
#डुमरी #त्योहार : भाईचारे और आस्था का अद्भुत संगम
- रक्षाबंधन का पर्व डुमरी प्रखंड में हर्षोल्लास से मनाया गया।
- भाई-बहन के प्रेम का संदेश घर-घर पहुंचा।
- डुमरी बाजार में राखी और मिठाइयों की जोरदार बिक्री हुई।
- पुलिसकर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को राखी बांधने का आयोजन हुआ।
- बाबा टांगीनाथ धाम में जलाभिषेक और पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
डुमरी प्रखंड में इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व खास अंदाज में मनाया गया, क्योंकि यह सावन माह के अंतिम दिन मनाया जाता है। एक ओर बहनों ने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर प्रेम और विश्वास का संदेश दिया, वहीं दूसरी ओर बाबा टांगीनाथ धाम में शिवभक्ति का अनूठा माहौल देखने को मिला। इस संगम ने पूरे क्षेत्र में भाईचारे और आस्था की नई मिसाल पेश की।
सुबह से रौनक, पूजा और राखी बांधने का सिलसिला
सुबह से ही डुमरी प्रखंड के गांव-गांव में त्योहार की चहल-पहल दिखी। बहनों ने स्नान-पूजन कर पूजा की थाली में राखी, अक्षत, रोली, दीपक और मिठाई सजाई। भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर, आरती उतारी और कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना की। बदले में भाइयों ने उपहार देकर बहनों को जीवनभर रक्षा का वचन दिया।
बाजारों में रही जबरदस्त चहल-पहल
रक्षाबंधन से एक दिन पहले से ही डुमरी बाजार में रौनक बढ़ गई थी। राखी, मिठाई, उपहार और सजावटी सामान की दुकानों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। स्थानीय कारीगरों ने पारंपरिक और आधुनिक डिजाइन की राखियां तैयार कीं, जिनकी अच्छी बिक्री हुई। मिठाइयों की दुकानों से निकलती खुशबू पूरे बाजार को महका रही थी।
सामुदायिक कार्यक्रम और विशेष आयोजन
कई विद्यालयों और महिला मंडलों ने रक्षाबंधन के अवसर पर विशेष कार्यक्रम किए। बहनों ने पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को राखी बांधकर उनके योगदान के प्रति आभार जताया। डुमरी थाना परिसर में सरस्वती शिशु मंदिर की बहनों ने अधिकारियों और जवानों को राखी बांधकर त्योहार की गरिमा को और बढ़ा दिया।
सावन के अंतिम सोमवार पर शिवभक्ति का सागर
इसी दिन सावन माह का अंतिम सोमवार होने के कारण प्रखंड के विभिन्न इलाकों से श्रद्धालु बाबा टांगीनाथ धाम पहुंचे। सुबह से ही मंदिर परिसर में जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और विशेष पूजा-अर्चना का क्रम जारी रहा। भक्तों ने अपने परिवार और समाज की खुशहाली की कामना की। “बोल बम” के जयकारों और भक्ति गीतों से पूरा धाम शिवमय हो गया। कई कांवड़िए गंगाजल और पवित्र जल लेकर बाबा के दरबार में पहुंचे।
भाईचारे और आस्था का अद्भुत संगम
रक्षाबंधन और सावन के अंतिम सोमवार का यह संगम डुमरी प्रखंड के लिए खास बन गया। एक ओर भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने वाली परंपरा निभाई गई, तो दूसरी ओर शिवभक्ति में लीन होकर लोगों ने आध्यात्मिक संतोष पाया। यह दिन प्रेम, आस्था और एकता का प्रेरक उदाहरण बन गया।



न्यूज़ देखो: त्योहार और भक्ति का मिला-जुला संदेश
डुमरी प्रखंड में रक्षाबंधन और सावन के अंतिम सोमवार का संगम यह साबित करता है कि त्योहार केवल रस्म नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने वाली डोर हैं। आस्था और भाईचारे के इस मेल ने पूरे क्षेत्र में सकारात्मकता फैलाई।
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सजग नागरिकता से ही मजबूत होगा समाज
त्योहार हमें न केवल अपनी परंपराओं से जोड़ते हैं, बल्कि समाज में प्रेम और एकता भी बढ़ाते हैं। आइए हम ऐसे अवसरों को अपने रिश्तों और सामाजिक मूल्यों को मजबूत करने में लगाएं। इस खबर पर अपनी राय जरूर दें और इसे अपने प्रियजनों के साथ साझा करें।