
#बरवाडीह #ठंडसेपरेशानी : तापमान में गिरावट से गरीब-असहाय बेहाल, प्रशासनिक इंतज़ार जारी
- बरवाडीह में पिछले तीन-चार दिनों से बढ़ी ठंड से जनजीवन प्रभावित।
- सरकारी कम्बल वितरण और अलाव की व्यवस्था पूरी तरह नदारद।
- गरीब और असहाय लोग खुले आसमान तले ठिठुर रहे हैं।
- धूप में थोड़ी राहत, लेकिन रात में गलन से हालात बदतर।
- बीडीओ रेशमा रेखा मिंज ने कहा – कम्बल आपूर्ति के बाद वितरण शुरू होगा।
लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड में ठंड ने अचानक जोर पकड़ लिया है। बीते तीन-चार दिनों से तापमान में गिरावट के साथ गलन बढ़ने लगी है, जिससे गरीब और असहाय लोग ठिठुरन से बेहाल हैं। बाजार, मोहल्लों और सड़कों पर सुबह-शाम सन्नाटा छा जाता है। धूप निकलने पर कुछ राहत मिलती है, मगर शाम ढलते ही ठंड के तेवर तीखे हो जाते हैं।
ठंड से कांपते लोग, सरकारी व्यवस्था लापता
गांव और कस्बों में अलाव की कोई व्यवस्था नहीं है। प्रशासन की ओर से न तो कम्बल वितरण शुरू हुआ है और न ही चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। गरीब तबका सबसे अधिक प्रभावित है, जिनके पास न पर्याप्त गर्म कपड़े हैं, न ही ढंग का ओढ़ने का सामान।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल ठंड की शुरुआत में प्रशासनिक इंतज़ाम का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत में व्यवस्था जमीन पर नहीं दिखती। इस साल भी हालात वैसे ही हैं।
एक स्थानीय निवासी ने कहा: “ठंड ने दस्तक दे दी है, पर अब तक न कम्बल मिला, न कहीं अलाव जलते दिखे। गरीब लोग ठंड से कांप रहे हैं।”
मॉर्निंग वॉक बंद, लोग जल्दी घर लौट रहे
बढ़ती ठंड के कारण सुबह की सैर करने वाले लोग भी अब घरों में दुबके रहने लगे हैं। सुबह-सुबह धुंध और ठंडी हवाओं के चलते सड़कों पर सन्नाटा रहता है। बाजारों में भी शाम होते ही लोग जल्दी-जल्दी खरीदारी निपटाकर घर लौट जाते हैं।
प्रशासन का दावा – कम्बल मिलते ही होगी राहत
बरवाडीह की बीडीओ रेशमा रेखा मिंज ने ठंड से राहत के सवाल पर बताया कि कम्बल की आपूर्ति सरकार से अभी तक नहीं हुई है।
बीडीओ रेशमा रेखा मिंज ने कहा: “जैसे ही कम्बल की आपूर्ति होगी, तत्काल गरीब और असहाय लोगों के बीच वितरण शुरू कर दिया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है और आपूर्ति मिलते ही प्राथमिकता के आधार पर वितरण अभियान चलाया जाएगा।
लोगों की मांग – तुरंत शुरू हो अलाव और राहत अभियान
स्थानीय लोगों की मांग है कि नगर पंचायत और प्रखंड प्रशासन जल्द से जल्द चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था करे। साथ ही, जिन परिवारों के पास गर्म कपड़ों की कमी है, उन्हें शीघ्र कम्बल और ऊनी वस्त्र उपलब्ध कराए जाएं।
कई ग्रामीणों ने कहा कि ठंड के बढ़ने से पहले राहत सामग्री का वितरण शुरू होना चाहिए था, ताकि किसी को कड़ाके की ठंड में मुश्किलों का सामना न करना पड़े।
न्यूज़ देखो: ठंड बढ़ी, प्रशासन की रफ्तार धीमी
बरवाडीह में ठंड बढ़ चुकी है, लेकिन राहत इंतज़ाम कछुआ गति से आगे बढ़ रहे हैं। प्रशासनिक योजनाएँ तब असरदार होती हैं जब ज़मीनी स्तर पर समय रहते लागू की जाएं। अगर जल्द व्यवस्था नहीं की गई, तो गरीब तबके के लिए यह ठंड एक बड़ी चुनौती बन सकती है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
सर्दी बढ़ी, जिम्मेदारी भी बढ़े
ठंड से ठिठुरते गरीबों के लिए एक कंबल भी जीवनदान साबित हो सकता है।
आइए, प्रशासन के इंतज़ार से पहले हम सब मिलकर ज़रूरतमंदों की मदद करें।
स्थानीय समाजसेवियों, युवाओं और संगठनों को आगे आना चाहिए ताकि कोई भी व्यक्ति ठंड में असहाय न रहे।
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क्योंकि ठंड का मुकाबला केवल कपड़ों से नहीं, सामाजिक संवेदनशीलता से भी होता है।




