
#मेदिनीनगर #पर्यावरण_सेवा : चौथी पीढ़ी के जन्मोत्सव को पर्यावरण धर्म और मानवीय सेवा से जोड़ा गया।
पलामू जिले के मेदिनीनगर में पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सेवा का अनूठा उदाहरण उस समय देखने को मिला, जब डॉ कौशल किशोर जायसवाल ने अपने सुपौत्र के जन्मोत्सव को पौधा दान और कंबल वितरण के साथ मनाया। यह दो दिवसीय आयोजन बाईपास रोड स्थित पर्यावरण भवन और जेएमपी परिसर में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में देश-विदेश से हजारों अतिथि शामिल हुए। जन्मोत्सव को पर्यावरण धर्म और मानव कल्याण से जोड़कर समाज को सकारात्मक संदेश दिया गया।
- जायसवाल अद्विक प्रताप देव के जन्मोत्सव पर दो दिवसीय कार्यक्रम।
- डॉ कौशल किशोर जायसवाल ने पौधा दान और कंबल वितरण किया।
- नेपाल, भूटान सहित कई राज्यों से पहुंचे हजारों अतिथि।
- पर्यावरण भवन के आकाश बाग में सामूहिक पौधारोपण।
- सामाजिक सेवा और पर्यावरण संरक्षण का दिया गया संदेश।
पलामू जिले के मेदिनीनगर शहर में एक जन्मोत्सव ऐसा भी रहा, जिसने परंपरा से हटकर समाज को नई दिशा देने का कार्य किया। शहर के बाईपास रोड स्थित पर्यावरण भवन और जेएमपी परिसर में आयोजित इस दो दिवसीय जन्मोत्सव कार्यक्रम में उत्सव, आशीर्वाद और सेवा तीनों का अद्भुत संगम देखने को मिला।
यह आयोजन प्रो. अरुण के पुत्र और डॉ कौशल किशोर जायसवाल के सुपौत्र जायसवाल अद्विक प्रताप देव के जन्मोत्सव के अवसर पर किया गया। इस अवसर को परिवार ने केवल निजी खुशी तक सीमित न रखकर पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ा।
पर्यावरण धर्म के साथ जन्मोत्सव की शुरुआत
जन्मोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन केक काटकर किया गया, जिसके बाद पर्यावरण भवन स्थित आकाश बाग में सामूहिक पौधारोपण का आयोजन हुआ। डॉ कौशल किशोर जायसवाल ने स्वयं पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया और देश-विदेश से आए अतिथियों को पौधा भेंट कर ‘पौधा दान’ किया।
डॉ कौशल किशोर जायसवाल ने कहा:
“आज के समय में जन्मोत्सव तभी सार्थक है, जब हम प्रकृति और समाज के लिए कुछ करें। पौधा दान आने वाली पीढ़ी के लिए जीवन का उपहार है।”
देश-विदेश से उमड़ा आशीर्वाद का सैलाब
इस जन्मोत्सव की खास बात यह रही कि इसमें नेपाल, भूटान सहित देश के दर्जनों राज्यों से हजारों लोग शामिल हुए। सभी अतिथियों ने नवजात अद्विक प्रताप देव को आशीर्वाद दिया और उसके उज्ज्वल भविष्य व दीर्घायु की कामना की।
कार्यक्रम में शामिल अतिथियों में पर्यावरणविद, सामाजिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि और बुद्धिजीवी वर्ग के लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम ने एक पारिवारिक आयोजन को सामाजिक उत्सव में बदल दिया।
जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण
जन्मोत्सव के अवसर पर जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण भी किया गया। ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए डॉ कौशल किशोर जायसवाल और पार्षद अमित जायसवाल ने गरीब और असहाय लोगों को कंबल प्रदान किए।
इस पहल से स्थानीय लोगों में खुशी देखी गई। जरूरतमंदों ने इसे मानवीय संवेदना से जुड़ा कार्य बताते हुए आयोजकों का आभार व्यक्त किया।
चौथी पीढ़ी के स्वागत का अनूठा अंदाज
यह आयोजन मोहनलाल खुर्जा और पार्वती देवी की चौथी पीढ़ी के स्वागत का प्रतीक बना। परिवार ने परंपरागत उत्सव के साथ-साथ सामाजिक दायित्व निभाकर उदाहरण प्रस्तुत किया कि खुशियों को समाज और प्रकृति के साथ साझा करना ही सच्चा उत्सव है।
पर्यावरणविदों ने इस आयोजन को पर्यावरण धर्म का व्यावहारिक स्वरूप बताया और कहा कि ऐसे आयोजनों से समाज में सकारात्मक सोच विकसित होती है।
सामाजिक और पर्यावरणीय संदेश
कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि आज जब पर्यावरण संकट गहराता जा रहा है, तब इस तरह के आयोजन लोगों को प्रकृति से जोड़ने का काम करते हैं। जन्म, विवाह या अन्य उत्सवों को पौधारोपण और सेवा कार्यों से जोड़ना समाज के लिए प्रेरणादायक है।
पर्यावरण भवन परिसर में लगाए गए पौधे आने वाले वर्षों में इस जन्मोत्सव की स्मृति के रूप में जीवित रहेंगे और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते रहेंगे।
न्यूज़ देखो: जब उत्सव बने समाज के लिए उदाहरण
मेदिनीनगर का यह जन्मोत्सव बताता है कि निजी खुशियों को सामाजिक सरोकार से जोड़कर बड़ा संदेश दिया जा सकता है। डॉ कौशल किशोर जायसवाल की पहल पर्यावरण संरक्षण और मानवीय सेवा की दिशा में अनुकरणीय है। ऐसे प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव की नींव रखते हैं।
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जब हर उत्सव में एक पौधा लगे और एक जरूरतमंद की मदद हो, तभी समाज आगे बढ़ेगा।
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