
#लातेहार #विस्थापन_संघर्ष : रैयतों ने एकजुट होकर लिया बड़ा फैसला, हक और अधिकार के लिए समिति को सौंपी जिम्मेदारी
- बनहरदी कॉल ब्लॉक के रैयतों की एकजुटता से हुआ संचालन समिति का सर्वसम्मत गठन।
- समिति में लाल जन्मज्यनाथ शाहदेव, बेलाल अहमद, रोबिन उरांव, हाजी हाशिम अंसारी समेत 12 सदस्य चुने गए।
- बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान रोबिन उरांव ने की।
- 10 नवम्बर को बनहरदी पंचायत भवन में ज़मीन सुधार शिविर आयोजित होगा।
- रैयतों ने कहा – “एकजुटता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”
चंदवा प्रखंड के बनहरदी कॉल ब्लॉक क्षेत्र में आज एक ऐतिहासिक एकजुटता देखने को मिली, जब स्थानीय रैयतों ने अपने हक और अधिकार के लिए पंचायत भवन बारी में एक सशक्त बैठक का आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता ग्राम प्रधान रोबिन उरांव ने की, जिसमें आसपास के सभी टोला-महल्लों से बड़ी संख्या में रैयतों की भागीदारी रही। इस दौरान सर्वसम्मति से संचालन समिति का गठन किया गया ताकि विस्थापन से प्रभावित परिवारों के अधिकार और न्याय की लड़ाई को संगठित रूप में आगे बढ़ाया जा सके।
रैयतों ने दिखाया सामूहिक नेतृत्व का उदाहरण
बैठक में तय किया गया कि नवगठित समिति यह सुनिश्चित करेगी कि विस्थापन नीति और भूमि सुधार कानूनों के तहत हर परिवार को उसका वैधानिक हक मिले। समिति के सदस्य के रूप में लाल जन्मज्यनाथ शाहदेव, बेलाल अहमद, रोबिन उरांव, हाजी हाशिम अंसारी, अहमद अंसारी, राजू उरांव, जीते उरांव, अशोक भुइयां, महेश राम, योगेंद्र यादव, राजेंद्र उरांव और नौशाद अंसारी का नाम तय किया गया।
बैठक में जब समिति की घोषणा हुई, तो उपस्थित रैयतों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। समिति के सभी सदस्यों ने सामूहिक रूप से संकल्प लिया कि वे रैयतों के विश्वास को बनाए रखेंगे और विस्थापित परिवारों की आवाज को हर स्तर पर बुलंद करेंगे।
समिति के सदस्यों ने कहा: “रैयतों ने हम पर जो भरोसा जताया है, हम सब मिलकर उस विश्वास को मजबूत करेंगे। बनहरदी कॉल ब्लॉक में विस्थापित हो रहे हर रैयत को उसका हक और अधिकार दिलाने के लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे। हमारी एकजुटता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”
ज़मीन सुधार शिविर से होगी नई पहल
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 10 नवम्बर को बनहरदी पंचायत भवन में ज़मीन सुधार शिविर आयोजित किया जाएगा, ताकि विस्थापित परिवारों को उनके दस्तावेज़ों और हक से जुड़ी जानकारी दी जा सके। इसके साथ ही, बारी पंचायत में भी इसी तरह के शिविर की मांग शीघ्र अंचल कार्यालय से की जाएगी।
सभा के समापन की घोषणा बेलाल अहमद ने की। इस अवसर पर रमेश उरांव, विनेश्वर उरांव, रघुवीर साव, बशीर अंसारी, आशीष सिंह, संजय ठाकुर, जीतेन्द्र उरांव, अजय उरांव, झरी उरांव, वारिस अंसारी, हरिनंदन साव, बजरंग मुंडा, हाजी समीद अंसारी, कमरुदसिन अंसारी, जितन उरांव, हनीफ मियां, नागेश्वर उरांव, सुले उरांव, मुकेश उरांव, कंदरू राम, जगलाल उरांव, लालदेव उरांव, जागेश्वर उरांव, रामसहाय उरांव, रालिन्द्र यादव सहित सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे।
सभा के अंत में ग्रामीणों ने कहा कि अब वे अपने हक और पहचान के लिए एकजुट होकर संघर्ष करेंगे। विस्थापन के बाद भी वे अपनी जमीन, संस्कृति और अधिकारों को बचाए रखने का संकल्प दोहराते रहे।
न्यूज़ देखो: संघर्ष से समाधान की राह पर बनहरदी के रैयत
बनहरदी कॉल ब्लॉक के रैयतों की यह एकजुटता इस बात का संकेत है कि जब जनता संगठित होती है, तो विस्थापन जैसी बड़ी चुनौतियों का भी हल संभव हो जाता है। सर्वसम्मति से बनी संचालन समिति न केवल रैयतों की आवाज बनेगी, बल्कि यह विकास और न्याय के बीच संतुलन की राह दिखाएगी।
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अपनी भूमि, अपना अधिकार
अब समय है कि हर रैयत अपने हक और सम्मान के लिए एकजुट होकर आवाज उठाए। जब जनता संगठित होती है, तो न्याय की दिशा साफ दिखने लगती है। इस खबर को शेयर करें, अपनी राय दें और बताएं कि आप भी विस्थापितों के अधिकार की इस लड़ाई में कैसे सहभागी बन सकते हैं।



