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अज्ञात महिला का देवनद तट पर हुआ अंतिम संस्कार, युवा भारत चंदवा ने निभाया मानवता का फर्ज

#चंदवा #मानवता : दुर्गंध फैलने के बाद सामाजिक संगठन आगे आया, सम्मानपूर्वक कराया अंतिम संस्कार
  • टूढ़ामू के महुआफील्ड के पास रह रही अज्ञात विक्षिप्त महिला की मौत के बाद शव से फैलने लगी दुर्गंध।
  • स्थानीय लोगों की सूचना पर सामाजिक संगठन युवा भारत चंदवा ने उठाया मानवता का कदम।
  • संगठन ने थाना प्रभारी से अनुमति लेकर महिला का देवनद तट पर अंतिम संस्कार कराया।
  • अध्यक्ष आदर्श रवि राज और विनय कुमार रिक्की ने कहा – “मानवता की सेवा ही संगठन का उद्देश्य है।”
  • स्थानीय लोगों ने संगठन की पहल की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड क्षेत्र में एक अज्ञात विक्षिप्त महिला की मौत के बाद जब पूरे क्षेत्र में दुर्गंध फैलने लगी, तब सामाजिक संगठन ‘युवा भारत चंदवा’ ने मानवता की अनूठी मिसाल पेश की। टूढ़ामू के महुआफील्ड के पास रहने वाली वह महिला कई महीनों से अकेलेपन और बेबसी में जीवन बिता रही थी। शुक्रवार को उसकी मौत हो गई थी, पर पहचान न होने के कारण शव वहीं पड़ा रह गया।

शनिवार को जब भयंकर दुर्गंध से क्षेत्रवासियों का जीना मुश्किल हुआ, तब युवा भारत चंदवा के सदस्यों ने तत्परता और संवेदनशीलता दिखाते हुए चंदवा थाना प्रभारी से संपर्क किया और अंतिम संस्कार की अनुमति मांगी। अनुमति मिलते ही संगठन के सदस्यों ने महिला के शव को सम्मानपूर्वक देवनद तट तक ले जाकर पूरे विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार किया।

संवेदना और सेवा की मिसाल बनी टीम

इस अवसर पर संगठन के अध्यक्ष आदर्श रवि राज, विनय कुमार रिक्की, अंचल कर्मचारी मुनेश्वर गंझु, अंकित कुमार गोलू, रवि ठाकुर, अनिल राम, गोविंदा राम, प्रवीण कुमार भोला, रवि पांडुरंगा, संजय प्रजापति, कृष्णा कुमार, दिलीप कुमार, विजय कुमार, राजा ठाकुर, आशीष कुमार, अंकित कुमार, और कुश कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

अध्यक्ष आदर्श रवि राज और रिक्की वर्मा ने कहा: “युवा भारत चंदवा का उद्देश्य मानवता की सेवा है। असहाय और अज्ञात लोगों के सम्मान की रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है।

समाज में बढ़ती संवेदनशीलता का प्रतीक

मौके पर मौजूद लोगों ने इस कदम की सर्वसम्मति से प्रशंसा की और कहा कि संगठन ने न केवल मानवता की मिसाल पेश की, बल्कि यह भी सिद्ध किया कि संवेदनशीलता ही असली इंसानियत की पहचान है।

न्यूज़ देखो: जब संवेदना बन जाए सेवा

युवा भारत चंदवा ने दिखाया कि इंसानियत जिंदा है। यह पहल हमें याद दिलाती है कि समाज का असली विकास तब होगा, जब हर नागरिक अपने आसपास के जरूरतमंद की जिम्मेदारी समझे।
हर खबर पर रहेगी हमारी नजर।

मानवता ही सबसे बड़ी पूजा

अब समय है कि हम सब मिलकर ऐसे सामाजिक संगठनों का साथ दें जो निःस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा में जुटे हैं। दूसरों की मदद के लिए आगे बढ़ना ही सच्ची श्रद्धांजलि है।
अपनी राय कमेंट करें और इस खबर को शेयर करें ताकि इंसानियत की ये लौ हर दिल तक पहुंचे।

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Ravikant Kumar Thakur

चंदवा, लातेहार

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