोजित हुई बैठक।
- राजेंद्र यादव ने की अध्यक्षता, रुपलाल महतो ने किया संचालन।
- केंद्रीय अध्यक्ष गंगाधर महतो रहे मुख्य अतिथि।
- किसानों, मजदूरों और बेरोजगारों के हक की लड़ाई का संकल्प।
- बिचौलियों पर रोक और योजनाओं की निगरानी पर जोर।
गिरिडीह जिले के डुमरी प्रखंड अंतर्गत लक्ष्मण टुंडा पंचायत सचिवालय सभागार में रविवार को झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन पंचायत कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में क्षेत्र के किसान, मजदूर, महिलाएं और सामाजिक कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस बैठक का उद्देश्य संगठन को मजबूत करना, जनसमस्याओं पर चर्चा करना और सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए रणनीति तय करना रहा।
बैठक की अध्यक्षता प्रखंड अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने की, जबकि केंद्रीय सह संयोजक रुपलाल महतो ने संचालन की जिम्मेदारी निभाई। बैठक में यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष गंगाधर महतो मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
यूनियन के उद्देश्य और सिद्धांतों पर जोर
बैठक को संबोधित करते हुए केंद्रीय अध्यक्ष गंगाधर महतो ने उपस्थित सदस्यों को यूनियन की नीतियों और सिद्धांतों से विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि झारखंड एकता किसान मजदूर यूनियन का गठन गरीबों, शोषितों, वंचितों, किसानों, मजदूरों और बेरोजगार युवाओं की आवाज को मजबूती से उठाने के लिए किया गया है।
उन्होंने कहा कि आज भी सरकारी योजनाएं कागजों में तो प्रभावी दिखती हैं, लेकिन बिचौलियों और भ्रष्ट व्यवस्था के कारण उनका लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पाता। ऐसे में यूनियन के प्रत्येक सदस्य की जिम्मेदारी है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में सजग रहकर योजनाओं की पारदर्शी निगरानी करें।
विकास योजनाओं की निगरानी की अपील
गंगाधर महतो ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारना तभी संभव है, जब समाज जागरूक और संगठित होगा। उन्होंने सदस्यों से अपील की कि वे पंचायत स्तर पर हो रहे विकास कार्यों पर नजर रखें और किसी भी प्रकार की अनियमितता या भेदभाव की जानकारी संगठन तक पहुंचाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि यूनियन किसी राजनीतिक दल का मोहरा नहीं है, बल्कि यह एक जनआधारित संगठन है, जो हक और अधिकार की लड़ाई लोकतांत्रिक तरीके से लड़ता है।
संगठन को मजबूत करने पर हुई चर्चा
बैठक में संगठनात्मक मजबूती पर भी विस्तार से चर्चा हुई। पंचायत और प्रखंड स्तर पर नए सदस्यों को जोड़ने, महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बढ़ाने तथा मजदूरों और किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता से उठाने पर सहमति बनी।
सदस्यों ने सुझाव दिया कि नियमित रूप से पंचायत स्तरीय बैठकें आयोजित की जाएं, ताकि स्थानीय समस्याओं को तुरंत चिन्हित कर प्रशासन तक पहुंचाया जा सके।
महिला सदस्यों की सक्रिय भागीदारी
बैठक में बड़ी संख्या में महिला सदस्यों की उपस्थिति ने संगठन की सामाजिक ताकत को दर्शाया। महिला सदस्यों ने मजदूरी, राशन, पेंशन, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी समस्याओं को प्रमुखता से उठाया और संगठन से इन मुद्दों पर ठोस पहल करने की मांग की।
बैठक में उपस्थित प्रमुख सदस्य
इस महत्वपूर्ण बैठक में यूनियन के केंद्रीय महासचिव रविंद्र कुमार, बबीता कुमारी, सविता कुमारी, मुमताज अंसारी, सलीम अंसारी, सुगीया देवी, कमली कुमारी, ललिता कुमारी, गीता देवी, रीता देवी, रीना कुमारी, मीना कुमारी, तारा देवी, रीता कुमारी, कोसर अंसारी सहित पंचायत और आसपास के क्षेत्रों के कई सक्रिय सदस्य उपस्थित रहे।
सभी ने एक स्वर में संगठन के उद्देश्यों के प्रति प्रतिबद्धता जताई और कहा कि वे किसान-मजदूर हित में हर स्तर पर संघर्ष के लिए तैयार हैं।
सामाजिक एकता का संदेश
बैठक का समापन सामाजिक एकता और आपसी सहयोग के संदेश के साथ किया गया। वक्ताओं ने कहा कि जब तक किसान और मजदूर एकजुट नहीं होंगे, तब तक उनके अधिकारों की रक्षा संभव नहीं है।
न्यूज़ देखो: जमीनी संघर्ष से मजबूत होगा संगठन
डुमरी में हुई यह बैठक इस बात का संकेत है कि ग्रामीण स्तर पर किसान और मजदूर अपने अधिकारों को लेकर अब संगठित हो रहे हैं। यदि यह एकता बनी रही, तो निश्चित रूप से क्षेत्र में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा मिलेगा।
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अधिकार और सम्मान की लड़ाई में एक कदम आगे
किसान और मजदूरों की एकजुटता ही बदलाव की असली ताकत है।
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