
#सिमडेगा #सेल्फडिफेंसशिविर : बच्चों में आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना जगाने की दिशा में सराहनीय पहल
- सेंट मेरीज़ इंग्लिश मीडियम स्कूल, सामटोली, सिमडेगा में निःशुल्क आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर आयोजित।
- प्रशिक्षण का नेतृत्व पुलिस कराटे कोच मनीष कुमार मिश्रा और उनके गुरु राम नायक ने किया।
- बच्चों को सिखाई गई सेल्फ डिफेंस तकनीकें और सुरक्षा के व्यावहारिक उपाय।
- कार्यक्रम का आयोजन विद्यालय के प्राचार्य फादर राकेश केरेकट्टा के मार्गदर्शन में हुआ।
- बच्चों में साहस, अनुशासन और आत्मविश्वास जगाने की दिशा में यह कार्यक्रम बना मिसाल।
सिमडेगा जिले के सामटोली स्थित सेंट मेरीज़ इंग्लिश मीडियम स्कूल में शनिवार को बच्चों के लिए एक विशेष आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर पूरी तरह निःशुल्क था और इसका उद्देश्य बच्चों को सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाना तथा आत्मविश्वास और साहस की भावना को विकसित करना था। विद्यालय परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और आत्मरक्षा के गुर सीखे।
बच्चों में आत्मरक्षा की भावना जागृत करने का प्रयास
इस विशेष प्रशिक्षण शिविर में पुलिस कराटे कोच मनीष कुमार मिश्रा और उनके गुरु राम नायक ने बच्चों को आत्मरक्षा के महत्व और व्यावहारिक पहलुओं के बारे में जानकारी दी। दोनों प्रशिक्षकों ने बच्चों को आत्मरक्षा की मूलभूत तकनीकों जैसे ब्लॉकिंग, किकिंग, पंचिंग और सुरक्षित तरीके से खुद को बचाने की रणनीतियाँ सिखाईं।
कोच मनीष कुमार मिश्रा ने कहा: “आत्मरक्षा केवल एक खेल नहीं, बल्कि यह जीवन की ज़रूरत है। हर बच्चे को अपनी सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर होना चाहिए, ताकि वे किसी भी परिस्थिति में खुद की रक्षा कर सकें।”
उनके गुरु राम नायक ने बताया कि ऐसे प्रशिक्षण बच्चों में मानसिक दृढ़ता और आत्मबल का विकास करते हैं। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शारीरिक कौशल नहीं बल्कि एक जीवन कौशल है, जो आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है।
विद्यालय प्रशासन की सराहनीय पहल
विद्यालय के प्राचार्य फादर राकेश केरेकट्टा ने कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण शिविर बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने बताया कि विद्यालय प्रबंधन हमेशा से बच्चों की सुरक्षा और व्यक्तित्व विकास को प्राथमिकता देता आया है।
फादर राकेश केरेकट्टा ने कहा कि बच्चों को छोटी उम्र में ही आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना समाज में अपराध के खिलाफ एक सशक्त कदम है। उन्होंने इस शिविर को एक प्रेरक पहल बताते हुए आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की बात कही।
आत्मरक्षा प्रशिक्षण से मिली नई ऊर्जा
शिविर में शामिल बच्चों ने आत्मरक्षा की तकनीकों को न सिर्फ सीखा, बल्कि उनके पीछे छिपे अनुशासन, संयम और आत्मबल के मूल्यों को भी समझा। बच्चों ने कोचों की दिशा में कई व्यावहारिक अभ्यास किए और आत्मरक्षा के सिद्धांतों को व्यवहार में अपनाने का संकल्प लिया।
अभिभावकों ने भी विद्यालय की इस पहल की सराहना की और कहा कि ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम बच्चों के अंदर डर की जगह आत्मविश्वास पैदा करते हैं।
न्यूज़ देखो: आत्मरक्षा सिखाना, बच्चों को सशक्त बनाना
सिमडेगा के सेंट मेरीज़ स्कूल द्वारा आयोजित यह आत्मरक्षा शिविर न केवल शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार का उदाहरण है, बल्कि समाज में बच्चों की सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम भी है। ऐसे प्रशिक्षण बच्चों को मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत बनाते हैं, जिससे वे जीवन की चुनौतियों का सामना आत्मविश्वास के साथ कर सकें।
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सुरक्षा और आत्मबल से होगा मजबूत समाज
आत्मरक्षा केवल तकनीक नहीं, यह आत्मसम्मान और आत्मविश्वास की नींव है। आज के समय में हर बच्चे को सुरक्षा के इस ज्ञान से लैस होना चाहिए ताकि वे अपने साथ-साथ दूसरों की भी रक्षा कर सकें।
अब वक्त है कि हर विद्यालय इस पहल को अपनाए, ताकि हमारी अगली पीढ़ी भयमुक्त और सशक्त समाज का निर्माण कर सके।
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