
#सिमडेगा #तामड़ा_जतरा : अघन पंचमी के अवसर पर दो दिवसीय पारंपरिक जतरा मेला विधि-विधान से शुरू—प्रशासन ने संस्कृति संरक्षण और सुरक्षा की की अपील
- तामड़ा पंचायत में दो दिवसीय अघन पंचमी तामड़ा जतरा की शुरुआत पारंपरिक पूजा और रिबन काटकर की गई।
- मुख्य अतिथि उपायुक्त कंचन सिंह और पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी ने जतरा का विधिवत शुभारंभ किया।
- पहान सोमारू खड़िया और सुकरु खड़िया ने ग्राम देवी की पूजा कर समृद्धि और अच्छी फसल की कामना की।
- सांस्कृतिक नृत्य प्रतियोगिता में पांच मंडलियों ने भाग लिया—सावनाटोली प्रथम, कोंगसेरा द्वितीय और ऊपर खोइर तृतीय स्थान पर रहीं।
- मेला परिसर में बच्चों के लिए झूले, मनोरंजन सामग्री और दूर-दराज से आए दुकानदारों की आकर्षक दुकानें सजी रहीं।
- आयोजन समिति के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों ने मेले को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
तामड़ा पंचायत में आयोजित ऐतिहासिक अघन पंचमी तामड़ा जतरा का शुभारंभ मंगलवार को पारंपरिक विधियों के साथ किया गया, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। यह जतरा 112 वर्षों से क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। पूजा, नृत्य, प्रतियोगिताओं और मनोरंजन से भरे इस मेले में प्रशासन और स्थानीय समिति ने मिलकर सभी व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया। पहान द्वारा पूजा से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उद्घाटन तक, हर क्षण में परंपरा और आधुनिक प्रबंधन का सुंदर समन्वय दिखाई दिया।
पूजा, परंपरा और विधिवत शुभारंभ
अघन पंचमी के अवसर पर तामड़ा पंचायत में लगने वाला यह ऐतिहासिक जतरा मेला मंगलवार सुबह पूजा-अर्चना के साथ आरंभ हुआ। गांव के पहान सोमारू खड़िया और सुकरु खड़िया ने पारंपरिक विधि से ग्राम देवी की पूजा संपन्न की और क्षेत्र में सुख-समृद्धि तथा उत्तम फसल की कामना की। पूजा के बाद मुख्य अतिथियों—उपायुक्त कंचन सिंह, पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी, एसडीओ प्रभात रंजन ज्ञानी और एसडीपीओ बैजू उरांव—ने रिबन काटकर मेला का औपचारिक शुभारंभ किया।
समिति अध्यक्ष कुबेर कैथवार ने सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया, जबकि सिमडेगा पत्रकार संघ के अध्यक्ष आशीष शास्त्री ने जज की भूमिका निभाई।
सांस्कृतिक नृत्य प्रतियोगिता और कलाकारों का प्रदर्शन
शुभारंभ के तुरंत बाद पारंपरिक सांस्कृतिक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें पांच नृत्य मंडलियों ने भाग लिया। सावनाटोली की टीम ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि कोंगसेरा की टीम दूसरे और ऊपर खोइर की टीम तीसरे स्थान पर रही।
यह प्रतियोगिता न केवल स्थानीय संस्कृति का प्रदर्शन थी बल्कि युवाओं और कलाकारों के उत्साह का जीवंत उदाहरण भी बनी।
उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा
उद्घाटन समारोह में उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा कि यह मेला 112 वर्षों की परंपरा को जीवित रखते हुए लगातार भव्य रूप में आयोजित किया जा रहा है, जो सराहनीय है।
उपायुक्त कंचन सिंह ने कहा: “भगवान राम और माता जानकी के विवाह पंचमी पर आयोजित यह मेला सभी समुदायों को जोड़ता है। पर्यटन संवर्धन समिति की सूची में यह मेला शामिल है और जल्द ही सरकार की ओर से इसे संरक्षण देने की पहल होगी।”
पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी ने लोगों को सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी ने कहा: “सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद लें लेकिन सुरक्षा का ध्यान रखें। किसी भी प्रकार की परेशानी आने पर तुरंत प्रशासन से सहयोग लें।”
मेला परिसर में मनोरंजन और भीड़
मेला स्थल पर बच्चों और युवाओं के लिए कई तरह के मनोरंजन साधन उपलब्ध थे—बिजली झूला, ब्रेक डांस, ड्रैगन राइड, नाव झूला, जंपिंग मिकी माउस, खिलौने, मिठाइयाँ, सजावटी सामान और कपड़ों की दुकानें।
दूर-दराज़ से आए दुकानदारों की उपस्थिति ने मेले की रौनक को और बढ़ा दिया। हजारों की संख्या में पहुंचे लोग पूरे दिन मेले का आनंद लेते दिखाई दिए। मंगलवार रात 8 बजे से झारखंड के कई बड़े कलाकार रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे, जबकि बुधवार सुबह कार्यक्रम के समापन के साथ दो दिवसीय मेला समाप्त होगा।
आयोजन समिति की पूरी टीम रही सक्रिय
जतरा मेला को सफल बनाने के लिए आयोजन समिति के सभी पदाधिकारी और सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्य संरक्षक—शखी ग्वाला, हीरा राम लाल महतो
अध्यक्ष—कुबेर कैथवार
उपाध्यक्ष—संतोष साहू, राहुल मिश्रा, विकास साहू
सचिव—राहुल कैथवार, छोटा साहू
अन्य पदाधिकारी—सुभाष कैथवार, ब्रजनाथ कैथवार, अरविंद कैथवार, मुकेश गोप, किशोर माझी
संरक्षक—मनोज सिंह, शत्रुघ्न श्रीवास्तव, फूलचंद ठाकुर, जितेंद्र पुरी, मुकेश मिश्रा, अशोक गुप्ता, अशोक केशरी, विजय केशरी
मीडिया प्रभारी—अमन मिश्रा और राजन सिंह
सभी ने मिलकर इस आयोजन को सुव्यवस्थित रूप से संपन्न कराने के लिए दिन-रात मेहनत की।

न्यूज़ देखो: परंपरा, प्रशासन और जनभागीदारी का बड़ा संगम
तामड़ा जतरा का आयोजन दिखाता है कि जब प्रशासन और समाज एक साथ खड़े हों तो परंपराएं न केवल जीवित रहती हैं बल्कि और मजबूत होती हैं। मेला स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देता है और सांस्कृतिक पहचान को नई पीढ़ी तक पहुंचाता है।
प्रशासन द्वारा सुरक्षा और संरक्षण की पहल सराहनीय है, लेकिन संरचनात्मक समर्थन और प्रचार को और बढ़ाने की जरूरत है।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।
संस्कृति से जुड़ें, समाज को आगे बढ़ाएं
अघन पंचमी तामड़ा जतरा जैसे आयोजन हमें अपनी जड़ों और परंपराओं से जोड़ते हैं। ऐसे आयोजनों में आपकी भागीदारी ही इन्हें जीवित रखती है। जब समाज एक साथ खड़ा होता है, तब ही संस्कृति सहेजी जाती है और नई पीढ़ी तक गर्व के साथ पहुंचती है।
अब समय है कि हम सब अपनी परंपराओं के संरक्षण में अपनी भूमिका निभाएं।
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