
#लोहरदगा #धार्मिकआस्था : हैहयवंशीय क्षत्रिय कांस्यकार समाज ने हटिया गार्डेन में धूमधाम से आयोजित किया श्री सहस्त्राबाहु अर्जुन जी महाराज का जन्मोत्सव
- हैहयवंशीय क्षत्रिय कांस्यकार समाज, लोहरदगा द्वारा मनाया गया श्री राजराजेश्वर सहस्त्राबाहु अर्जुन जी महाराज का जन्मोत्सव।
- आयोजन 28 अक्टूबर 2025, मंगलवार को श्री दुर्गा मंदिर प्रांगण, हटिया गार्डेन में संपन्न हुआ।
- कार्यक्रम में विशेष पूजा-अर्चना, महाआरती और प्रसाद वितरण किया गया।
- पुरोहित श्री देवेंद्र पाठक ने भगवान की जीवनी कथा सभी श्रद्धालुओं को सुनाई।
- समाज के अनेक सदस्य जैसे रवि, श्रवण, धनंजय, कंचन, राहुल, सोनू, अमन, अक्षय कांस्यकार सहित दर्जनों लोग उपस्थित रहे।
लोहरदगा जिले में धार्मिक उत्साह और आस्था का प्रतीक बन चुका श्री राजराजेश्वर सहस्त्राबाहु अर्जुन जी महाराज का जन्मोत्सव इस वर्ष भी पूरे उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाया गया। हैहयवंशीय क्षत्रिय कांस्यकार समाज द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। मंगलवार को कार्तिक शुक्ल सप्तमी के पावन अवसर पर हटिया गार्डेन स्थित श्री दुर्गा मंदिर प्रांगण में भक्ति और भव्यता का अद्भुत संगम देखने को मिला।
भगवान सहस्त्राबाहु अर्जुन जी के जयघोष से गूंजा लोहरदगा
सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो गया था। फूलों से सजे मंदिर में भजन-कीर्तन के बीच सुदर्शन चक्र अवतारी भगवान श्री राजराजेश्वर सहस्त्राबाहु अर्जुन जी महाराज की प्रतिमा का विशेष पूजन किया गया। समाज के वरिष्ठजनों और युवा वर्ग ने पूरे श्रद्धा भाव से आरती में भाग लिया। दोपहर के बाद आयोजित महाआरती ने वातावरण को और भी दिव्य बना दिया।
जीवनी कथा और उपदेश से मिली आस्था की प्रेरणा
आयोजन के दौरान पुरोहित श्री देवेंद्र पाठक ने भगवान सहस्त्राबाहु अर्जुन जी महाराज की जीवनी कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि सहस्त्राबाहु अर्जुन जी का जन्म सत्य, न्याय और धर्म की रक्षा के लिए हुआ था। वे सुदर्शन चक्र के अवतार माने जाते हैं और उन्होंने समाज में धर्म की स्थापना के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
श्री देवेंद्र पाठक ने कहा: “भगवान सहस्त्राबाहु अर्जुन जी महाराज के जीवन से हमें त्याग, सत्य और परोपकार की प्रेरणा मिलती है। उनका जीवन हर युग में मानवता के लिए आदर्श है।”
कथा के दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान के चरणों में पुष्प अर्पित किए और आरती के पश्चात प्रसाद ग्रहण किया।
समाज के लोगों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में अध्यक्ष अक्षय कांस्यकार के नेतृत्व में समाज के सदस्यों ने एकजुट होकर आयोजन को सफल बनाया। उपस्थित प्रमुख लोगों में रवि कांस्यकार, श्रवण कांस्यकार, धनंजय कांस्यकार, कंचन कांस्यकार, राहुल कांस्यकार, सोनू कांस्यकार, अमन कांस्यकार, श्यामदास कांस्यकार, सुमित कांस्यकार, राकेश कांस्यकार, भीम कांस्यकार, महेश कांस्यकार, ओमप्रकाश कांस्यकार, डॉ. ओमप्रकाश कांस्यकार, प्रदीप कांस्यकार, गौरव हैहयवंशी, अखिलेश कांस्यकार, सूरज कांस्यकार, हर्ष कांस्यकार और सुभाष कांस्यकार प्रमुख रूप से शामिल रहे।
इन सभी ने मिलकर भक्ति भाव और एकता की मिसाल पेश की। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण हुआ और समाज के लोगों ने एक-दूसरे को शुभकामनाएँ दीं।
धार्मिक उत्सव में एकता और सांस्कृतिक गौरव का प्रदर्शन
यह आयोजन न केवल धार्मिक श्रद्धा का प्रतीक बना बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का भी संदेश लेकर आया। उपस्थित श्रद्धालुओं ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज में धर्म, संस्कार और एकजुटता की भावना को मजबूत करते हैं। हर वर्ग के लोगों ने मिलकर भगवान के जयकारे लगाए और लोहरदगा में अध्यात्म का माहौल व्याप्त हो गया।
अध्यक्ष अक्षय कांस्यकार ने कहा: “हमारा उद्देश्य सिर्फ पूजा-अर्चना नहीं बल्कि समाज में एकता और अपने पूर्वजों की गौरवशाली परंपरा को जीवित रखना है।”
न्यूज़ देखो: आस्था के संग समाजिक एकता का संगम
श्री राजराजेश्वर सहस्त्राबाहु अर्जुन जी महाराज का जन्मोत्सव लोहरदगा में सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि समाजिक एकता और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक बन गया। इस आयोजन ने साबित किया कि जब समाज अपने पूर्वजों की परंपरा और संस्कृति से जुड़ता है, तब न केवल श्रद्धा बल्कि सामाजिक शक्ति भी बढ़ती है।
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धर्म और एकता के संग आगे बढ़े समाज
भक्ति और परंपरा का यह संगम आने वाली पीढ़ियों को अपनी जड़ों से जोड़ने की प्रेरणा देता है। हमें चाहिए कि ऐसे आयोजनों में बढ़-चढ़कर भाग लें, ताकि हमारी सांस्कृतिक विरासत जीवित रहे।
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