Gumla

परमवीर की धरती पर शिक्षा की बदहाली! जारी प्रखंड के स्कूल जर्जर, विभाग बेखबर

Join News देखो WhatsApp Channel
#जारी #शिक्षा व्यवस्था : अल्बर्ट एक्का की भूमि पर जर्जर भवनों में हो रही पढ़ाई — छात्र खतरे में, शिक्षा विभाग मौन
  • राजकीय मध्य विद्यालय कमलपुर, प्राथमिक विद्यालय गोविंदपुर, मध्य विद्यालय तिलहाईटोली समेत कई विद्यालयों की भवनें पूरी तरह जर्जर
  • छत से टपकता पानी, दीवारों से निकली छड़ें, कक्षा में बैठने तक की सुविधा नहीं
  • स्थानीय ग्रामीणों ने कई बार शिक्षा विभाग को किया सूचित, पर अब तक नहीं हुई कार्रवाई
  • परमवीर अल्बर्ट एक्का और डॉ. सोनाझरिया मिंज की धरती पर शिक्षा का यह हाल गंभीर चिंता का विषय
  • प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी प्रीति कुजूर ने दिया सर्वे और मरम्मत का आश्वासन

जर्जर इमारतों में जान हथेली पर रख पढ़ाई

जारी प्रखंड, जिसे परमवीर अल्बर्ट एक्का और UNESCO की को-चेयरपर्सन डॉ. सोनाझरिया मिंज की कर्मभूमि के रूप में जाना जाता है, वहां की शिक्षा व्यवस्था बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी है। प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय कमलपुर, प्राथमिक विद्यालय गोविंदपुर, राजकीय मध्य विद्यालय तिलहाईटोली, +2 उच्च विद्यालय जारी सहित दर्जनों विद्यालयों की इमारतें जर्जर हो चुकी हैं।

कई स्कूलों की दीवारों से छड़ें बाहर निकल चुकी हैं, छत से पानी टपक रहा है, जिससे कक्षा में बैठना भी जोखिम भरा हो गया है। कुछ स्कूलों में बारिश के दिनों में पानी भर जाता है, जिससे छात्र भीगती दीवारों के बीच जान हथेली पर रखकर पढ़ने को मजबूर हैं।

विभाग को दी गई जानकारी, लेकिन कार्रवाई नहीं

स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि वे कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मौखिक और लिखित रूप से स्थिति की गंभीरता से अवगत करा चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। ग्रामीणों ने चिंता जताई है कि यदि जल्द मरम्मती कार्य शुरू नहीं हुआ, तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

गोविंदपुर निवासी अनिल टोप्पो ने कहा: “हमारे बच्चों के लिए शिक्षा मंदिर बनना चाहिए, लेकिन यहाँ तो मंदिर की छत भी गिरने को तैयार है।”

जनता पूछ रही है सवाल

जारी जैसे गौरवशाली क्षेत्र में जब शिक्षा का यह हाल है, तो सवाल उठना लाजिमी है:

“क्या यह वही भूमि है, जिसकी पहचान परमवीर अल्बर्ट एक्का के बलिदान और डॉ. मिंज जैसी शैक्षणिक विभूतियों से होती है?”

“क्या सरकारी स्कूलों की दुर्दशा स्थायी बन चुकी है?”

उठ रही हैं ये तीन बड़ी मांगें

  1. प्रखंड के सभी विद्यालयों का तत्काल निरीक्षण किया जाए।
  2. जर्जर भवनों की मरम्मत अविलंब शुरू की जाए।
  3. छात्रों को सुरक्षित और सम्मानजनक शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराया जाए।

विभाग की प्रतिक्रिया: जल्द होगा सर्वे

इस मुद्दे पर जब प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी प्रीति कुजूर से बात की गई तो उन्होंने भरोसा दिलाया कि:

प्रीति कुजूर ने कहा: “प्रखंड के सभी विद्यालयों का सर्वे जल्द किया जाएगा और आवश्यकता अनुसार मरम्मत कार्य शुरू कराया जाएगा।”

हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि आश्वासन काफी नहीं, अब उन्हें ठोस कार्रवाई की दरकार है।

न्यूज़ देखो: शिक्षा व्यवस्था पर सन्नाटा क्यों?

‘न्यूज़ देखो’ इस गंभीर मुद्दे को उजागर करते हुए यह सवाल उठाता है कि जब शिक्षा जैसे बुनियादी अधिकार को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सरकार की है, तो फिर स्कूलों की दीवारें कब तक चुपचाप गिरती रहेंगी? जारी की यह स्थिति केवल एक प्रखंड की नहीं, बल्कि झारखंड के शिक्षा तंत्र की सच्चाई भी उजागर करती है।

हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

चलिए साथ मिलकर सोचें और बदलाव लाएं

शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है, और सुरक्षित शिक्षा उसका न्यूनतम हक़। अगर आप भी इस खबर से जुड़े हैं या आपके क्षेत्र में भी ऐसी कोई स्थिति है, तो हमें बताएं। इस लेख को अपने दोस्तों, शिक्षक साथियों और समाजसेवियों के साथ ज़रूर साझा करें।

यह खबर आपके लिए कितनी महत्वपूर्ण थी?

रेटिंग देने के लिए किसी एक स्टार पर क्लिक करें!

इस खबर की औसत रेटिंग: 5 / 5. कुल वोट: 1

अभी तक कोई वोट नहीं! इस खबर को रेट करने वाले पहले व्यक्ति बनें।

चूंकि आपने इस खबर को उपयोगी पाया...

हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें!

IMG-20250723-WA0070
IMG-20250604-WA0023 (1)
Radhika Netralay Garhwa
20250923_002035
IMG-20250610-WA0011
IMG-20250925-WA0154
1000264265
Engineer & Doctor Academy
आगे पढ़िए...

नीचे दिए बटन पर क्लिक करके हमें सोशल मीडिया पर फॉलो करें

Related News

Back to top button
error: