
#सिमडेगा #बिरसा_जयंती : नगर भवन परिसर में उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक सहित अधिकारियों ने बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दी भावपूर्ण श्रद्धांजलि
- सिमडेगा नगर भवन परिसर में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित।
- उपायुक्त कंचन सिंह, पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी सहित कई अधिकारियों ने माल्यार्पण किया।
- वीर स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों की प्रतिमाओं पर भी पुष्पांजलि अर्पित की गई।
- बिरसा मुंडा को स्वतंत्रता संघर्ष और आदिवासी अस्मिता का अमर प्रतीक बताया गया।
- अधिकारियों ने समाज में सांस्कृतिक गौरव, परंपरा और समर्पण की भावना को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
सिमडेगा में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर पुरा जिला श्रद्धा और सम्मान के वातावरण से सराबोर रहा। जयंती के अवसर पर नगर भवन परिसर स्थित बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर सामूहिक श्रद्धांजलि समारोह आयोजित किया गया, जिसमें उपायुक्त श्रीमती कंचन सिंह, पुलिस अधीक्षक एम. अर्शी, उप विकास आयुक्त दीपांकर चौधरी, अनुमंडल पदाधिकारी, एलआरडीसी, जिला जन-संपर्क पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों ने भाग लिया। सभी उपस्थित अधिकारियों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर इस महानायक के प्रति गहरी भावनाएं व्यक्त कीं।
बिरसा मुंडा को आदिवासी अस्मिता और स्वतंत्रता संघर्ष का अनंत प्रेरणास्रोत बताया गया
उपायुक्त कंचन सिंह ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा आदिवासी अस्मिता और स्वतंत्रता संघर्ष के अमर प्रतीक हैं, जिनके आदर्श आज भी समाज को नई दिशा देने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन संघर्ष, सामाजिक चेतना और आत्मसम्मान की भावना आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा का उजला स्रोत है।
महापुरुषों और वीर स्वतंत्रता सेनानियों को भी नमन
कार्यक्रम के दौरान बिरसा मुंडा के साथ-साथ कई महान स्वतंत्रता सेनानियों और महापुरुषों को भी याद किया गया। वीरू बुधु भगत, बाबू कुंवर सिंह, रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, डॉ. भीमराव अंबेडकर, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, और शहीद तेलंगाना खड़िया की प्रतिमाओं पर भी अधिकारियों ने माल्यार्पण कर नमन किया।
अधिकारियों ने कहा कि इन महापुरुषों के संघर्ष, त्याग और योगदान के कारण ही देश आज स्वतंत्रता, संस्कृति, परंपरा और विकास के मार्ग पर अग्रसर है।
सामाजिक समर्पण और सांस्कृतिक उत्तरदायित्व को आगे बढ़ाने का संदेश
कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने समाज में सांस्कृतिक समर्पण, आदिवासी परंपरा के संरक्षण और सामाजिक उत्तरदायित्व को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि सभी महापुरुषों के मूल्यों को अपनाकर ही एक सशक्त, समावेशी और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध समाज का निर्माण संभव है।

न्यूज़ देखो: सांस्कृतिक पहचान और आदिवासी गौरव को मजबूत करने की सार्थक पहल
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित यह श्रद्धांजलि कार्यक्रम न सिर्फ सम्मान का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक चेतना और सामुदायिक जागरूकता को आगे बढ़ाने की महत्वपूर्ण पहल भी है। ऐसे आयोजन समाज को अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और नई पीढ़ी को प्रेरणा देते हैं।
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परंपरा का सम्मान, भविष्य का निर्माण—बिरसा मुंडा के आदर्श मार्गदर्शन देते हैं
आज आवश्यकता है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हुए बिरसा मुंडा के विचारों और संघर्ष से प्रेरणा लें। जागरूक समाज ही मजबूत राष्ट्र का आधार बन सकता है। अपने विचार कमेंट करें और इस ख़बर को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं ताकि प्रेरणा और जागरूकता दोनों फैल सके।





