
#विश्रामपुर #आवास_योजना : सरकारी राशि लेकर वर्षों से अधूरे आवासों पर प्रशासन ने दिखाई कड़ी सख्ती।
विश्रामपुर प्रखंड में अबुआ आवास योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लंबित निर्माण कार्यों को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार ने कई पंचायतों में घूमकर आवासों का स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान वर्षों से अधूरे पड़े आवासों और राशि लेकर निर्माण नहीं कराने वाले लाभुकों को कड़ा निर्देश दिया गया। यह कार्रवाई योजनाओं की पारदर्शिता और पात्र लाभुकों को समय पर आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई।
- विश्रामपुर बीडीओ राजीव कुमार ने पंचायतों में किया निरीक्षण।
- अबुआ आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना के लंबित मामलों की जांच।
- राशि लेकर वर्षों से आवास नहीं बनाने वालों को पैसा लौटाने या निर्माण पूरा करने का निर्देश।
- छह माह से अधिक लंबित आवासों को 15 दिन का अल्टीमेटम।
- नियमों की अनदेखी पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी।
विश्रामपुर प्रखंड क्षेत्र में सरकारी आवास योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर लंबे समय से शिकायतें सामने आ रही थीं। इन्हीं शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार ने स्वयं मोर्चा संभालते हुए कई पंचायतों का दौरा किया और अबुआ आवास योजना तथा प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत स्वीकृत आवासों की जमीनी हकीकत का जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान बीडीओ ने लाभुकों से सीधे संवाद कर आवास निर्माण की प्रगति की जानकारी ली। कई स्थानों पर यह सामने आया कि कुछ लाभुकों ने सरकारी राशि प्राप्त करने के बावजूद वर्षों से आवास का निर्माण शुरू नहीं किया है, जिससे योजना के उद्देश्य पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
वर्षों से अधूरे आवासों पर सख्त निर्देश
बीडीओ राजीव कुमार ने ऐसे सभी लाभुकों को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि जिन्होंने सरकार से राशि लेने के बाद भी अब तक आवास का निर्माण नहीं कराया है, वे या तो तत्काल निर्माण कार्य शुरू करें या फिर सरकारी राशि वापस करें। उन्होंने कहा कि यह राशि गरीबों के लिए है और इसका दुरुपयोग किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बीडीओ ने कहा कि जिन लाभुकों ने जानबूझकर लापरवाही बरती है, उनके विरुद्ध नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इससे यह संदेश गया कि अब केवल कागजों पर नहीं, बल्कि धरातल पर काम की समीक्षा होगी।
छह माह से अधिक लंबित आवासों को अल्टीमेटम
निरीक्षण के क्रम में कई ऐसे आवास भी सामने आए जो लगभग छह माह या उससे अधिक समय से अधूरे पड़े हैं। इस पर बीडीओ ने कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित लाभुकों को 15 दिनों के भीतर आवास पूर्ण करने का अल्टीमेटम दिया।
उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्धारित समय सीमा के भीतर निर्माण कार्य पूरा नहीं होने की स्थिति में कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसमें राशि वसूली, लाभ रद्द करने और अन्य दंडात्मक प्रावधान शामिल हो सकते हैं।
प्रशासन की मंशा स्पष्ट, लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त
बीडीओ राजीव कुमार ने कहा कि अबुआ आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना राज्य और केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं, जिनका उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सम्मानजनक आवास उपलब्ध कराना है। यदि कुछ लोग लापरवाही या जानबूझकर देरी कर रहे हैं, तो इससे वास्तविक जरूरतमंद वंचित रह जाते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रखंड प्रशासन लगातार निगरानी कर रहा है और आने वाले दिनों में और भी सघन जांच अभियान चलाया जाएगा, ताकि सभी स्वीकृत आवास समय पर पूर्ण हो सकें।
आवास समन्वयक की रही मौजूदगी
इस निरीक्षण अभियान के दौरान आवास कोऑर्डिनेटर अंकित श्रीवास्तव भी मौके पर उपस्थित रहे। उन्होंने लाभुकों को निर्माण प्रक्रिया, तकनीकी पहलुओं और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दी तथा जल्द से जल्द कार्य पूरा करने में सहयोग का भरोसा दिलाया।
लाभुकों में दिखा मिला-जुला असर
निरीक्षण के बाद कई लाभुकों में हलचल देखी गई। कुछ ने निर्माण कार्य जल्द शुरू करने की बात कही, तो वहीं कुछ ने तकनीकी या पारिवारिक कारणों का हवाला दिया। प्रशासन ने सभी मामलों में स्पष्ट किया कि उचित कारण होने पर मार्गदर्शन दिया जाएगा, लेकिन लापरवाही पर कोई रियायत नहीं मिलेगी।

न्यूज़ देखो: योजनाओं की सख्ती से बढ़ेगी पारदर्शिता
विश्रामपुर में बीडीओ द्वारा किया गया यह निरीक्षण यह दर्शाता है कि अब आवास योजनाओं में ढिलाई नहीं चलेगी। प्रशासन की सख्ती से न केवल लंबित आवास पूरे होंगे, बल्कि सरकारी धन के दुरुपयोग पर भी रोक लगेगी। यह कार्रवाई उन जरूरतमंद परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है, जो वर्षों से आवास की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
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जवाबदेही से ही बनेगा सबके लिए घर
सरकारी योजनाओं का लाभ तभी सार्थक है, जब वे समय पर और सही लोगों तक पहुंचें।
यदि आपके आसपास कोई आवास वर्षों से अधूरा है, तो जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
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