
#लातेहार #पर्यटन_विकास : जिला मुख्यालय के पास बन रहा नेचुरल पार्क लोगों को प्राकृतिक सुकून और पर्यटन का नया विकल्प दे रहा है।
लातेहार जिला मुख्यालय के तापा पहाड़ी की तलहटी में निर्माणाधीन नेचुरल पार्क अभी से ही पर्यटकों को आकर्षित करने लगा है। वन विभाग की पहल पर पहाड़ी को संरक्षित करते हुए यहां एक नया पर्यटन स्थल विकसित किया जा रहा है, जहां प्रतिदिन सैकड़ों लोग पहुंच रहे हैं। पहाड़ी की चोटी पर सनसेट व्यू प्वाइंट भी विकसित किया जा रहा है, जिससे नेतरहाट की तरह सूर्यास्त का मनोरम दृश्य देखा जा सकेगा। यह पार्क जिला मुख्यालय में लंबे समय से महसूस की जा रही पर्यटन स्थल की कमी को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
- तापा पहाड़ी की तलहटी में विकसित हो रहा है नेचुरल पार्क।
- निर्माण कार्य जारी रहने के बावजूद प्रतिदिन सैकड़ों पर्यटक पहुंच रहे।
- पहाड़ी की चोटी पर सनसेट व्यू प्वाइंट किया जा रहा है विकसित।
- वन विभाग द्वारा पेड़-पौधे और वाटर सोर्स का विकास।
- पार्क से पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण दोनों को मिलेगा बढ़ावा।
लातेहार जिला मुख्यालय के लोगों के लिए घूमने-फिरने का एक बड़ा और सुंदर स्थान अब आकार ले रहा है। तापा पहाड़ी क्षेत्र में बन रहा नेचुरल पार्क न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, बल्कि यह स्थानीय लोगों और बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। अभी पार्क का निर्माण कार्य पूरा भी नहीं हुआ है, इसके बावजूद यहां लोगों की आवाजाही लगातार बढ़ रही है।
लंबे समय से थी पर्यटन स्थल की कमी
लातेहार जिला मुख्यालय में लंबे समय तक ऐसा कोई स्थान नहीं था, जहां लोग अपने परिवार के साथ सुकून के पल बिता सकें। करीब पांच वर्ष पूर्व जिला प्रशासन द्वारा ललमटिया डैम को पार्क के रूप में विकसित किया गया था, जिससे कुछ हद तक यह कमी दूर हुई थी। लेकिन बाद में प्रशासनिक लापरवाही और रखरखाव के अभाव में ललमटिया डैम पार्क की स्थिति बदहाल हो गई।
इस कारण जिला मुख्यालय के लोगों को घूमने के लिए बेतला या नेतरहाट जैसे दूरस्थ पर्यटन स्थलों का रुख करना पड़ता था। इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए वन विभाग ने तापा पहाड़ी क्षेत्र को नेचुरल पार्क के रूप में विकसित करने की योजना तैयार की।
प्राकृतिक स्वरूप में किया जा रहा विकास
वन विभाग द्वारा तैयार की गई योजना के तहत तापा पहाड़ी क्षेत्र को पूरी तरह प्राकृतिक स्वरूप में विकसित किया जा रहा है। यहां विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे लगाए जा रहे हैं, जिससे हरियाली बढ़े और पर्यावरण संतुलन बना रहे। इसके साथ ही क्षेत्र में मौजूद वाटर सोर्स को भी विकसित किया जा रहा है, ताकि पार्क की प्राकृतिक सुंदरता और आकर्षण और बढ़ सके।
निर्माणाधीन पार्क में भी उमड़ रही भीड़
हालांकि पार्क का निर्माण कार्य अभी जारी है, इसके बावजूद यहां पर्यटकों की भारी भीड़ देखी जा रही है। रोजाना सैकड़ों लोग तापा पहाड़ी पहुंचकर प्राकृतिक वातावरण का आनंद ले रहे हैं। पहाड़ी, जंगल और खुला वातावरण लोगों को खासा आकर्षित कर रहा है।
पर्यटक हिमांशु कुमार ने कहा:
हिमांशु कुमार ने कहा: “तापा पहाड़ी का यह पार्क वाकई काफी आकर्षक है। लातेहार जिला मुख्यालय में पहले पर्यटन स्थल नहीं होने से काफी परेशानी होती थी, लेकिन अब यह कमी दूर हो रही है। यहां से सनसेट का नजारा देखना बेहद खास होगा।”
सनसेट व्यू प्वाइंट बनेगा खास पहचान
तापा पहाड़ी की चोटी पर सनसेट व्यू प्वाइंट को भी विकसित किया जा रहा है। यहां से पर्यटक नेतरहाट की तर्ज पर सूर्यास्त का मनोरम दृश्य देख सकेंगे। माना जा रहा है कि यह व्यू प्वाइंट भविष्य में लातेहार की नई पहचान बनेगा और दूर-दराज से पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
पहाड़ी संरक्षण भी मुख्य उद्देश्य
इस परियोजना का उद्देश्य केवल पर्यटन विकास नहीं, बल्कि तापा पहाड़ी का संरक्षण भी है। इस संबंध में लातेहार के डीएफओ प्रवेश अग्रवाल ने बताया:
डीएफओ प्रवेश अग्रवाल ने कहा: “नेचुरल पार्क के रूप में विकास से पहाड़ी को सुरक्षित रखा जा सकेगा। पूरे क्षेत्र की घेराबंदी कर दी गई है, ताकि पेड़ों की कटाई पूरी तरह रोकी जा सके। इसे प्राकृतिक रूप में ही विकसित किया जा रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि पार्क का विकास इस तरह किया जा रहा है कि पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे और आने वाली पीढ़ियों के लिए यह क्षेत्र सुरक्षित रह सके।
स्थानीय लोगों में बढ़ी उम्मीदें
तापा पहाड़ी नेचुरल पार्क के विकास से स्थानीय लोगों में काफी उत्साह है। लोगों का मानना है कि इससे न केवल मनोरंजन के साधन बढ़ेंगे, बल्कि स्थानीय रोजगार और पर्यटन आधारित गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
न्यूज़ देखो: पर्यटन और संरक्षण का संतुलित मॉडल
तापा पहाड़ी नेचुरल पार्क लातेहार के लिए एक संतुलित विकास मॉडल के रूप में उभर रहा है। यह परियोजना पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का भी उदाहरण पेश करती है। अब चुनौती होगी कि भविष्य में इसका रखरखाव बेहतर ढंग से किया जाए, ताकि यह ललमटिया डैम की तरह उपेक्षा का शिकार न हो।
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प्राकृतिक स्थलों का आनंद तभी स्थायी है, जब हम उन्हें सुरक्षित रखें।
तापा पहाड़ी जैसे पार्क लातेहार की पहचान बन सकते हैं।
पर्यटन के साथ पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी हम सभी की है।
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