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रांची के निजी अस्पताल में नवजात की संदिग्ध मौत, डीसी ने दिए उच्चस्तरीय जांच के आदेश

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#Ranchi #Health : वेंटिलेटर पर घंटों रखने से बढ़ा विवाद — जिला प्रशासन ने बनाई जांच समिति
  • अरगोड़ा क्षेत्र के निजी अस्पताल में नवजात की संदिग्ध मौत से हंगामा।
  • परिजनों का आरोप — मृत्यु के बाद भी बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा गया
  • उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने घटना को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दिया।
  • तीन सदस्यीय जांच समिति गठित, जिसमें कार्यपालक दंडाधिकारी और विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल।
  • लापरवाही साबित होने पर अस्पताल प्रबंधन और चिकित्सकों पर कठोर कार्रवाई होगी।

रांची के अरगोड़ा स्थित एक निजी अस्पताल में नवजात शिशु की संदिग्ध मौत ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। परिजनों ने आरोप लगाया कि बच्चे की मौत होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने उसे कई घंटे तक वेंटिलेटर पर रखा और परिवार को सही जानकारी नहीं दी। इस आरोप के बाद अस्पताल परिसर में हंगामा खड़ा हो गया और मामला जिला प्रशासन तक पहुंच गया।

जिला प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच के आदेश दिए। रांची के उपायुक्त-सह-जिला दंडाधिकारी मंजूनाथ भजंत्री ने कहा कि इस मामले में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकता है।

जांच समिति का गठन और उसके कार्य

उपायुक्त ने तत्काल प्रभाव से एक तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। इस समिति में कार्यपालक दंडाधिकारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी और विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम शामिल की गई है।

समिति को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वह मामले की बिंदुवार जांच करे। जांच का दायरा निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल करेगा:

  • नवजात की वास्तविक मृत्यु का समय क्या था।
  • उपचार के दौरान आवश्यक चिकित्सकीय सावधानियां बरती गईं या नहीं।
  • वेंटिलेटर पर रखने की आवश्यकता क्यों बताई गई।
  • क्या परिजनों को समय पर और सही जानकारी दी गई थी।

उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने कहा: “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो। अगर अस्पताल प्रबंधन या चिकित्सकों की लापरवाही साबित होती है, तो नियमों के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

प्रशासन का सख्त रुख

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य सेवाओं में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं आम जनता के भरोसे को तोड़ती हैं और प्रशासन किसी भी सूरत में ऐसी चूक को नजरअंदाज नहीं करेगा।

जनता में बढ़ी नाराजगी

घटना के बाद अस्पताल के बाहर लोगों का जमावड़ा लग गया। परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन ने पैसे की लालच में मृत बच्चे को वेंटिलेटर पर रखा। इस आरोप ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है। स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग से भी कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

न्यूज़ देखो: पारदर्शी जांच ही बहाल करेगी विश्वास

यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं में जवाबदेही और पारदर्शिता की गंभीर आवश्यकता को उजागर करता है। नवजात की मौत सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक परिवार की भावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। जिला प्रशासन की त्वरित कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन यह सुनिश्चित करना होगा कि दोषियों को सख्त सजा मिले। हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

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